अधिशेष शिक्षकों के पदस्थापन पर रोक लगाने के मौखिक आदेश का विरोध

शिक्षक संघ (सियाराम) ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व शिक्षा सचिव को भेजा ज्ञापन
जयपुर : 24 जुलाई / राजस्थान शिक्षक संघ (सियाराम) के मुख्य संरक्षक व प्रशासनिक अध्यक्ष सियाराम शर्मा ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व शिक्षा सचिव को ज्ञापन भेजकर एमजीजीएस स्कूलों से अधिशेष हुए शिक्षकों के कार्यग्रहण पर संयुक्त निदेशक जयपुर द्वारा रोक लगाने के मौखिक आदेश का कड़ा विरोध किया है।संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष भगवत डांगी ने बताया कि एमजीजीएस विद्यालयों के लिए शिक्षकों का चयन उनका पदस्थापन एवं उनके पदस्थापन से हुये अधिशेष शिक्षकों का समायोजन पहली बार विभागीय निर्देशानुसार सही हुआ है तथा शिक्षकों में किसी भी प्रकार का असंतोष नहीं है, क्योंकि इनमें किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार एवं राजनैतिक हस्तक्षेप नहीं हुआ है।राजस्थान सरकार और शिक्षा विभाग के प्रति शिक्षकों में सकारात्मक संदेश गया है। इसके लिए संगठन ने सरकार व शासन सचिव स्कूल शिक्षा कृष्ण कुणाल और निदेशक माध्यमिक शिक्षा एवं प्रारंभिक शिक्षा सीताराम जाट का आभार जताया।जिला अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह गुर्जर ने बताया कि प्रदेश पदाधिकारियों द्वारा संयुक्त निदेशक, स्कूल शिक्षा, जयपुर संभाग, जयपुर और निदेशक से दूरभाष पर हुये सम्पर्क से ज्ञात हुआ है कि केवल जयपुर में कार्यग्रहण एवं कार्यमुक्त पर रोक लगाई गई है, जो कि न्याय संगत नहीं है। अधिकांश शिक्षकों ने समायोजन के आदेशों की अनुपालना में कार्यमुक्त होकर कार्यग्रहण कर लिया है। संगठन ने जयपुर में कार्यग्रहण एवं कार्यमुक्त की रोक को तुरन्त हटाने की मांग की है अन्यथा इसको लेकर आन्दोलन भी होगें और न्यायालय प्रकरण भी होगें। यह दोनों ही स्थिति शिक्षा विभाग के लिए उचित नहीं है। साथ ही इन शिक्षकों को माह जुलाई 2025 का वेतन भी समय पर नहीं मिल सकेगा।संगठन ने राज्य सरकार से निदेशक माध्यमिक एवं प्रारंभिक शिक्षा ने किस दबाव में एवं किन कारणों से केवल जयपुर में इन अधिशेष शिक्षकों के समायोजन आदेश पर कार्यग्रहण एवं कार्यमुक्त पर मौखिक रूप से रोक लगाई है, उसकी निष्पक्ष जाँच करवायी जाये।साथ ही शिक्षा विभाग द्वारा अधिशेष शिक्षकों के समायोजन के संबंध में जो दिशा-निर्देश जारी किये गये थे उनके अनुसार जिन शिक्षा अधिकारियों द्वारा कार्यवाही नहीं की गई है, उन शिक्षा अधिकारियों की जाँच करवाकर उनको निलम्बित किया जावे ।

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