राज्य में कृषि विकास नहीं के बराबर׃किरण माहेश्वरी

kiran4जयपुर। भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव एवं विधायक किरण माहेश्वरी ने कहा कि राज्य सरकार कृशि विकास की भारी उपेक्षा कर रही है। किसान सेवा केन्द्र सफेद हाथी बन गए हैं। कृषि उत्पादकता बढ़ाने के प्रयास नहीं हो रहे हैं।
किरण के ताराकिंत प्रश्न के प्रत्युत्तर में बताया गया कि कृषि विकास दर वर्ष 2009-10 में (-)2.69ः, 10-11 में 33ः, 11-12 में 0.54ः रही है। वर्ष 12-13 के सकल उत्पादन के समंक अभी जारी नहीं किए गए हैं। 10-11 के अनुमानित आंकड़े भी वास्तविकता से बहुत अधिक बताए गए हैं। राजसमंद जिले में 102 किसान सेवा केन्द्र चल रहे हैं। इनमें से 47 किराए के भवनों में चल रहे हैं। इन सेवा केन्द्रों से प्राप्त निश्चित लाभों के बारें में सरकार कुछ भी नहीं बता पाई। कितने किसानों के लाभान्वित किया गया, फसलों की उत्पादकता बढ़ानें में इनकी भूमिका क्या रही, और कृषि उक्पादों के मूल्यवर्धन के लिए क्या कार्य किए गए? राज्य सरकार के पास इसका कोई जवाब नहीं हैं। पड़ोसी गुजरात और मध्यप्रदेश में कृषि विकास की औसत दर 10ः से अधिक है।
किरण नें कहा कि कृषि एवं पशुपालन से ही ग्रामीण परिवारों की आर्थिक समृद्धि संभव है। राज्य सरकार कृषि. सिंचाई और पशुपालन क्षेत्र में निवेश घटाती जा रही है। किसानों को लाभदायी मूल्य दिलाने की अनदेखी की जा रही है। किसानों की समृद्धि कांग्रेस की प्राथमिकता नहीं है।
सरकार को खनन एवं औद्योगिक विकास पर दिशा भ्रम
जयपुर। भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव एवं विधायक किरण माहेश्वरी ने कहा कि राज्य सरकार खनन एवं औद्योगिक विकास के क्षेत्र में दिशा भ्रम से ग्रसित है। उद्योग विभाग की मांगो पर कटौति प्रस्ताव द्वारा किरण नें राजसमंद में नए औद्योगिक क्षेत्रों के विकास, युवाओं और महिलाओं को विशेष प्रोत्साहन और राजसमंद में वस्त्र संकुल की स्थापना की मांग की है। भीलवाड़ा के समीप होने के कारण यहाँ वस्त्र उद्योग के विकास की अच्छी संभावनाएं है।
किरण नें आबकारी मंत्री से अवैध मदिरा व्यापार से राज्य को मुक्त करने, नगरीय क्षेत्रों में जनसंख्या के आधार पर मदिरा की दुकानों की संख्या सीमित करने, धार्मिक स्थलों के पास से सभी मदिरा की दुकानों को तुरंत बंद करने और मदिरा विक्रय के अनुज्ञा पत्र धारकों की सूचना ऑनलाइन उपलब्ध करवाने की भी मांग की। मदिरा सेवन करके सड़कों पर एवं लोक स्थानों पर उत्पात करने वालों के प्रति कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।
किरण नें खान मंत्री से राजसमंद जिलें में खनन क्षेत्रों की सड़कों का शीघ्र पुनर्निर्माण करवानें, राजसमंद में संगमरमर मण्डी की स्थापना करने, पर्यावरण शुल्क की समीक्षा करने और खनन अधिशुल्क का एक प्रतिशत पंचायतों को देने की भी मांग रखी। राजसमंद में सिमेण्ट उत्पादन के लिए उपयुक्त चुना पत्थर के 200 लाख टन के भण्डार सिद्ध हो गए हैं। राज्य सरकार यहां पर सिमेन्ट संयत्रों की स्थापना की पहल करें। किरण नें राज्य सरकार से बड़ी सादड़ी मावली मारवाड़ आमान परिवर्तन के लिए आधी भागीदारी निभाने की भी मांग की। आमान परिवर्तन से इस क्षेत्र में औद्योगिक एवं खनन विकास में भारी वृद्धि होगी।

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