
राठौड़ ने कहा कि शिविरों में उमड़ी भीड़ यह दर्शाती है कि आमजन आज भी बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहा है। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग अपनी शिकायतें लेकर शिविरों में पहुंचे, जो सरकार की असंवेदनशीलता और नीतिगत विफलताओं को उजागर करता है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती से जनजीवन अस्त-व्यस्त है और जल संकट आज भी गंभीर समस्या बना हुआ है। पशुओं के पानी के हौद खाली पड़े है, पेयजल हेतु स्थानीय लोग पानी की टंकिया डलवाने को मजबूर है। राठौड़ ने शिविर में मौजूद अधिकारियों से आग्रह किया कि जनसमस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाए और पीड़ितों को त्वरित राहत प्रदान की जाए।
राठौड़ ने कहा कि इन समस्याओं को लेकर पिछले दिनों बाड़मेर विकास संघर्ष समिति के नेतृत्व में जिला कलेक्ट्रेट परिसर के सामने धरना-प्रदर्शन किया गया था, ताकि प्रशासन का ध्यान इन मुद्दों की ओर खींचा जा सके। उस दौरान जिला प्रशासन ने जमीनी मुद्दों पर अमल करने और आमजन को राहत प्रदान करने का आश्वासन दिया था। मगर हमारे जनप्रतिनिधियों की कमजोर पैरवी के कारण आज भी गांवों में मूलभूत सुविधाओं के संघर्ष करना पड़ रहा है।
उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस कार्य नहीं हो पा रहा है और अधिकांश योजनाएं केवल कागज़ों तक सीमित रह गई हैं। सरकार की घोषणाएं हकीकत में तब्दील नहीं हो रहीं, जिससे आमजन खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है और जनता रोजमर्रा की समस्याओं से जूझ रही है। राठौड़ ने कहा कि भाजपा शासन से आमजन त्रस्त है, क्योंकि न तो योजनाओं का लाभ सही तरीके से पहुंच पा रहा है और न ही प्रशासनिक स्तर पर गंभीरता दिखाई दे रही है। उन्होंने मांग की कि सरकार ज़मीनी हकीकत को समझे और केवल प्रचार की बजाय वास्तविक कार्य पर ध्यान केंद्रित करे।
( कार्यालय श्री आज़ाद सिंह राठौड़, सचिव- राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी, बाड़मेर