जयपुर/ भोपाल। लघुकथा शोध केंद्र समिति, भोपाल की राष्ट्रीय निदेशक डॉ. काँता रॉय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि जयपुर में लघुकथा विधा के लेखन एवं नए लेखकों के प्रोत्साहन हेतु लघुकथा शोधकेंद्र, भोपाल का स्थानीय केंद्र जयपुर में भी खोलने का निर्णय लिया गया है। वरिष्ठ साहित्यकार एवं लघुकथा के सशक्त हस्ताक्षर डॉ. प्रबोध कुमार गोविल के संरक्षण व मार्गदर्शन में यह केंद्र विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करेगा। इस क्रम में डॉ. कांता रॉय की सहमति से डॉ. गोविल के निर्देशन में कार्यकारिणी का गठन किया गया है जिसमें डॉ. कविता माथुर संयोजक, टीना शर्मा सह-संयोजक होंगी। डॉ. नेहा पारीक सचिव, साकार श्रीवास्तव मीडिया प्रभारी व अरुण ठाकर को कोषाध्यक्ष मनोनीत किया गया है। इस केंद्र का स्थानीय निदेशक श्री दयाराम वर्मा को बनाया गया है। शीघ्र ही स्थानीय लघुकथा केंद्र का विधिवत उद्घाटन किया जाएगा।
डॉ. कविता माथुर ने जानकारी देते हुए बताया कि इसका उद्देश्य लघुकथा विधा के राजस्थान के वरिष्ठ साहित्यकारों को जोड़कर उनके अनुभवों का लाभ नव साहित्यकारों तक पहुँचाना, कॉलेज व स्कूल स्तर पर साहित्यिक कार्यक्रमों के माध्यम से नयी प्रतिभाओं की खोज तथा उनका विकास कर प्रोत्साहित करना, स्थानीय साहित्यकारों को राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय मंच उपलब्ध करवाना है। लघुकथा पर वर्ष में चार कार्यक्रम किये जाने की योजना है।
वर्तमान में शोधकेंद्र, भोपाल के दिल्ली, इंदौर, खण्डवा , रतलाम, अहमदनगर, बुरहानपुर व रीवा केंद्र लघुकथा संवर्धन में कार्यरत हैं।