चाणक्या इंस्टीट्यूट ऑफ इमर्जिंग लीडरशिप (सील) तथा विदुरा कंसलटेसी एवं वोटर अवेयरनेस द्वारा किये गये राज्यव्यापी चुनाव पूर्व सर्वे में भीलवाड़ा जिले की शाहपुरा सुरक्षित क्षेत्र से संबंधित कई तथ्य उभर कर सामने आये है।
सर्वे के समन्वयक तुषार भट्टाचार्य ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि आगामी विधानसभा चुनाव से पूर्व मतदाताओं का मानष जानने के लिये शाहपुरा-बनेड़ा क्षेत्र के 2 हजार लोगों के मध्य करवाये गये सर्वे से पता चलता है कि क्षेत्र में वर्तमान विधायक महावीर प्रसाद जीनगर के प्रति जबरदस्त असंतोष व्याप्त है तथा 80 प्रतिशत उत्तरदाताओं की शिकायत है कि चुनाव जीतने के पश्चात उनके गांव में विधायक जी को देखा ही नहीं गया, महज 20 लोगों लोगों ने उनके सकारात्मक कार्यों की चर्चा की, विधायक निधि पर कमीशन वसूली की भी क्षेत्र में आम चर्चा पाई गई तथा लोगों ने माना कि मौजूदा विधायक का क्षेत्र की जनता से कोई जुड़ाव नहीं है, वे कुछ ही लोगों से घिरे रहते है तथा खुद कोई निर्णय नहीं लेते है। उत्तरदाताओं ने बताया कि वे सामंती ताकतों की हाथों की कठपुतली बने हुये है तथा कांग्रेस पार्टी की दलीय गुटबाजी में फंसे हुये है। लोगों को मलाल है कि उन्होंने ऐसे व्यक्ति को विधायक बनाया है जो विधानसभा में अपने क्षेत्र के कोई मुद्दे नहीं उठाता है।
अगली बार ईमानदार विधायक चाहिये
अगले विधायक के सवाल पर ‘ईमानदार’, ‘युवा’, ‘स्थानीय’, ‘आत्मनिर्भर’ तथा ‘समाजसेवी’ व्यक्ति को चुनने के प्रति लोग कटिबद्ध दिखलाई पड़ते है, 80 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें कमीशनखोर विधायक नहीं चाहिए।
क्षेत्र में पानी है प्रमुख समस्या
शाहपुरा-बनेड़ा क्षेत्र की सबसे प्रमुख समस्या विकास की कमी है, 35 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने पानी का मुद्दा उठाया, जिसमें पेयजल का अभाव, फ्लोराइड की प्रचुरता, नहरों का पानी तथा जानकारों के पीने के पानी के नहीं होना शामिल है, वहीं 25 प्रतिशत लोग गांवों में सी.सी. रोड़ तथा सम्पर्क सड़कों की स्थिति सुधारने की मांग करते है, 10 प्रतिशत उत्तरदाता बिजली की समस्या को मुख्य मानते है तथा थ्री फेजलाईट देने की मांग करते है वहीं 5 प्रतिशत उत्तरदाता नरेगा से खेतों की तारबंदी की समस्या का जिक्र करते क्योंकि वे रोजड़ों के आतंक से परेशान है, 8 प्रतिशत लोग बेरोजगारी, 5 प्रतिशत शिक्षा तथा 5 प्रतिशत उत्तरदाता चिकित्सा सुविधाओं के अभाव की बात करते है, वहीं 5 प्रतिशत को अतिक्रमण अखरता है।
‘स्थानीय’ होगा मुख्य मुद्दा
20 प्रतिशत उत्तरदाता अगले चुनाव में ‘स्थानीय’ उम्मीदवार को वोट देना पसंद करेंगे, वहीं 20 प्रतिशत का मानना है कि दोनों प्रमुख पार्टियों में गुटबाजी के चलते समीकरण बिगडेंगे वहीं 15 प्रतिशत विकास के नाम पर पर तो 10-10 प्रतिशत महंगाई और भ्रष्टाचार तथा जाति के मुद्दे को प्राथमिकता देंगे, वहीं 10 प्रतिशत लोगों ने कहा कि ‘इस बार पैसा खूब चलेगा तो 5 प्रतिशत उत्तरदाताओं का दावा है कि इस बार क्षेत्र में शराब पानी की तरह बहेगी।
ये है प्रबल दावेदार
भाजपा में राजमल खटीक तो कांग्रेस से डॉ. आर.सी. सामरिया की चर्चा
आगामी चुनाव हेतु विभिन्न पार्टियों के प्रबल दावेदारों के सवाल पर सबसे सशक्त दावेदारी भाजपा से चमनपुरा के पूर्व सरपंच राजमल खटीक की उभर कर सामने आती है तो कांग्रेस में अगर महावीर जीनगर का टिकट कटता है तो . . जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.सी. सामरिया के चुनाव लड़ने की संभावना की हर तरफ चर्चा है, भाजपा से मदन दिलावर शंभूदयाल बड़गूजर, जोगेश्वर गर्ग तथा संतोषानन्द गारू जैसे बाहरी उम्मीदवारों के भी नाम सामने आये है, वहीं अविनाश जीनगर, गोपाल बुनकर, रामदेव बैरवा, रामधन रेगर, मोहन बलाई, राधेश्याम जीनगर तथा नाथु लाल बलाई के नामों की भी चर्चा है।
कांग्रेस में जगदीश खटीक, बाबा बालकनाथ, ज्ञानमल खटीक, राजकुमार बैरवा, छगन लाल रेगर, गोपाल बलाई तथा प्यारे लाल खटीक के भी नाम सामने आये है, वहीं जिला प्रमुख सुशीला सालवी के बारे में लोगों की राय है कि जन सम्पर्क व ईमानदारी में वह भी वर्तमान विधायक की ही तरह है इसलिये उन्हें टिकट मिलता है तो उनकी हार सुनिश्चित है, कांग्रेस को कोई लाभ नहीं होगा।
बहुजन समाज पार्टी के भी चुनाव लड़ने की संभावना है।
जिताने हराने का दमखम है किसमें ?
भाजपा प्रत्याशी का टिकट तय करवाने से लेकर जिताने का दारोमदार जिन शख्सों पर है उनमें गजराज सिंह, हाथीपुरा का नाम सबसे उपर है, लेकिन टिकट राज्यसभा सांसद वी.पी. सिंह की सिफारिश से मिलेगा, ऐसा ज्यादातर उत्तरदाताओं का मानना है, वहीं संघ लॉबी के सुभाष बहेड़िया, कैलाश काबरा तथा रामेश्वर धाकड़ तथा वसुन्धरा के समर्थक रहे रघुनन्दन सोनी, करतार सिंह, लक्ष्मी लाल सोनी, कन्हैया लाल धाकड़ व गोपाल जाट की भूमिका भी महत्वपूर्ण है।
भाजपा में वी.पी. सिंह, गजराज सिंह तो कांग्रेस में राम लाल जाट व रामपाल शर्मा की जोड़ी
कांग्रेस में अब तक सम्पत सिंह सांगरिया की कर्ताधर्ता रहते आये थे मगर अब वे पार्टी से निष्कासित है, इसलिये इस बार माण्डल विधायक रामलाल जाट, यूआईटी चैयरमेन रामपाल शर्मा, डॉ.सी.पी. जोशी की तिकड़ी टिकट फाईनल करेगी। वहीं क्षेत्र में पृथ्वीराज शर्मा, भंवरू खां, पराक्रम सिंह तथा याकूब खां कायमखानी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे।
शाहपुरा क्षेत्र के समीकरणों को हेमेन्द्र सिंह (पूर्व सांसद), सम्पत सिंह, सांवर लाल जाट, बंशी लाल कुमावत, अविनाश जीनगर, मदन कंवर शर्मा, गंगा सिंह, मेवाराम गुर्जर, उंकार सिंह तथ श्रीमती तारा चाष्टा व हमीद खां कायमखानी इत्यादि लोग भी प्रभावित करेंगे।
सारांश
चाणक्या इंस्टीट्यूट ऑफ इमर्जिंग लीडरशिप (सील) तथा विदुरा कंसलटेंसी और वोटर अवेयरनेस के संयुक्त तत्वावधान में किये गये इस सर्वे का निष्कर्ष यह है कि शाहपुरा-बनेड़ा क्षेत्र की जनता में मौजूदा विधायक की कार्य प्रणाली को लेकर भंयकर रोष व्याप्त है तथा लोग हर हालत में परिवर्तन चाहते है। वहीं भाजपा की जीत की संभावना को बनती है मगर वह भी गुटबाजी से उपर उठकर स्थानीय उम्मीदवार को मौका दें। वैसे इस बार शाहपुरा के समीकरण पूरे जिले के समीकरणों को प्रभावित करने में प्रमुख भूमिका अदा कर सकते है।
सर्वे के अन्तरिम नतीजों की घोषणा के पश्चात सर्वे करने वाली संस्थाओं ने कहा कि वे सर्वे के विस्तृत नतीजे विश्लेषण के पश्चात मई 2013 में उजागर करेगी।