कांकरोली अयोध्या पुरी में” सतगुरु भक्ति संध्या ” का आयोजन

सत गुरु का सहारा शिष्य भक्ति को  तार देता है। वही तुच्छ स्वार्थ उसे डुबोंभटका देता है। मुनि प्रसन्न
कांकरोली। अयोध्यापुरी ” अर्जन विला’ मुनि श्री संजय कुमार जी के सान्निध्य में मुनि प्रकाश कुमार की उपस्थिति में “सन् गुरु भक्ति संध्या का आयोजन रखा गया। उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए मुनि श्री प्रसन्न कुमार ने कहा- भारतीय संस्कृति और संस्कारों में सतगुरु  भक्ति का बड़ा महत्व है। जैन आगम शस्त्रों में सतगुरु का सब से बड़ा उपकार होता है। माता पिता का एक जन्म का किन्तु सतगुरु का जन्म जन्मान्तर का उपकार होता  है। मोहमाया रुपी संसार के कीचड़ से निकाल कर परमार्थ का मार्ग बताते है। 84 लाख योनियों में घोर दुख के अंधकार से आत्म प्रकाश का रास्ता दिखाते है। परमात्मा बनने का रास्ता प्रशस्त करते है।
जो शिष्य या भत्ता गुरु को कुछ नहीं समझता। आसी-वदि से अपना  काम का सिद्ध होने पर तुच्छ स्वार्थ से प्रेरित होकर गुरु के साथ धोखा करता है। अवर्णवाद करता है। उनकी अनेक की आसातना करता है।
गुरु निंदा करता है वह महा पापी होता है।  गुरु की आज्ञा आदेश भंग करने वाला गुरु के साथ धोखा करता है।
शास्त्र कहते है एसे शिष्य भक्त की अच्छी गति नहीं होती है मोक्ष नहीं मिलता है। दुर्गति का महमान बनता है । दुख बहुल योनियो मैं जन्म मरण करता है। सतगुरु का सहारा शिष्य को तार देता है। वही तुच्छ स्वार्थ से मर दो डूब भटक जाता है
मुनि धैर्य कुमार ने भजन प्रस्तुति दी। मंत्री धनेंद्र मेहता ने आभार ज्ञापित किया । इस दौरान कांकरोली संभा अध्यक्ष लाभ चंद बोहरा , राज नगर बोधिस्थल अध्यक्ष हर्षलाल नवलखा , डॉ विमल कावड़िया, पूर्व अध्यक्ष भीकम कोठारी , हिम्मत बाबेल,मुकेश जैन ,हिम्मत कोठारी , धीरेंद्र जैन,  हस्ती डागा, भूपेंद्र चोरड़िया, मनोज कोठारी, राकेश चोरड़िया व आरती जैन , ज्योत्सना पोखरण, मीणा नौलखा, शीला माद्रेचा,संगीता माद्रेचा , मंजू बागरेचा, गर्वित पालीवाल अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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