घोषणाएं नहीं परिणाम चाहिए – किरण माहेश्वरी

kiran5जयपुर । भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव एवं राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी ने कहा कि संप्रग सरकार के विगत 9 रेल बजटों में घोषणाएं ज्यादा थी, परिणाम बहुत कम। अप्रत्यक्ष रुप से यात्री किरायों और शुल्क में वृद्धि की गई। अधिकांश आमान परिवर्तन, नई लाइन निर्माण एवं विद्युतीकरण की परियोजनाओं में कोई प्रगति नहीं हुई है।

किरण ने कहा कि रेल परिवहन सबसे सस्ता, तिव्रगति वाला एवं पर्यावरण अनुकूल होता है। विगत 9 वर्षों में चीन ने भारत से तीन गुणा ज्यादा रेल संरचना का विकास किया है। 2008 में घोषित उदयपुर अहमदाबाद आमान परिवर्तन योजना की कुल लागत 1000 करोड़ रुपये थी। 5 वर्षों में इस पर 50 करोड़ रुपये मात्र व्यय किए गए। अन्य योजनाओं की भी यही स्थिति है।

किरण ने कहा कि रेल संरचना के विकास में पक्षपात के कारण भारी क्षेत्रीय असंतुलन उत्पन्न हो गया है। राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है। किन्तु यह रेल सुविधाओं में पिछड़ा हुआ है। सरकार एकल आमान का लक्ष्य अगले 4वर्षों में प्राप्त करे। रेल का माल एवं यात्री परिवहन में भाग बढ़ाने की योजना बनाए। सभी पटरियों का नवीनीकरण कर 180 से 200 कि.मी. प्रतिघंटे की गति क्षमता विकसित करे। सरकार भारतीय रेल के दृष्टिकोण 2020 के लक्ष्यों के प्रति गंभीरता दिखाए।

नील गाय से फसलों को भारी क्षति 

जयपुर । भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव एवं राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी ने कहा कि नील गायों की बढ़ती संख्या किसानों के लिए गंभीर संकट बन गई है। ये खेतों में खड़ी फसलों को चौपट कर देती है। नीलगायों के कारण गम्भीर सड़क दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ रही है। किन्तु राज्य सरकार की नील गायों के नियंत्रण के प्रति आंखे बन्द है।

किरण ने अताराकिंत प्रश्न के माध्यम से नीलगायों के उत्पातों के प्रति राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ट किया है। सरकार ने बताया कि राज्य में वर्ष 2009 में 57000 नील गाय थी। इनकी संख्या बढ़कर वर्ष 2012 में 78000 हो गई है। नीलगायों के कारण फसलों को होने वाली क्षति के आंकलन की कोई प्रकिया निर्धारित नहीं है। नीलगायों के वन्य जीव होने के कारण इनकी संख्या नियंत्रित करने के लिए कोई योजना नहीं है।

किरण ने मांग की है। कि वन अभ्यारण्य क्षेत्रों के बाहर सभी नीलगायों एवं रोजड़ो को पूर्ण समाप्त करने के लिए सरकार विशेष अभियान चलाए। इनके कारण फसलों को होने वाली क्षति का नियमित सर्वेक्षण करवाए। किसानों को क्षतिपूर्ति भी दी जाए।

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