जयपुर। आज प्रदेश के मुख्यमन्त्री अशोक गहलोत के द्वारा अपने कार्यकाल का अंतिम बजट विधानसभा में प्रस्तुत किया गया। गहलोत द्वारा अपने कार्यकाल के प्रस्तुत अंतिम बजट पर राजस्थानी फिल्म उद्योग को काफी आशाएं थी। इसके संबंध में अभी हाल ही में राजस्थानी फिल्मों के निर्माताओं, निर्देशकों व कलाकारों ने मिल कर मुख्यमन्त्री अशोक गहलोत को ज्ञापन देकर अवगत कराया था कि राजस्थान जैसे प्रदेश में राजस्थानी फिल्मों की घौर उपेक्षा हो रही है और राजस्थान प्रदेश में हो रही राजस्थानी फिल्मों की दुर्दशा अत्यन्त ही चिन्ताजनक है। उन्होंने मुख्यमंत्री को सावचेत किया था कि यदि समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो राजस्थानी फिल्में एवं राजस्थान की कला व संस्कृति अतीत का अंग बन कर रह जाएगी और फिल्मी दुनिया से राजस्थानी फिल्मों, कलाकारों, निर्माताओं व निर्देशकों का वजूद ही खत्म हो जायेगा। लेकिन गहलोत द्वारा अपने कार्यकाल के प्रस्तुत अंतिम बजट में राजस्थानी फिल्मों को कोई तवज्जों नहीं दिये जाने से राजस्थानी फिल्मों के कलाकारों, निर्माताओं व निर्देशकों को घौर निराशा हाथ लगी है।
अन्य राज्यों की तुलना में पिछड़ा हुआ है राजस्थान का फिल्म उद्योग
राजस्थानी फिल्म कलाकार राज जांगिड़ ने बताया कि कई बार धरने प्रदर्शन एवं ज्ञापनों के माध्यम से प्रदेश की सरकार को अवगत कराया गया। लेकिन मुख्यमन्त्री ने अपने बजट भाषण में कहीं राजस्थानी फिल्मों एवं फिल्म उद्योग के संबंध में एक शब्द का भी उद्बोधन नहीं किया जिससे राजस्थान के कलाजगत को भारी ठेस पहुंची है। इसके विपरित अन्य प्रदेशों की सरकारों के द्वारा क्षैत्रीय भाषाओं की फिल्मों को प्रमुखता से स्थान दिया जाता है जिसका परिणाम है कि राजस्थान को छोड़कर अन्य प्रदेशों में क्षैत्रीय भाषाई फिल्मों का काफी वजूद है।
भुगतना पड़ेगा उपेक्षा का नतीजा
राजस्थानी फिल्मों के निर्माता एवं अभिनेता राज जंागिड ने बजट में राजस्थानी फिल्म जगत की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थानी सिनेमा वर्तमान में जिस बुरे दौर से गुजर रहा है। उसके संबंध में राजस्थान सरकार से कई बार पत्र व्यवहार किया गए, धरने प्रदर्शन किये गये, ज्ञापन दिये गये लेकिन राजस्थानी फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए वर्तमान सरकार ने बजट में कोई प्रावधान नहीं रखा है जो अत्यन्त दुःखद है। राजस्थान सरकार का यह कदम इस बात को दर्शाता है कि सरकार को राजस्थानी भाषा, कला एवं संस्कृति से कोई लगाव नहीं रहा है। जिसका परिणाम प्रदेश सरकार को आगामी चुनावों में भुगतना पड़ेगा।
राजस्थानी सिनेमा बचाओ अभियान के सदस्य राज जंागिड ने बताया कि राजस्थान के करीब 1,86,000 कलाकारों के द्वारा सरकार के राजस्थानी फिल्मों के प्रति इस कुठाराघाती कदम के खिलाफ शीघ्र ही प्रदेश व्यापी आन्दोलन किया जायेगा जो वर्तमान सरकार के लिए ताबूत में कील का कार्य करेगा।
-राज जांगिड
फिल्म अभिनेता – 98290-33630