सेरेन्डिपिटी आर्ट्स फेस्टिवल गोवा में चर्चा के केंद्र में होगी राजस्‍थानी चारपाई

जयपुरसितम्बर, 2025 – गोवा में 12 से 21 दिसंबर 2025 तक सेरेन्डिपिटी आर्ट्स फेस्टिवल के 10वें संस्‍करण का आयोजन होना है जिसे देश में कला के उत्‍सव के रूप में मील का पत्‍थर माना जाता है। पिछले एक दशक में सेरेन्डिपिटी ने देश में सांस्‍कृतिक आयोजन उत्‍सवों में एक अद्वितीय स्थान बनाया है जहां दृश्य कलारंगमंचनृत्यसंगीतशिल्पडिजाइनफोटोग्राफी और रसोई (पाक-कला) संबंधी परंपराएं एक साथ आती हैं। वर्ष 2016 में एक प्रयोग के रूप में जो शुरू हुआ आयोजन अब एक आंदोलन बन गया है, जो संस्कृति की संभावनाओं को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए हजारों कलाकारोंक्यूरेटरों और दर्शकों को एक साथ लाता है।

इस वर्ष अभूतपूर्व आयोजन के बीच अपने चारपाई प्रोजेक्‍ट के साथ राजस्‍थान भी आकर्षण का केंद्र होगा। जयपुर के जानमाने डिजाइनर आयुष कासलीवाल और रामायुध साहू ने सेरेन्डिपिटी आर्ट्स फेस्टिवल के वर्ष 2018 के संस्करण में पहली बार इस प्रोजेक्‍ट को प्रदर्शित किया था। चारपाई वह वस्‍तु है जो भारतीय जीवन दर्शन का सार प्रस्‍तुत करती है। रस्सी से बुनी गईसाधारण किन्तु सरल चारपाई एक बिस्तरएक आसनएक विश्राम स्थल और एक सभा स्थल है। गाँवों और शहरों दोनों जगह चारपाई ने घरेलू जीवन की आत्मीयता और सामूहिक आदान-प्रदान की जीवंतता को अपने में समेटे रखा है। सेरेन्डिपिटी फेस्टिवल में यह साधारण सा फर्नीचर संवाद और नए आविष्कार का मंच बन जाता है। यह परियोजना देश के प्रमुख डिज़ाइनरों और विचारकों को भविष्य के लिए चारपाई को पुन: परिभाषित करने के लिए आमंत्रित करती है। यह जानने की कोशिश करती है कि हमेशा अपनी संस्‍कृति का प्रमुख हिस्‍सा रही चारपाई का समकालीन जीवन में क्या अर्थ हो सकता है।

आयुष कासलीवाल कहते हैं, ‘चारपाई एक फर्नीचर मात्र से ज्‍यादा कुछ है। यह अपने आप में आइडिया ऑफ इंडिया है। इसने हमेशा अपने समय की आवश्यकताओं के अनुरूप खुद को ढाला है और इस परियोजना के माध्यम से हम परंपरासतत् विकास और समुदाय के बारे में विमर्श को बढ़ावा देने की आशा करते हैं, जो आज भी उतनी ही प्रासंगिक लगती है जितनी सदियों पहले थी। सेरेन्डिपिटी आर्ट्स फेस्टिवल मेंयह एक जीवंत स्थापना बन जाती है जो हमें बदलती दुनिया में परंपराडिजाइन और सामुदायिकता पर विचार करने के लिए आमंत्रित करती है।

जयपुर के दर्शकों के लिए यह परियोजना एक विशेष प्रतिध्वनि हैक्योंकि यह हमें याद दिलाती है कि यदि रोशनी डाली जाए तो हमारे दैनिक जीवन के सबसे परिचित रूप भी चारपाई से जुड़ी कहानियों से बने हैं।

सेरेन्डिपिटी आर्ट्स विश्व पर्यटन दिवस यानी 27 सितम्बर को हमें याद दिलाता है कि यात्राएं संस्कृति और शिल्प की गतिशीलता से भी जुड़ी हैं। पर्यटन केवल गंतव्यों के बारे में नहीं हैयह विचारोंपरंपराओं और जीवन के तरीकों के आदान-प्रदान के बारे में है जो हमारे साथ यात्रा करते हैं। चारपाई इसी भावना का प्रतीक है। राजस्थान के आँगन से लेकर पूरे भारत के घरों तकयह हमेशा से एक फर्नीचर से कहीं बढ़कर रही है। चारपाई मेलजोलआराम और अपनेपन का प्रतीक है। सेरेन्डिपिटी आर्ट्स फेस्टिवल मेंयह चिर-परिचित वस्तु एक और सफर करती हैगोवा के दिल तक जाती है और भविष्य के आर्टवर्क के रूप में इसकी कल्‍पना की जाती है। इस तरहचारपाई हमें याद दिलाती है कि सबसे सरल परम्पराएं भी समय और स्थान से परे जाने की शक्ति रखती हैंलोगों को एक साथ लाती हैं और जहां भी जाती हैंवहां नई चर्चा को जन्म देती हैं।

चारपाई प्रोजेक्‍ट सेरेन्डिपिटी आर्ट्स फेस्टिवलपणजी में प्रदर्शित होने वाले 150 से अधिक प्रोजेक्‍ट्स और प्रदर्शनों में से एक है।

अनुराधा कपूर और लिलेट दुबे के नेतृत्‍व में शक्तिशाली थिएटर से लेकरशेफ मनु चंद्राशेफ थॉमस जकारियास और द लोकावोर की प्रयोगात्‍मक फूड जर्नीजुबिन बालापोरिया और एहसान नूरानी के जैज़-फ्यूजन कॉन्‍सर्ट और शुभा मुद्गल और अनीश प्रधान के साथ-साथ बिक्रम घोष द्वारा आयोजित शास्त्रीय संगीत की प्रस्‍तुति तकराहाब अल्लानादिनेश खन्नारश्मि वर्मासंदीप संगारूवीरांगना सोलंकीरंजीत होसकोटेसुदर्शन शेट्टी और कई अन्य क्यूरेटरों द्वारा फोटोग्राफीशिल्प और समकालीन कला पर प्रदर्शनियों तक यह महोत्सव शहर को रचनात्मकता के जीवंत केंद्र में बदल देगा। नदी किनारे स्थित सैरगाहोंहेरिटेज बिल्डिंग्‍स और सार्वजनिक उद्यानों को सांस्कृतिक स्थलों के रूप में पुनर्कल्पित करने के साथसेरेन्डिपिटी आर्ट्स फेस्टिवल दस दिन तक एक ही स्थान पर भारत की कलात्मक विविधता का अनुभव करने का एक दुर्लभ अवसर प्रदान करता है।

यह फेस्टिवल एक दशक से दक्षिण एशिया की सांस्कृतिक गाथा को आकार देने का काम कर रहा है और इस वर्ष इसका अब तक का सबसे बड़ा और शानदार संस्करण होने की उम्‍मीद है। राजस्थान वासियों के लिए यह गर्व का क्षण है कि घरसमुदाय और लचीलेपन का प्रतीक चारपाई को एक बार फिर उस उत्सव में प्रमुख स्थान मिल रहा है जो समकालीन भारत की भावना को दर्शाता है। इस दिसंबर गोवा में होना कला के सभी रूपों के जीवंत उत्सव में शामिल होने का निमंत्रण है। यह एक ऐसा समागम है जिसके बारे में दसवें संस्करण के समापन के बाद भी लंबे समय तक चर्चा होती रहेगी। आइये 12 से 21 दिसंबर तक गोवा में आयोजित होने वाले सेरेन्डिपिटी आर्ट्स फेस्टिवल में देश के सबसे बड़े कला उत्सव का हिस्सा बनें।

सेरेन्डिपिटी आर्ट्स फेस्टिवल के बारे में 

सेरेन्डिपिटी आर्ट्स फेस्टिवल गोवा की 3 लाख वर्गफीट  में फैली प्रतिष्ठित इमारतों और वैकल्पिक स्थानों को दक्षिण एशिया के प्रमुख बहु-विषयक सांस्कृतिक मंच में बदल देता है। फिल्मलाइव आर्ट्स और साहित्य के साथ-साथ विजुअलपरफॉर्मिंग और पाक-कला संबंधी आर्ट्स को शामिल करते हुए यह महोत्सव यथास्थिति को चुनौती देते हुए कला और दर्शकोंशहर और नागरिकोंमंच और दर्शकों के बीच संबंधों को प्रगाढ़ करता है। इन द्वंद्वात्मकताओं के भीतर काम करते हुए हम ऐसे संवाद को बढ़ावा देते हैं जो सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करते हैं और मानवीय रिश्‍तों को गढ़ते हैं जिनका प्रभाव विभिन्न क्षेत्रों और पीढ़ियों तक में फैलता है। यह सिद्ध है कि सांस्कृतिक आयोजन शहरों को बदल सकते हैंयह महोत्सव एक ऐसी संरचना के रूप में संचालित होता है जिसे किसी भी शहर और किसी भी मंच के अनुकूल बनाया जा सकता है। यह सांस्कृतिक प्रयोग कलात्मक अभ्यास का समर्थन करता हैसाथ ही यह दर्शाता है कि संस्कृति समानुभूति रखने वाले नेतृत्व को विकसित करती हैदयालुता सिखाती है और एक सुरक्षितस्वस्थ और प्रगतिशील समाज की नींव रखती है।

सेरेन्डिपिटी आर्ट्स

सेरेन्डिपिटी आर्ट्स दिल्ली स्थित एक गैर-लाभकारी सहयोगी मंच हैजो पूरे दक्षिण एशिया में उभरते कलाकारों को सपोर्ट करके सहानुभूतिजिज्ञासा और अंतर-सांस्कृतिक संवाद को बढ़ावा देता है। फाउंडेशन का उद्देश्य कलात्मक अभ्यास को पोषित करनाअनुसंधान को बढ़ावा देना और कला के क्षेत्र में स्थिरता और शिक्षा प्रदान करना है। पिछले दशक सेसेरेन्डिपिटी आर्ट्स ने व्यापक निवासअनुदान,ग्रांट्ससाझे प्रोजेक्‍ट्स और कला लेखन के माध्‍यम से एक बहु-विषयक कला महोत्सव के रूप में कार्य किया है। साथ ही देश की सांस्कृतिक विरासत संबंधी परियोजनाओं को भी प्रोत्साहित किया है।

सेरेन्डिपिटी आर्ट्स फेस्टिवल का 10वां संस्‍करण 12 से 21 दिसंबर2025 तक गोवा के पणजी में आयोजित किया जाएगा।

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