जयपुर। जर्मन की युवती से दुष्कर्म के मामले में आरोपी ओडिशा के पूर्व डीजीपी के बेटे बीतिहोत्रा मोहंती की गिरफ्तारी से राजस्थान पुलिस ने राहत की सांस ली है। आरोपी एक साल से स्टेट बैंक ऑफ त्रावनकोर में प्रोबेशनरी अफसर के तौर पर राघव राज के रूप में काम कर रहा था। उसने खुद को पुट्टापर्थी का मूल निवासी और पिता का नाम उसने कुन्नूर के एक कॉलेज से एमबीए की डिग्री हासिल कर रखी है। इधर जयपुर पुलिस का एक दल लालकोठी थाना प्रभारी के नेतृत्व में बीतिहोत्रा को लेने केरल रवाना हो गया।
उधर, केरल के कुन्नूर में गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने शनिवार को उसे अदालत में पेश किया। उल्लेखनीय है कि बीतिहोत्रा को अलवर में मार्च 2006 में जर्मनी की 26 वर्षीया पर्यटक से दुष्कर्म के आरोपी मोहंती को मात्र 22 दिन में सजा सुना दी गई थी। जिसके बाद उसे जयपुर केंद्रीय कारागार में शिफ्ट किया गया था। यहां से मोहंती पैरोल पर निकला था। उसे जयपुर के वैशाली नगर थाने में हाजिरी देने के लिए पाबंद किया गया था, लेकिन वह फरार हो गया। इस पर लालकोठी थाने में मामला दर्ज हुआ था। इस मामले में उनके पिता पूर्व डीजीपी बीबी मोहंती को गिरफ्तार किया गया था। राजस्थान पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। हाल ही में केरल पुलिस को उसके कुन्नूर क्षेत्र में होने की सूचना मिली, जिस पर वहां पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। वहां उसने स्वयं को आंध्रप्रदेश निवासी बता रखा था। बीबी मोहंती को अपने बेटे की मदद के आरोप में निलंबित किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें बहाल कर दिया गया। कुछ समय पहले उन्होंने आशंका जताई थी कि शायद उनका बेटा मर गया है। पुलिस के मुताबिक बैंक और पुलिस अधिकारियों को यह बताना मुश्किल हो रहा है कि आखिर बीतिहोत्रा ने फर्जी जन्म और निवासी प्रमाण पत्र हासिल करने के साथ-साथ शिक्षा संबंधी प्रमाणपत्र कैसे जुटा लिए? सबसे बड़ी बात यह कि वह फर्जी पहचान से बैंक परीक्षा में बैठने में कैसे कामयाब हो गया।