व्यावसायिक प्रशिक्षकों ने किया व्यावसायिक शिक्षा कों लेकर शिक्षा मंत्री का घेराव

ठेका प्रथा खत्म कर हरियाणा की तरह पॉलिसी बनाने की मांग
कोटा :समग्र शिक्षा अभियान अतर्गत केंद्र सरकार की महत्वकांशी योजना व्यावसायिक शिक्षा  राजस्थान के लगभग 4155 उच्च माध्यमिक विद्यालयो में संचालित है,इसके माध्यम से कक्षा 9वी से 12वी तक के विद्यार्थियों को रोजगारपरक पाठ्यक्रम के द्वारा तकनीकी हुनरमंद शिक्षा देकर रोजगार स्वरोजगार हेतु मददगार है
 राजकीय विद्यालयों में कार्यरत व्यावसायिक प्रशिक्षको  गत 16 जून को समसा जयपुर ने ठेका कंपनियों से अनुबंध खत्म करके 2903 विद्यालयों में कार्यरत व्यावसायिक प्रशिक्षको को हटा कर बेरोजगार कर दिया है ,  30 जून 2025 को शेष विद्यालयों में कार्यरत व्यावसायिक प्रशिक्षको को भी हटाया जाएगा।
ज्ञात रहे व्यावसायिक शिक्षा योजना में प्रशिक्षक लगाने का कार्य सरकार ठेका कंपनियों को पिछले 11 वर्षों से देती आई है, इस कंपनियों की इस भर्ती प्रक्रिया में मिली भ्रष्टाचार और अनियमितता के कारण समसा जयपुर ने गत मार्च में लगे वोकेशनल ट्रैनरो को एक आदेश क द्वारा आनन फानन में कम्पनियों से समय पूर्व ही अनुबंध निरस्त कर दिया।
इस तरह सरकार इन व्यावसायिक प्रशिक्षको को हटाकर विद्यार्थियों को मिलने वाली रोजगारपरक शिक्षा से वंचित करने वाली है।
क्योंकि जब विद्यालयों में ये वोकेशनल ट्रैनर ही नहीं होंगे तो प्रायोगिक पाठ्यक्रम को कौन पूरा कराएगा ये सवाल अब विद्यार्थियों को सालभर परेशान करने वाला है जिसको लेकर विधार्थियो के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है.
राजस्थान वोकेशनल ट्रैनर वेलफेयर संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी आर एन रावत एवं ज़िला प्रभारी सुनील वैष्णव ने बताया कि
इन्हीं सब समस्याओं को लेकर संघ के संभागीय अध्यक्ष पंकज जी शर्मा के नेतृत्व में कोटा जिले के समस्त व्यावसायिक प्रशिक्षको ने आज चेचट में शिक्षा मंत्री जी का घेराव कर इस समस्या के बारे में अवगत करवाया और ज्ञापन दिया ।
जिसके तहत मंत्री जी ने कहा कि कम्पनियों को मैने ही हटाया है क्योंकि ये कंपनिया इस योजना में भ्रष्टाचार कर रही है, ऐसी शिकायतें विभाग को लगातार मिल रही थी।
अब नए सिरे से इसकी भर्ती प्रकिया शुरू होगी ।
मंत्री जी ने सभी व्यावसायिक प्रशिक्षकों को आगे पढ़ाई करके सरकारी नौकरी करने की सलाह  दें डाली।
उन्होंने कहा कि आप ऐसी योजना में क्यों कार्य कर रहे हो जो सिर्फ एक या दो साल के लिए अनुबंध करती है।
आप पढ़ाई करके अच्छी नौकरी करो।
इस तरह अब सवाल ये उठता है क्या मंत्री जी इस योजना में कार्य करने को अच्छा नहीं मानते है?क्या शिक्षा मंत्री प्रधानमंत्री  स्किल इंडिया के सपने कों तोडना चाह रहे है
अगर ऐसे सभी लोग सोचने लगे तो सरकार की इन योजनाओं में कौन कार्य करेगा ?
क्या ये सभी व्यावसायिक प्रशिक्षक जिन्होंने अपनी जिंदगी के 10- 12वर्ष इन विद्यार्थियों को पढ़ाने में निकाल दिए, सरकारी नौकरी की तैयारी कर पाएंगे?
क्या सरकार इन अल्पवेतनभोगी कर्मचारियों को बेरोज़गारी झेलने पर मजबूर करेगी?
क्या सरकार इन योजनाओं को बेहतर तरीके जैसे हरियाणा सरकार ने “हरियाणा मॉडल” बनाकर वहां कार्यरत समस्त व्यायसायिक प्रशिक्षको को एक बोर्ड गठन करके उसमें शामिल किया, जिसके तहत उनको परमानेंट नौकरी भी मिली और आज वे सभी विद्यालयों में पूरी मेहनत के साथ विद्यार्थियों को रोजगारपरक शिक्षा दे रहे है।
इस दौरान कोटा जिले के समस्त व्यावसायिक प्रशिक्षक उपस्थित रहे।

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