जयपुर । राही सहयोग संस्थान के निदेशक प्रबोध कुमार गोविल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि राही सहयोग संस्थान और प्रौढ़ शिक्षण समिति के संयुक्त तत्वावधान में पुस्तक लोकार्पण व लघुकथा कार्यशाला का आयोजन प्रौढ़ शिक्षण समिति के भव्य सभागार में किया गया। कार्यक्रम के आरंभ में पहलगाम आतंकवादी घटना में दिवंगत पर्यटकों व जयपुर की वरिष्ठ साहित्यकार पुष्पा गोस्वामी को मौन धारण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। श्री गोविल ने अतिथियों एवं कार्यशाला के संभागियों का स्वागत करते हुए लोकार्पण होने वाली पुस्तकों व लघुकथा कार्यशाला की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर कथा प्रधान पत्रिका ‘कथाबिंब’ के नवीनतम अंक, प्रबोध गोविल और कान्ता रॉय द्वारा संपादित पुस्तक ‘लघुकथा ट्रैवल्स’ व इंडिया नेटबुक्स के अध्यक्ष व वरिष्ठ साहित्यकार डॉ संजीव कुमार पर आधारित पुस्तक ‘पत्ते कहीं खड़के…’ का लोकार्पण हुआ। डॉ संजीव कुमार को उनकी कृति ‘उर्वशी’ के लिए रामधारी सिंह दिनकर सम्मान से सम्मानित किया गया। सचिव, साकार श्रीवास्तव ने बताया कि लघुकथा कार्यशाला सत्र का आरंभ संस्थान की अध्यक्ष कविता मुखर व नीलम शर्मा ने विधा विशेषज्ञ लघुकथा शोध केंद्र, भोपाल की कांता रॉय और चूरू से पधारे डॉ रामकुमार घोटड़ से संवाद से किया। विशेषज्ञों ने लघुकथा के उद्भव और विकास से लेकर उसके तत्व, लेखन कला कौशल की बारिकियों के बारे में बताया। कार्यशाला के प्रतिभागियों के प्रश्नोत्तर ने एक खुली कक्षा का रूप ले लिया। लेखक- लेखिकाओं ने अपनी लघुकथाऍं पढ़ीं जिन पर विशेषज्ञों ने सटीक व संक्षिप्त टिप्पणियां देकर मार्गदर्शन किया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में वरिष्ठ साहित्यकार नंद भारद्वाज ने कहा कि साहित्य में यह विधा पुरातन काल से क्षेपक, जातक और पंचतंत्र कथाओं के रूप में मौजूद है। हमारी सारी लोककथाऍं भी लघुकथा का ही स्वरूप हैं। कार्यक्रम में जयपुर व देश के विभिन्न भागों से आए साहित्यकारों ने भाग लिया। उपाध्यक्ष टीना शर्मा ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन संगीता गुप्ता ने किया।