श्रीगंगानगर, जुलाई 2025 –देश भर में कपास उगाने वाले प्रमुख क्षेत्रों के किसान श्रीराम साईशो के बेहतरीन परिणामों से बेहद संतुष्ट हैं, इस कीटनाशक के इस्तेमाल से उनकी फसलें स्वस्थ हो रही हैं और उन्हें घातक जैसिड्स से राहत मिली है।
पिछले साल श्रीराम फार्म सोल्युशन्स ने नए पेटेंटेड कीटनाशक श्रीराम साईशो का लॉन्च किया, जिसे कई प्रकार के घातक कीटों जैसे कपास एवं बैंगन को जैसिड्स, चावल को डब्ल्यूबीपीएच और बीपीएच से सुरक्षित रखने तथा फसल के समग्र स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए डिज़ाइन किया गया। अपने सघन फॉर्मूले और बेहतरीन जापानी तकनीक के कारण श्रीराम साईशो कीट नियन्त्रण में उच्च दक्षता को सुनिश्चित करता है। इसका तेज़ी से काम करने वाला फॉर्मूला कीट के नर्वस ट्रांसमिशन (तंत्रिका संचरण) को बाधित कर तुरंत सुरक्षा प्रदान करता है, जिसके चलते कीट असामान्य व्यवहार करने लगता है और मर जाता है।
उत्तर भारत में कई फील्ड डेमोन्स्ट्रेशन्स में इस कीटनाशक के शानदार परिणाम देखने को मिले हैं। भिवानी जिले के एक प्रगतिशील कपास किसान रमेश कुमार कई सालों से जैसिड्स (हरे लीफहॉपर) की समस्या से जूझ रहे थे। इस बार अपने एक एकड़ खेत में उन्होंने श्रीराम साईशो का इस्तेमाल किया, जिसके बाद फसल पर जैसिड्स का हमला नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि पौधे पर ज़्यादा शाखाएं उगीं, पत्तियां ज़्यादा हरी एवं कोमल थीं, पौधे की उंचाई भी बढ़ गई। वे कपास उगाने वाले अन्य साथी किसानों को भी श्रीराम साईशो इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।
सिरसा से एक और युवा किसान पवन कुमार ने भी कुछ इसी तरह के अनुभव साझा किए। अपने खेत की 4 पंक्तियों में श्रीराम साईशो के बेहतरीन परिणाम मिलने के बाद अब वे पूरे खेत में इस कीटनाशक का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें जैसिड्स से ज़बरदस्त राहत मिली है और फसल भी ज़्यादा स्वस्थ रूप से विकसित हो रही है।
अच्छे परिणाम पाने के लिए श्रीराम साईशो का इस्तेमाल कीट संक्रमण के शुरूआती चरण में ही कर लेना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि पूरी फसल पर इसका कवरेज ठीक से हो। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे कीट से बचने के लिए अनुशंसित मात्रा में ही कीटनाशक का प्रयोग करें।
श्रीराम फार्म सोल्युशन्स अपने आधुनिक, प्रभावी एवं किफ़ायती फसल सुरक्षा उत्पादों के साथ भारतीय किसानों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। साईशो अब देश भर में श्रीराम के अधिकृत डिस्ट्रीब्यूटरों एवं अग्रणी कृषि-रीटेलरों के पास उपलब्ध है।