पूना में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुन्धरा का जोरदार स्वागत

Photo News 001जयपुर। पूना में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष श्रीमती वसुन्धरा राजे का मंगलवार रात जोरदार स्वागत हुआ। प्रवासी राजस्थानी संघ ने पूना के विशाल सिद्धी गार्डन में श्रीमती राजे के सम्मान में एक सभा भी रखी। जिसमें करीब 15 हजार प्रवासी राजस्थानियों की भीड़ थी। सभा में महाराष्ट्र भाजपा के विधायक गिरिश बापट, श्रीमती माधुरी मिसाल, श्री भीमराव तपकिर, मुम्बई भाजपा के अध्यक्ष राज के पुरोहित एवं भाजपा महिला मोर्चा महाराष्ट्र की प्रदेशाध्यक्ष श्रीमती मेधा कुलकर्णी मौजूद थी। श्रीमती राजे ने अपने उद्बोधन में कहा –
Photo News 002मुझे बहुत खुशी है कि महाराष्ट्र की आर्थिक मजबूती का आधार हमारे प्रवासी राजस्थानी भाईं भी है। आज देश के किसी भी कोने में चले जाइएं। वहां हमारे प्रवासी राजस्थानी भाईं कडी मेहनत, ईमानदारी और निष्ठा के साथ व्यापार कर रहे है। वहां उनकी अलग पहचान है। हमारे प्रवासी भाई वहां की दिनचर्या का हिस्सा बन गए है। पूना को ही ले लीजिए। यहां के लोेगो की दिनचर्या राजस्थानियों के हाथ से बनी मिठाई के बिना अधूरी है। यहां की अधिकतर गगन-चुंबी इमारतें राजस्थानी हाथों से बनी है। राजस्थान का मार्बल यहां के घरों की शोभा है। हमारे जांगिड, सुथार भाइयों के हाथ से बना फर्नीचर पूना की शान कहा जाता है।
बात सिर्फ मिठाई, मार्बल और फर्नीचर की ही नहीं है। कोई सा भी व्यवसाय हो, उसे हमारे प्रवासी राजस्थानी भाई दक्षता के साथ कर रहे है। कपडा और किराना व्यापार में ही नहीं, हर क्षेत्र में यहां राजस्थानियों का राज है। पूना ही क्या महाराष्ट्र भी अधूरा है या यूं कहे देश के करीब-करीब सभी राज्यों में हमारे राजस्थानी दूध में शक्कर की तरह घुले हुए है। प्रवासी राजस्थानी अपनी माटी से बहुत प्यार करते है, इसलिये राजस्थान को लेकर हमारे प्रवासी राजस्थानी भाईं दुखी भी रहते है। खास कर राजस्थान की ताजा स्थिति देखकर आप लोगो को दुख होता है। जब भी मिलते है कहते है वसुन्धरा जी क्या हो गया हमारे राजस्थान को। कल तक जो हंसता खेलता राजस्थान था, आज वो उदास कैसे हो गया ? कल तक जिस राजस्थान में अमन चैन था वहां आज अशान्ति कैसे हो गई ? कल तक जिस राजस्थान में निवेशक दौड-दौड कर आते थे, वे आज अपनी इकाईयां दूसरे प्रदेशों में क्यों ले जा रहे है ? कल तक जहां रोजगार के पर्याप्त अवसर थे, आज वहां के युवा रोजगार की तलाश मंे दूसरे प्र्रदेशों की ओर पलायन क्यों कर रहे है ? यह सवाल ऐसे है जो प्रवासी राजस्थानी मुझसे जब भी मिलते है तो पूछते है। ये सवाल आम राजस्थानियों के मन में भी है, कि जो प्रदेश हमारे समय में विकास की दृष्टि से देश के ज्वच थ्पअम प्रदेषों में गिना जाता था, आज वही राजस्थान फिसल कर देश में 16वें स्थान पर कैसे आ गया ? आज आम अवाम राजस्थान में क्यों सुरक्षित नहीं है ? महिलाओं की आबरू राजस्थान में आए दिन क्यों तार-तार हो रही है ? क्यों हमारे राजस्थान में पानी, बिजली, सड़क, स्कूल, अस्पताल और रोजगार की व्यवस्था नहीं है ?
Photo News 003इसीलिए मै यहां आपसे निवेदन करने आई हूं कि अगर आप को राजस्थान को फिर से खुशहाल बनाना है, राजस्थान को देश के विकसित प्रदेशों मे लाना है, तमिलनाडू, गुुजरात जैसे प्रदेशों के मुकाबले खड़ा करना है तो दिसम्बर में होने वाले महासंग्राम में आपकी भागीदारी जरूरी है। अब राजस्थान में चुनाव आने वाले है। हर व्यक्ति की अलग-अलग सोच, अलग-अलग धारणा और अलग-अलग विचार होते है। मेरे विचार कुछ अलग है। मै हमेशा से चाहती रही हूं कि राजस्थान के बाहर बसे हमारे भाईयों और बहनों को भी राजस्थान के हर छोटे-बडे काम से जोडा जाना चाहिए। चुनाव छोटी-मोटी लड़ाई नहीं है। यह एक बडा युद्ध है। मैने सोचा कि हमारे प्रवासी राजस्थानी भाईयों को भी इस बडी जंग से जोडा जाना चाहिए, ताकि जब राजस्थान में सरकार बने, तो उन्हें लगे कि यह उनकी अपनी सरकार है। इसी नेक मकसद को लेकर मै आपके बीच आई हूं। अकेले पूना की ही बात नहंी है, मै देश के तमाम उन स्थानांे पर भी जाऊंगी, जहां हमारे राजस्थानी भाई बसे है। पूना में भी मैं आपकी बहन हूं इसीलिए आपको पीले चावल देकर न्यौतने आई हूं। आप सहयोग, समर्थन और आशीर्वाद लेकर राजस्थान आएं और अपनी इस बहन के खातिर भारतीय जनता पार्टी की राजस्थान में सरकार बनाये।
अन्त में मै एक शेर आपको समर्पित करती हूं।
कुछ सितारे ऐसे है जिनकी चमक नहीं जाती, कुछ यादे भी ऐसी है, जिनकी खनक नहीं जाती,
कुछ लोगों से होता है एक रिष्ता ऐसा, कि दूर रहकर भी उनकी महक नहीं जाती।

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