संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह प्रशासन से ही सुशासन संभव – मुख्यमंत्री

gehlotजयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जनप्रतिनिधि और सरकारी अधिकारी, कर्मचारी सभी जनता के ट्रस्टी के रूप मंे संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह प्रशासन एवं सुशासन संभव है। गहलोत मंगलवार को यहां इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में आयोजित राजस्थान राज्य अन्य प्रशासनिक सेवा परिसंघ के स्नेह मिलन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों का आह्वान किया कि वे प्रदेश के विकास में अपनी भागीदारी निभाने के संकल्प के साथ यहां से जायें। मुख्यमंत्राी ने कहा कि सरकार ने जिस रूप में पिछले चार सालो में कार्य किया है उसमें सभी सेवाओं के अधिकारियों, कर्मचारियों ने भी उल्लेखनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों के सहयोग के बिना फ्लैगशिप योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन संभव नही हो सकता था। सरकार की जो योजनाएं आयी हैं वे अच्छे ढंग से चल रही हैं और उनका जनता में अच्छा प्रभाव दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि इसमे राज्य प्रशासनिक सेवाआंे के अलावा अन्य सेवाओं के अधिकारियांे एवं कर्मचारियांे का भी पूरा योगदान रहा है। गहलोत ने कहा कि राज्य में 17 साल तक पदोन्नतियां रूके रहना दुर्भाग्यपूर्ण था लेकिन उन्हें इस बात की प्रसन्नता है कि लम्बे समय के बाद यह कार्य पूरा हुआ। उन्होंने कहा कि आर.ए.एस. से 47 अधिकारी आई.ए.एस. बने हैं तथा 30-35 और बनेंगे। कैडर रिव्यू के बाद जो डीपीसी होगी उससे भी करीब 250 अधिकारियों को पदोन्नतियां मिल सकेंगी। उन्होंने कहा कि जिन सेवाओं में अतिरिक्त पदोन्नति नही हुई है उसके लिए मुख्य सचिव श्री सी.के मैथ्यू को जल्द कार्यवाही करने के लिए कहा गया है। मुख्यमंत्राी ने कहा कि हर विभाग में अभियान चला कर डीपीसी की जा रही है। ग्रेड पे के अन्तर के सम्बन्ध में मंत्रियों के समूह द्वारा चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि इसका परीक्षण करवाकर देखा जाए कि इसे कैसे पूरा किया जा सकता है। श्री गहलोत ने कहा कि अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जो मांगे एवं समस्याएं है उन पर सरकार सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रही है और उन्हें पूरा करने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि
राजस्थान राज्य प्रशासनिक एवं अधीनस्थ सेवाओं के वर्ष 2013 की परीक्षाओं के लिए 723 पदों का प्रावधान किया गया है। इनमें 233 पद राज्य सेवाओं तथा 490 पद अधीनस्थ सेवाओं के हैं। गहलोत ने कहा कि राजस्थान पहला राज्य है जिसने सरकारी विभागों के बजट में 3 प्रतिशत का प्रावधान सूचना प्रौद्योगिकी के लिए किया है। इसका पूरा लाभ उठायंे और आई.टी. का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें।
मुख्यमंत्राी ने कहा कि राज्य सरकार ने छात्रों के लिए 165 करोड़ के 57 हजार लेपटॉप वितरित करने का फैसला लिया है। ये सभी प्रयास आने वाले वक्त में मानव संसाधन तैयार करने तथा सूचना क्रांति का लाभ उठाने की दिशा में किये गये हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियांे की भी फ्री ट्रेनिंग का प्रावधान किया गया है। समारोह में मुख्य सचिव श्री सी.के मैथ्यू ने कहा कि पिछले कई वर्षांे से
प्रशासनिक सेवाओं में पदोन्नतियों में बाधाएं आ रही थी लेकिन सरकार की दृढ इच्छा शक्ति से सभी सेवाओं में बिना रूकावट के पदोन्नतियां हुई हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे अधिकारियांें एवं कर्मचारियों में मनोबल बढ़ा है तथा उनकी सेवाओं का लाभ प्रदेश को मिलेगा। इससे पहले परिसंघ के अध्यक्ष श्री विमल पटावरी ने अतिथियों का स्वागत किया। महासचिव श्री भजनलाल झोलिन ने अन्य सेवाओं के अधिकारियों की समस्याओं एवं मांगों के बारे में जानकारी दी। अन्त में वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री पी.एनपाण्डेय ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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