जयपुर, नवंबर 2025 : फ़ाइज़र ने भारत में रिमेजेपेंट ओरली डिसइंटीग्रेटिंग टैबलेट लॉन्च करने की घोषणा की है। यह नई दवा माइग्रेन के उन वयस्क मरीजों के लिए तैयार की गई है जिन्हें पहले ट्रिप्टान आधारित दवाओं से पर्याप्त लाभ नहीं मिला था। रिमेजेपेंट माइग्रेन के अचानक होने वाले दर्द — चाहे ऑरा हो या न हो — के उपचार में तेज़ और लंबे समय तक टिकने वाली राहत प्रदान करती है।
रिमेजेपेंट ओरली डिसइंटीग्रेटिंग टैबलेट का असर उपचार के तुरंत बाद शुरू होता है और 48 घंटे तक दर्द से राहत बनाए रखने में सक्षम है। यह दवा उन मरीजों के लिए भी उपयुक्त है जिन्हें बार-बार दर्द निवारक लेने से “ओवरयूज़ हेडेक” का खतरा रहता है। इसके कारण मरीज जल्दी से अपनी दैनिक गतिविधियों में वापस लौट पाते हैं और माइग्रेन से जुड़े परेशान करने वाले लक्षणों से लगातार राहत महसूस करते हैं।
यह दवा 75 एमजी ओडीटी के रूप में उपलब्ध है और इसे बिना पानी के भी आसानी से लिया जा सकता है — जो इसे यात्रा, कार्यस्थल या कहीं भी उपयोग के लिए सुविधाजनक बनाता है
रिमेजेपेंट माइग्रेन के उपचार में एक नए मानक की शुरुआत करता है। यह दवा माइग्रेन की प्रक्रिया में भूमिका निभाने वाले CGRP (कैल्सिटोनिन जीन-रिलेटेड पेप्टाइड) को ब्लॉक करती है, जिससे दर्द के शुरू होने और बढ़ने की प्रक्रिया को प्रभावी रूप से रोका जा सकता है। इसकी वजह से मरीजों को तेज़, भरोसेमंद और लंबे
फ़ाइज़र लिमिटेड, इंडिया की मैनेजिंग डायरेक्टर, मीनाक्षी नेवतिया ने कहा, “हम रिमेजेपेंट को भारत में लाने के लिए बहुत उत्साहित हैं। माइग्रेन से पीड़ित लोगों के लिए यह दवा बड़ा बदलाव ला सकती है। हमें विश्वास है कि यह उपचार माइग्रेन के मरीजों को दर्द को अधिक प्रभावी तरीके से नियंत्रित करने में मदद करेगा और उन्हें मौजूदा विकल्पों की तुलना में जल्दी अपनी रोजमर्रा की उत्पादकता वापस पाने में सक्षम बनाएगा। फ़ाइज़र में हमारा उद्देश्य ऐसी दवाओं को विकसित करना है, जो मरीजों की ज़िंदगी बदल दें। रिमेजेपेंट के लॉन्च के साथ हम अपने इस उद्देश्य को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहे हैं।”
रिमेजेपेंट एक सुरक्षित थेरेपी के रूप में तेजी से उभर रही है। सीजीआरपी रिसेप्टर को ब्लॉक करने की इसकी क्षमता माइग्रेन की जड़ पर सीधे असर डालती है। इसकी अनुकूल सुरक्षा प्रोफ़ाइल मरीजों को दवा लेने के तुरंत बाद सामान्य दिनचर्या में लौटने में सक्षम बनाती है।
भारत में माइग्रेन हर साल करीब 213 मिलियन (21.3 करोड़) लोगों को प्रभावित करता है, और इसकी वजह से लोगों की साल में लगभग 17 दिन की कामकाज की क्षमता कम हो जाती है। फ़ाइज़र की यह नई थेरेपी माइग्रेन उपचार में मौजूद कमी को पूरा करने और मरीजों को बेहतर, उन्नत और वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित समाधान उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।