
वाई-फाई नेटवर्क के लिए 300 से ज्यादा सरकारी और प्राइवेट बिल्डिंग्स पर ‘वाई-फाई हॉट स्पॉट’ बनाए जाएंगे, जिससे शहर का लगभग हर क्षेत्र वाई-फाई एनेबल हो जाएगा। सुविधा का लाभ वाई-फाई एनेबल्ड लैपटॉप, मोबाइल और अन्य उपकरणों पर लिया जा सकेगा। यूजर को 2 एमबीपीएस प्रति यूजर के हिसाब से स्पीड मिलेगी। जिससे बेहतर स्पीड से वीडियो देखे जा सकेंगे, डाउनलोडिंग, ईमेल और इंटरनेट सर्फिग की जा सकेगी। इसका खर्चा राज्य सरकार वहन करेगी।
ऐसे कर सकेंगे एक्सेस
यूजर अपने मोबाइल, लैपटॉप या अन्य एनेबल्ड डिवाइस से वाई-फाई ऑप्शन में जाकर कनैक्ट करेंगे तो आधिकारिक पेज खुलते ही एक यूनीक कोड फ्लैश होगा। उस कोड को विशेष नंबर पर मैसेज करना होगा। कोड मैसेज करने पर उस आधिकारिक पेज पर हर आधा या एक घंटा तय समय सीमा के लिए यूजर इंटरनेट एक्सेस कर सकेंगे। इसके बाद सुविधा का लाभ उठाने के लिए पैसा देना पड़ सकता है।
सुझाव तो यह भी दिया गया है कि परमानेंट कनेक्टिविटी के लिए पेमेंट मोड का विकल्प हो। या दिन में चार बार आधा घंटा तय समय सीमा के लिए इसे फ्री कर दिया जाए। इससे यूजर हर आधा घंटे में लॉग इन करेगा तो सिक्योरिटी भी बेहतर हो पाएगी।
वाई-फाई पर विचार तो चल रहा है, लेकिन अभी तक इसके बारे में मुझे बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है।’
ए.एम. देशपांडे, एडिशनल डायरेक्टर, डिपार्टमेंट ऑफ इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी, राजस्थान सरकार
‘वाई-फाई को लेकर फिलहाल आईटी एक्सपर्ट्स से बात चल रही है, लेकिन इसमें निष्कर्ष निकलना बाकी है।’
संजय मल्होत्रा, आईटी सेकेट्ररी
आएंगी चुनौतियां लेकिन विकल्प मौजूद
>सुरक्षा की दृष्टि से यूजर की पहचान जरूरी।
सुझाव:यूजर के किए गए मैसेज से मोबाइल या आईपी रजिस्टर हो जाएगा और इंटरनेट पर की जा रही जानकारी सुरक्षा के मद्देनजर सर्विस प्रोवाइडर के पास चली जाएगी।
>यूजर के सुविधा को मिसयूज करने की स्थिति में क्या?
सुझाव:इसके लिए कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम काम करेगा। जो धमकी भरे ईमेल लिखने या अन्य किसी खुफिया सूचना पर हरकत में आएगा और सर्विस प्रोवाइडर को इसकी सूचना देगा।
>यूजर क्या सर्फ करेगा? गैरकानूनी गतिविधि या पोर्न साइट सर्फ करेगा तो?
सुझाव:कंटेंट फिल्टर सॉफ्टवेयर और पेरेंटल कंट्रोल सिस्टम काम करेगा। जो ऐसी किसी गतिविधि को रोकने का काम करेगा और ऐसी साइटें खुलने ही नहीं देगा।