बिजली व जल संकट पर आजाद ने सरकार को घेरा, कहा : मूलभूत सुविधाओं के लिए अब भी जूझ रही है जनता ।
बाड़मेर / 9 जुलाई
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं युवा नेता आज़ाद सिंह राठौड़ ने बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र में अंत्योदय संबल पखवाड़ा शिविरों का दौरा कर क्षेत्र की जमीनी हकीकत को उजागर किया। राठौड़ ने सरकार पर जनहित के मुद्दों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए आज भी ग्रामीणों को संघर्ष करना पड़ रहा है।
राठौड़ ने जुना पतरासर, गुड़ीसर, कुडला, भादरेश, समेत कई पंचायतों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से सीधा संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं और उनके समाधान के लिए अधिकारियों से त्वरित कार्रवाई की मांग की।
उन्होंने वन विभाग को शिविरों में नजरअंदाज करने और बिजली व जलदाय विभाग के अधिकारियों की अनुपस्थिति पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया। राठौड़ ने कहा कि शिविरों में उमड़ी भीड़ इस बात का प्रमाण है कि जनता बुनियादी सेवाओं से वंचित है। गांवों में बिजली की अनियमित आपूर्ति और गंभीर जल संकट ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। पशुओं के लिए बनाए गए हौद सूखे पड़े हैं और ग्रामीणों को अपने खर्चे पर पानी की टंकियां भरवानी पड़ रही हैं। राठौड़ ने यह भी बताया कि इन समस्याओं को लेकर कुछ दिन पूर्व बाड़मेर विकास संघर्ष समिति के नेतृत्व में जिला मुख्यालय पर शांतिपूर्ण धरना दिया गया था, जहां प्रशासन ने जल्द राहत देने का आश्वासन दिया था। मगर जनप्रतिनिधियों की कमजोर पैरवी और सरकार की असंवेदनशीलता के कारण हालात जस के तस बने हुए हैं।
उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अधिकांश योजनाएं सिर्फ कागज़ों पर हैं और जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्य नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक तंत्र में गंभीरता का अभाव है, जिससे आमजन खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है। उन्होंने मांग की कि पखवाड़ा शिविरों में जनता के जरूरी कार्य नहीं हुए है, इतना समय पर्याप्त नहीं था, सरकार को जनसमस्याओं के समाधान हेतु ऐसे शिविर फिर से आयोजित करने चाहिए।
राठौड़ ने सरकार से मांग की कि वह ज़मीनी सच्चाई को समझते हुए केवल प्रचार की बजाय वास्तविक समाधान की दिशा में काम करे, ताकि जनता को राहत मिल सके और उनका विश्वास फिर से बहाल हो।