ठेकाप्रथा के खिलाफ राजधानी पहुंचे सैकड़ो व्यावसायिक प्रशिक्षक

व्यावसायिक शिक्षा हेतु हरियाणा की तरह पॉलिसी बनाने की मांग,1 जुलाई से व्यावसायिक शिक्षा ठप

जयपुर : समग्र शिक्षा अंतर्गत केंद्र सरकार की महत्वकांशी योजना में कार्यरत व्यावसायिक शिक्षक व्यावसायिक शिक्षा को ठेका प्रथा टेंडर प्रकिया से मुक्त कर हरियाणा की तरह  व्यावसायिक विधार्थियो एवं वोकेशनल ट्रैनर्स हेतु पॉलिसी बनाने हेतु सरकार से लगातार मांग कर रहे है।
हजारों व्यावसायिक शिक्षक आज जयपुर शहीद स्मारक पर सरकार के खिलाफ लामबंद होकर टेंडर प्रकिया खत्म कर ठेका प्रथा हटाने की मांग रखी।
व्यावसायिक शिक्षक एक शोषित एवं पीड़ित वर्ग है जहाँ इनकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही सरकार एवं एजेंसिया मिलकर व्यावसायिक शिक्षकों का शोषण कर रही है  इससे पूर्व कई जिलों में व्यावसायिक शिक्षक ने आत्महत्या का प्रयास भी कर चुके है।
व्यावसायिक शिक्षक वलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रघुपाल सिंह ने बताया की व्यावसायिक शिक्षक विगत 10 वर्षो से अधिक समय से राजकीय विद्यालयों में अल्प वेतन में विधार्थियो को रोजगार पूरक कौशल शिक्षा प्रदान कर रोजगार स्वरोजगार के लायक बना कर आत्मनिर्भर बनाने का कार्य कर रहे है लेकिन सरकार द्वारा यह कार्य टेंडर द्वारा कराया जा रहा है,एक टेंडर समाप्त हो जाने पर नया टेंडर होने में सरकार 10 महीनों से अधिक का समय लगा रही है जिससे व्यावसायिक विधार्थियो को प्रति वर्ष व्यावसायिक शिक्षा का लाभ नहीं मिल पा रहा है और व्यावसायिक शिक्षकों को बेरोजगार होकर घर बैठा दिया जाता है टेंडर होने पर एजेंसिया समय पर भुगतान नहीं करती वर्तमान में 10 माह का वेतन बकाया चल रहा है कई एजेंसिया तो प्रोजेक्ट छोड़ कर बिना वेतन दिए भाग गई है और विभाग ने कोई कार्यवाही नहीं करी है.व्यावसायिक शिक्षकों के साथ एजेंसिया एवं सरकार लगातार शोषण करती आ रही है विरोध करने पर टर्मिनट कर दिया जाता है.
राज्य सरकार को चाहिए की व्यावसायिक शिक्षा में हरियाणा की तरह राजस्थान में भी पॉलिसी बनाई जाएँ.
सिंह ने बताया की मांगे नहीं मानी गई तो हम दिल्ली जाकर मांगे रखेंगे.
प्रदेश मिडिया प्रभारी आर एन रावत ने बताया की कौशल भारत कुशल भारत प्रधानमंत्री की महत्वपूर्ण योजना है केंद्र सरकार करोड़ो रूपये लैब,इंफ्रास्ट्रक्चर,ट्रेनिंग,संसाधनों पर  खर्च कर रही है परन्तु राज्य सरकार की गलत कार्ययोजना से व्यावसायिक शिक्षा का बंटाधार हो रहा है.स्कूल शिक्षा परिषद,शिक्षा मंत्री एवं मुख्यमंत्री को इस बारे में कई बार अवगत करा चुके है पर राज्य सरकार कोई कार्यवाही नहीं कर रही है।हम मांग करते है की हरियाणा,असम,आदि राज्यों की तर्ज पर व्यावसायिक विधार्थी एवं शिक्षकों हेतु पॉलिसी बनें जिससे 1 जुलाई से विधार्थियो को व्यावसायिक शिक्षा का लाभ मिल सके.
*राजस्थान राज्य में व्यवसायिक शिक्षा की संक्षिप्त जानकारी*
*सत्र 2025-26*
व्यवसायिक विद्यालयों की संख्या = *4155*
सभी ट्रेड की  कुल संख्या = *16*
सूचना प्रौद्योगिकी एवम सेवाएं
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर
ब्यूटी एंड वैलनेस
रिटेल
प्लंबर
हेल्थकेयर
कंस्ट्रक्शन
एग्रीकल्चर
ऑटोमोबाइल
अपेरल मेड अप एंड होम फिनिशिंग
बैंकिंग फाइनेंस सर्विस एवम इंश्योरेंस
 टूरिज्म एंड होस्पिटिलिटी
फूड प्रोसेसिंग
सिक्योरिटी
टेलीकॉम
मल्टीमीडिया
प्रोजेक्ट के प्रकार व उनकी संख्या = *7+*
(स्कूल टाइप जहां व्यवसायिक शिक्षा संचालित है)
1. GENERAL VOCATIONAL EDU
2. KGBV
3. MODEL SCHOOL
4. STAR PROJECT
5. CWSN
6. SPOKE SCHOOL
7. PM shree
एजेंसिया जिनका वेतन बकाया चल रहा है
1-IISD 11 माह
2-ICA 8 माह
3-आइसेक्ट 4 माह
4-LNJ ग्रुप -4 माह
5-भगिनी निवेदता -4 माह
6 कमल -4 माह
7-टाइम सेंटर -4 माह
एजेंसिया जो भुगतान लेकर भाग गई
1-फॉरसाईट टेक्नोलॉजी -14 माह
2-ओरियान -7 माह

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