क्यों ना मीणा जाति को एसटी से बाहर कर दें?

nyaya 2जयपुर । हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न मीणा जाति को एसटी श्रेणी से बाहर करने के लिए जनजाति मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा जाए? इसके साथ ही कोर्ट ने एसबीसी को 5 प्रतिशत आरक्षण देने के आदेश को निरस्त कर उन्हें ओबीसी में से ही आरक्षण देने, पूरी आरक्षण प्रणाली को 2011 की जातिगत जनगणना के आधार पर रिव्यू करने तथा एससी व एसटी में क्रीमीलेयर लागू करने सहित विभिन्न बिंदुओं पर जवाब मांगा है। कोर्ट ने इस संबंध में राज्य सरकार के साथ ही अतिरिक्त मुख्य सचिव, सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग, प्रमुख सचिव डीओपी, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य सचिव तथा सर्वे एजेंसी आईडीएस के निदेशक को नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश अमिताव रॉय व न्यायाधीश मीना वी.गोबंर की खंडपीठ ने यह अंतरिम निर्देश कैप्टन गुरविंद सिंह व समता आंदोलन समिति तथा दो अन्य की याचिका पर मंगलवार को दिए। कोर्ट ने याचिका को गुर्जर आरक्षण को चुनौती देने वाली मुकेश सोलंकी की जनहित याचिका के साथ सुनवाई के लिए 19 फरवरी को सूचीबद्ध करने को कहा है।

याचिका का आधार

याचिकर्ताओं ने पिछड़ा वर्ग आयोग ने आईडीएस की सामाजिक पिछडेपन की रिपोर्ट को अविश्वसनीय माना। वहीं आयोग के कहने पर आईडीएस ने उन्हीं अविश्वसनीय आंकड़ों के आधार पर अक्टूबर-2012 में एक तालिका अलग से पेश की, ओबीसी के सरकारी नौकरियों में प्रतिनिधित्व के आंकडे गलत होने सहित विभिन्न कारणों को याचिका का आधार बनाया है।

एक्ट निरस्त करने की मांग

याचिका में आरक्षित वर्ग का आर्थिक, सामाजिक व जातीय पिछड़ापन खत्म होने तथा जातिगत आरक्षण को समाप्त बताते हुए राजस्थान एससी, एसटी, ओबीसी, एसबीसी व ईबीसी (राज्य सेवाओं में नियुक्तियों व पदों पर तथा श्ौक्षणिक संस्थाओं में सीटों का आरक्षण) एक्ट-2008 को निरस्त करने की मांग की है।

यह की है गुहार
राजस्थान एससी, एसटी, ओबीसी, एसबीसी व ईबीसी (राज्य सेवाओं में नियुक्तियों व पदों पर तथा श्ौक्षणिक संस्थाओं में सीटों का आरक्षण) एक्ट-2008 को निरस्त करने के आदेश हों।
एसबीसी को 5 प्रतिशत आरक्षण देने वाला 30 नवंबर, 2012 का आदेश निरस्त हो।
पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट निरस्त हो ।
आईडीएस की सर्वे रिपोर्ट को अनुपयोगी, अप्रसांगिक व अप्रभावी घोçष्ात किया जाए ।
एससी के 16, एसटी के 12 व ओबीसी के 21 प्रतिशत आरक्षण को घटाया जाए ताकि वास्तविक पिछड़ों को आरक्षण का लाभ मिल सके ।
पिछड़ेपन का आधार रंगनाथ मिश्रा आयोग की सिफारिश पर बीपीएल को मिले ।
याचिका का अंतिम निस्तारण होने तक अंतरिम तौर पर गुर्जरों व चार अन्य जातियों को ओबीसी के 21 प्रतिशत में से ही पांच प्रतिशत आरक्षण दिया जाए।

News4rajasthan से साभार

error: Content is protected !!