2 साल : नव उत्थान-नई पहचान, बढ़ता राजस्थान- हमारा राजस्थान
डबल इंजन सरकार का फायदा : केंद्र की योजनाओं का राजस्थान को मिल रहा दोगुना लाभ
केन्द्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में राजस्थान देश के अग्रणी राज्यों में शामिल
जयपुर/अजमेर, 8 दिसम्बर। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में दोगुनी दक्षता से केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ सीधे प्रदेशवासियों को मिल रहा है। मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में प्रदेश में केन्द्रीय योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो रहा है। प्रदेश में केंद्र प्रायोजित योजनाओं के धरातल पर हो रहे इस बेहतर क्रियान्वयन के पीछे केंद्र और राज्य सरकार के बीच मजबूत प्रशासनिक समन्वय, सहयोग और समझ मूल कारण है। इसी का परिणाम है कि राज्य नवीकरणीय ऊर्जा, पीएम कुसुम, पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना, आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, प्रधानमंत्री आवास, किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं में तेजी से आगे बढ़ा है और देश के अग्रणी राज्यों में सम्मिलित है।
आमजन बन रहा ऊर्जादाता
ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में राजस्थान लगातार आगे बढ़ रहा है। पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत 1.09 लाख से अधिक रूफटॉप सोलर संयंत्र स्थापित किए गए हैं, जिनकी कुल क्षमता 441 मेगावाट है। पीएम कुसुम योजना को बीते दो वर्षों में राज्य सरकार ने मजबूत इच्छाशक्ति के साथ धरातल पर गति दी है। दिसम्बर, 2023 में जब मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश की बागडोर संभाली, तब कंपोनेंट-ए एवं कंपोनेंट-सी में मात्र 122 मेगावाट क्षमता के विकेन्द्रित सौर ऊर्जा संयंत्र ही स्थापित हुए थे। विगत दो वर्षों में इस योजना में 2460 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी हैं। इसका अर्थ यह है कि मात्र दो वर्षों में ही 2338 मेगावाट क्षमता सृजित की गई है। इस योजना के कारण प्रदेश का आम किसान ऊर्जादाता बना है और प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता के नए युग की शुरूआत हुई है। इन संयंत्रो से निर्मित ऊर्जा से 1.54 लाख किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध हुई है।
मरुधरा में नवीन जल क्रांति का आगाज
राज्य में जल प्रबंधन की दिशा में रामजल सेतु लिंक परियोजना एक ऎतिहासिक कदम साबित होने जा रही है। इसके तहत 26 हजार करोड़ रुपये के कार्यादेश जारी किए जा चुके हैं। इससे भविष्य में राज्य सिंचाई और पेयजल की उपलब्धता में आत्मनिर्भर बन सकेगा। केंद्रीय योजना जल जीवन मिशन ने प्रदेश के लाखों परिवारों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया है। गत दो वर्षों में 13 लाख से अधिक घरों में पाइपलाइन से पीने के पानी के कनेक्शन दिए गए हैं, जिसमें 10 हजार 482 करोड़ रुपये व्यय किये गए हैं।
मुफ्त इलाज से लाखों मरीज आयुष्मान
प्रदेश में स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का दायरा तेजी से बढ़ा है। इस योजना से मात्र दो वर्षों में ही 30.68 लाख से अधिक मरीजों को 6 हजार करोड़ रुपये से अधिक का लाभ मिला है। राज्य सरकार इस योजना को गरीबों और कमजोर वर्गों तक पहुंचाकर उन्हें उपचार में आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है।
7 लाख लोगों के पक्के घर का सपना हुआ साकार
केन्द्र प्रवर्तित प्रधानमंत्री आवास योजना ने भी बीते दो वर्षों में लाखों प्रदेशवासियों का पक्के आवास का सपना साकार किया है। राजस्थान में मात्र दो साल में ही 2.06 लाख पक्के आवासों का निर्माण पूरा किया है और 7.61 लाख आवास स्वीकृत किए गए हैं।
महिला सशक्तिकरण में पेश की नई मिशाल
केंद्र सरकार की महिला कल्याण की योजनाओं से प्रदेश के सामाजिक ढांचे में सकारात्मक बदलाव आया है। पीएम मातृ वंदना योजना के अंतर्गत प्रदेश की 9.92 लाख महिलाओं को 531 करोड़ रुपए की सहायता राशि उलब्ध करवाई गई है। इसी प्रकार लखपति दीदी योजना से राज्य में 19.45 लाख महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया है और 12.06 लाख महिलाएँ आर्थिक रूप से लखपति दीदी बन गई हैं। डबल इंजन की सरकार ने इस योजना का बेहतर क्रियान्वयन कर महिलाओं को स्वावलंबी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
जनजातीय क्षेत्रों में बह रही विकास की धारा
प्रदेश में जनजातीय क्षेत्रों के विकास और उनकी संस्कृति के संरक्षण के लिए निरंतर प्रभावी कार्य किए जा रहे हैं। जनजातीय समुदाय की प्रगति के लिए राज्य में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान को गति दी गई है। इस अभियान के लिए 6019 गांवों का चयन कर वहां शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और आजीविका से संबंधित योजनाओं का विस्तृत क्रियान्वयन किया जा रहा है। धरती आबा अभियान में देशभर में प्रथम स्थान पर रहने पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने गत दिनों राज्य को सम्मानित किया है।
रोजगार के साथ-साथ श्रमिक परिवारों का भी हो रहा कल्याण
राज्य में श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी दिशा में गत दो वर्षों में ई-श्रम पोर्टल पर 17.41 लाख श्रमिकों का पंजीकरण किया गया है। वहीं प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना में 24 हजार 191 श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। इसके अतिरिक्त स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए पीएम स्वनिधि योजना के तहत मात्र दो वर्षों में ही 87 हजार से अधिक रेहड़ी पटरी व छोटे व्यापारियों को ऋण स्वीकृत किए गए हैं। साथ ही, पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत 2.13 लाख कारीगरों को प्रशिक्षण तथा 49 हजार 306 लाभार्थियों को ऋण उपलब्ध कराया गया है।
अन्नदाता डबल सम्मान, पात्र परिवारों का खाद्य सुरक्षा में जुडा नाम
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से देशभर के किसानों को आर्थिक सहायता मिल रही है। मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा ने एक कदम आगे बढ़कर इस सहायता में वृद्धि कर अन्नदाता का डबल सम्मान सुनिश्चित किया है। किसान सम्मान निधि के तहत प्रदेश के 76.18 लाख किसानों को सिर्फ दो साल में ही 8 हजार 359 करोड़ रुपये से अधिक की राशि उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की जा चुकी है। इससे किसानों को कृषि कार्यों में राहत और उत्पादन बढ़ाने में मदद मिल रही है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रदेश में 47.47 लाख व्यक्तियों के स्वेच्छा से ‘गिव-अप’ करने के बाद 70.17 लाख योग्य व्यक्तियों को सूची में शामिल किया गया है। इससे वास्तविक लाभार्थियों तक योजना का लाभ पहुंचा है।
निवेश में सिरमौर बन रहा राजस्थान
प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने राईजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन किया जिसमें करोड़ों रुपए के निवेश अब तक धरातल पर उतर चुके हैं। इसी प्रकार केन्द्रीय उपक्रमों के साथ 2.61 लाख करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिससे भविष्य में बड़े स्तर पर औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन का मार्ग प्रशस्त होगा।
राज्य सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर विशेष-
2 सालर : नव उत्थान-नई पहचान, बढ़ता राजस्थान- हमारा राजस्थान
राजस्थान सरकार की क्रांतिकारी पहल : ग्राम पंचायत स्तर पर अटल ज्ञान केंद्रों की स्थापना से ग्रामीण युवाओं का होगा सशक्तिकरण
जयपुर/अजमेर, 8 दिसम्बर। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में ज्ञान और विकास की नई क्रांति की शुरुआत की है। इसके अंतर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर अटल ज्ञान केंद्रों की स्थापना की जाएगी, जिसके माध्यम से ग्रामीण युवाओं को डिजिटल शिक्षा, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और कैरियर परामर्श जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यह पहल राज्य सरकार के पिछले दो वर्षों के समर्पित प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें विकास, शिक्षा और युवा सशक्तिकरण पर विशेष जोर दिया गया है।
पिछले दो वर्षों में मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में प्रदेश विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचा है। सरकार ने युवा प्रोत्साहन, ग्रामीण विकास, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और रोजगार सृजन जैसे क्षेत्रों में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की हैं। अटल ज्ञान केंद्रों की स्थापना इसी दिशा में एक और मील का पत्थर है, जो ग्रामीण युवाओं को शहरों के समकक्ष अवसर प्रदान कर राज्य को विकसित राजस्थान की ओर अग्रसर कर रहा है। इन केंद्रों से न केवल शिक्षा का प्रसार होगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई गति मिलेगी। इससे शहर और गांव, सम्पन्न और कम संसाधन वाले लोगों के बीच स्थित डिजिटल डिवाइड समाप्त होगी।
अटल ज्ञान केंद्रों की विशेषताएं
ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल क्रांति की नींव को सशक्त करने की दिशा में अटल ज्ञान केंद्र राजस्थान सरकार की एक अनूठी पहल है, जो ग्राम पंचायत स्तर पर स्थापित किए जा रहे हैं। इन केंद्रों का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण युवाओं और नागरिकों को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ना है। प्रत्येक केंद्र में ई-लाइब्रेरी की सुविधा उपलब्ध होगी, जहां पुस्तकें और शैक्षणिक सामग्री डिजिटल रूप में मौजूद रहेगी। कंप्यूटर और इंटरनेट की व्यवस्था से युवा ऑनलाइन अध्ययन कर सकेंगे। विशेष रूप से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समर्पित सेक्शन होगा, जहां अध्ययन सामग्री उपलब्ध होगी। इसके अलावा, कैरियर परामर्श और क्षमता निर्माण कार्यक्रम भी केंद्र का महत्वपूर्ण हिस्सा होंगे। साथ ही केंद्रों में ई-मित्र और कॉमन सर्विस सेंटर भी स्थापित किए जाएंगे, जहां नागरिक राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले सकेंगे। प्रत्येक केंद्र में एक प्रशिक्षित अटल प्रेरक नियुक्त किया जाएगा, जो दैनिक संचालन का प्रबंधन करेगा और नागरिकों को सहायता प्रदान करेगा। यह प्रेरक स्थानीय युवा होगा, जिसे विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, इससे स्थानीय रोजगार भी सृजित होगा। अटल ज्ञान केंद्र न केवल शिक्षा का माध्यम बनेंगे बल्कि सामाजिक परिवर्तन के वाहक भी साबित होंगे।
पहले चरण की प्रगति
अटल ज्ञान केंद्रों की स्थापना के कार्य को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। फेज-1 के अंतर्गत 3,000 से अधिक जनसंख्या वाले ग्राम पंचायत मुख्यालयों को प्राथमिकता दी गई है। अब तक 1,274 केंद्रों को चिन्हित किया जा चुका है और इनके लिए वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गई है। इस चरण के बाद प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों को कवर किया जाएगा ताकि कोई भी ग्रामीण क्षेत्र पीछे न छूटे।
पुनर्गठित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान से मिली मजबूत साझेदारी
अटल ज्ञान केंद्रों को और मजबूत बनाने के लिए भारत सरकार का महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ है। पुनर्गठित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) के अंतर्गत राजस्थान के लिए 1,047 पंचायत लर्निंग सेंटर (पीएलसी) की स्वीकृति प्रदान की गई है। यह स्वीकृति अटल ज्ञान केंद्रों को सुढ़ करने में सहायक सिद्ध होगी। 232 करोड़ रुपए से अधिक की यह सहायता केंद्रों के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना, डिजिटल सुविधाएं और प्रशिक्षण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाएगी। इस सहायता से केंद्रों में उन्नत कंप्यूटर लैब, ई-लाइब्रेरी सॉफ्टवेयर और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म विकसित किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार की इस पहल से केन्द्र की राज्यों के साथ साझेदारी और ग्रामीण विकास को मजबूती मिली है, नई दिशा मिली है। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने इस महत्वपूर्ण सहयोग के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह सहायता राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों को आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित होगी।
अटल ज्ञान केंद्रों की यह पहल राजस्थान सरकार के विजन विकसित भारत, विकसित राजस्थान को साकार कर रही है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में नई ऊर्जा का संचार होगा और युवा देश के निर्माण में सक्रिय भागीदार बनेंगे।