बाड़मेर। कड़े कानून और राज्य सरकार की ओर से बाल विवाह को रोकने के प्रयासों के बावजूद राजस्थान में बाल विवाह पर अंकुश नहीं लग पा रहा है और यह एक परम्परा सा बन गया है। ऎसे विवाहओं का प्रचलन ग्रामीण क्षेत्रों मे अधिक है, जो कई सदियों से इन इलाकों में देखा जा सकता है। वर और वधु के परिवार वाले इनहें भले ही अच्छा माने, लेकिन ऎसी शादी के बंधन में बंधने वाले बच्चों पर बहुत बुरा असर पड़ता है।
ऎसा ही असर बाड़मेर जिले में देखने को मिला हैं। बाल विवाह से तंग आकर और परिवार वालों द्वारा पढ़ाई की बजाए काम करने का दवाब डालने से परेशान होकर एक युवक ने शुक्रवार देर रात ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। जिले के गुढ़ा निवासी मृतक गोररखराम 12 वीं कक्षा का छात्र था।
घरवालों ने जबरन की शादी
गोरखराम पढ़ाई में तेज था इसीलिए उसने विज्ञान विषय चुना था। उसके परिजनों ने पुराने रीती-रिवाजों का हवाला देते हुए उसका विवाह 18 साल की उम्र में ही कर दिया था। पढ़ाई की बजाए काम करने के बढ़ते बदाव से परेशान होकर उसने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी।
सूत्रों के मुताबिक प्रारंभिक जांच में भी पुलिस ने बाल-विवाह से परेशान होकर ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या करने की बात मानी है। पूरी जांच के बाद ही फिलहाल पुलिस इस मामले में आगे कुछ बता पाएगी। पुलिस के अनुसार गोरखराम ने सुसाइड नोट मे एक और बात लिखी है। सुसाइड नोट के मुताबिक गोरखराम ने लिखा है कि सरकार बाल-विवाह को लेकर कड़े कदम उठाए ताकि उस जैसे और लड़को की जिन्दगी बच सके।