गहलोत को तेल रिफाईनरी का तोहफा मिलने पर बधाई

ashok gehlotजयपुर। योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री मोंटेक सिंह आहलूवालिया और योजना आयोग के सदस्यों ने राजस्थान की वर्ष 2013-14 की वार्षिक योजना के प्रस्तावों पर सबसे पहले राज्य के रूप में राजस्थान के साथ चर्चा के दौरान मुख्यमंत्राी श्री अशोक गहलोत को बाड़मेर में तेल रिफाईनरी का तोहफा मिलने पर बधाई देते हुए वार्षिक योजना के संबंध में मुख्यमंत्राी को उनके प्रभावशाली वक्तव्य और राज्य सरकार की ओर से मुख्य सचिव श्री सी.के.मैथ्यू द्वारा प्रस्तुत किए गए पॉवर प्वाईंट प्रस्तुतीकरण को शानदार बताते हुए उसकी सराहना की और कहा कि राजस्थान अब बीमारू प्रदेश नहीं है, वरन् विकास की ओर अग्रसर होकर देश का अग्रणी प्रदेश बन रहा है।
60 करोड़ रुपये की एकमुश्त केन्द्रीय सहायता को शामिल करते हुए राज्य की अब तक की सबसे बड़ी 40 हजार 500 करोड़ रुपये की वार्षिक योजना मंजूरी मिलने के बाद योजना आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. मोंटेक सिंह आहलूवालिया ने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले प्रदेश के बावजूद 11वीं पंचवर्षीय योजना में राजस्थान की कृषि के क्षेत्रा में विकास दर पूरे देश में सबसे अधिक रही है। जिसके फलस्वरूप राजस्थान को भारत सरकार द्वारा कृषि कर्मण पुरस्कार भी प्रदान किया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्राी श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व राज्य सरकार के कुशल वित्तीय प्रबंधन, कृषि, आर्थिक एवं औद्योगिक क्षेत्रा के साथ ही उर्जा, स्वास्थ्य एवं बालिका कल्याण एवं विकास के अन्य क्षेत्रों में अर्जित शानदार उपलब्धियों के लिए उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि राजस्थान देश का पहला प्रदेश है जिसने ‘बालिका नीति’ बनाई है। साथ ही शिक्षा, अल्पसंख्यक विकास, आधारभूत विकास, सड़क आदि कई क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करते हुए कई नवाचार भी लागू किए हैं, जिसके लिए उन्होंने और आयोग के सदस्यों ने श्री गहलोत और राज्य सरकार की भूरी-भूरी प्रंशसा की है।
श्री अहलूवालिया ने कहा कि कई कठिनाईयों के बावजूद राजस्थान ने उर्जा के क्षेत्रा में जर्बदस्त कार्य कर बिजली का उत्पादन बढ़ाया है और जिस गति से प्रदेश की बिजली परियोजनाओं का कार्य किया जा रहा है इसे देखते हुए उन्हें विश्वास है कि अगले वर्ष के अंत तक राजस्थान बिजली उत्पादन के क्षेत्रा में आत्मनिर्भर हो जाएगा। उन्होंने बताया कि राजस्थान का औद्योगिक परिदृश्य भी बदला है और नीमराना में जापानी उद्योगों का हब बनने के बाद अब वहां दक्षिणी कोरिया का विशेष औद्योगिक जोन भी स्थापित हो रहा है।
राजस्थान में पेयजल की विषम परिस्थितियों की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार द्वारा जल संरक्षण के दिशा में प्रशंसनीय कदम उठाये जा रहे हैं विशेषकर ड्रिप सिंचाई एवं बूंद-बूंद (स्प्रिंगल) सिंचाई पद्धति से किसानों को पानी की बचत के महत्व को समझाया जा रहा है। मुख्यमंत्राी स्वयं इस संबंध में संदेश देते रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे आगामी मई-जून माह में जयपुर का दौरा कर राजस्थान में पानी की समस्या की जमीनी हालातों का जायजा लेंगे और मुख्यमंत्राी श्री गहलोत की सलाह के अनुरूप इस क्षेत्रा के विशेषज्ञों को भी राजस्थान ले जाने का प्रयास करेंगे।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में पेयजल की समस्या का समाधान करने के लिए दीर्घकालीन योजना बनाने और पानी का उपयोग और बचत करने के संबंध में व्यापक पैमाने पर जन शिक्षण अभियान चलाने की आवश्यकता है।
इस मौके पर मुख्यमंत्राी श्री अशोक गहलोत ने योजना आयोग के उपाध्यक्ष एवं सदस्यों का राजस्थान के विकास के संबंध में मिलने वाले मार्गदर्शन और सहयोग के लिए आभार जताते हुए कहा कि यह खुशी की बात है कि योजना आयोग और राष्ट्रीय विकास परिषद जैसे मंचों पर हमारे द्वारा रखी गई वाजिब मांगों में से अधिकांश को स्वीकार कर लिया गया है। विशेषकर सूचना एवं रोजगार के अधिकार के पश्चात खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ हमारे द्वारा सुझाए गए ‘राईट टू शैल्टर’ एवं ‘स्वास्थ्य के अधिकार’ आदि कार्यक्रमों को भी भारत सरकार द्वारा मंजूर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राजस्थान का हर क्षेत्रा में समग्र रूप से विकास हो रहा है।
श्री गहलोत ने बताया कि बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति और ड्रिप सिंचाई पद्धति में राजस्थान पूरे देश में अव्वल हैं। उन्होंने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी योजना आयोग ने वार्षिक योजना पर चर्चा के लिए सर्वप्रथम राजस्थान को चुना है जो इस बात को प्रदर्शित करता है कि योजना आयोग के उपाध्यक्ष और सदस्यों के दिल और दिमाग में राजस्थान जैसे प्रदेश की अहमियत और प्राथमिकता का दृष्टिकोण है।
इससे पूर्व वार्षिक योजना के मसौदे पर चर्चा के दौरान योजना आयोग की सदस्य और राजस्थान की प्रभारी डॉ. सईदा हमीद, श्री बी.के.चतुर्वेदी, डॉ. सुमित्रा चौधरी और प्रोफेसर अभिजीत सेन के साथ ही योजना आयोग के उपाध्यक्ष के सलाहकार श्री गजेन्द्र हल्दिया और योजना आयोग की सचिव सुश्री एस. खुल्लर आदि ने भी राजस्थान द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में अर्जित उपलब्धियों नवाचारण, और राजस्थान की फलैगशीप योजनाओं की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।

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