जयपुर। राजस्थान बच्चों की तस्करी और यौन उत्पीड़न का गढ़ बनता जा रहा है। ये बच्चे मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, पश्चिम बंगाल और बिहार से एनजीओ द्वारा शिक्षा के नाम पर लाए जाते है,लेकिन इनसे या तो मजदूरी कराई जाती है या फिर शारीरिक शोषण किया जाता है। ऐसा ही एक मामला राजस्थान बाल संरक्षण आयोग और बाल कल्याण समिति द्वारा दस मार्च की रात अवैध बालगृह के दो ठिकानों से दो बार में मुक्त कराए गए बच्चों से पूछताछ और पुलिस की जांच में सामने आया है।
जयपुर के मानसरोवर सेक्टर 52/6 में ग्रेस होम संस्था के बालगृह में 27 लड़कियां और दो लड़के कैद थे। इसी संस्था के गैटोर में सिद्धार्थ नगर स्थित ठिकाने से 24 बच्चे छुड़ाए गए। संस्था के संचालक जेकब जॉन को हिरासत में लिया गया। बालगृह के पास न तो रजिस्ट्रेशन था और न ही अनुमति। यहां बाहरी राज्यों से छोटे लड़के-लड़कियों को शिक्षा देने के नाम पर लाया गया था, लेकिन पुलिस को जांच में कहीं भी शिक्षा देने की जगह नहीं मिली। इन लड़कियों को बालगृह, शिशु गृह और महिला सदन भेजा गया है। तलाशी में शराब और 50 खाली और टूटी हुई बोतलें भी मिली हैं।
बाल संरक्षण आयोग के चेयरपर्सन दीपक कालरा और बाल कल्याण समिति के चेयरमैन राम प्रकाश बैरवा के मुताबिक उन्हें कुछ दिन पहले इसकी जानकारी मिली थी। शिक्षा नहीं देने के चलते मणिपुर की एक बालिका को उसके परिजन वापस ले गए,ले जाने के एक माह बाद उस बालिका की टीबी से मौत हो गई। परिजनों ने इसकी शिकायत बाल कल्याण समिति और आयोग को की थी। तभी संस्था की गतिविधियों पर समिति और आयोग के अधिकारी नजर रखे हुए थे।
दबिश के वक्त 29 बच्चे मिले, जिनमें से दो बाहर खेल रहे थे और बाकी कमरों में बंद थे। सिद्धार्थ नगर स्थित दूसरे ठिकाने से छुड़ाए गए बच्चों में मणिपुर के 20, नागालैंड के 9, नेपाल, हरियाणा के 3-3, उत्तर प्रदेश के 5, राजस्थान के 4, दिल्ली के 2 और आसाम का एक बच्चा था। संस्था के संचालक जेकब जॉन ने संस्था रजिस्टर नहीं होने और बच्चों को बिना अनुमति रखने की मान ली है।
संस्था 1996 से चल रही है। चर्च के सदस्यों से इकट्ठा हुए धन से बच्चों के रहने, खाने और शिक्षा की व्यवस्था होती है। संस्था में रहने वाले बच्चे मणिपुर, सिक्किम, नागालैंड, पंजाब, दिल्ली, झारखंड और अन्य राज्यों के हैं। संस्था में आने के बाद बच्चों का नाम बदल दिया जाता था। पुलिस की जांच में आज हुए खुलासे में सामने आया कि ग्रेम होम का संचालक जैकब जोन लड़कियों से बलात्कार करता था और पहुंच वाले लोगों के पास भी लड़कियों को भेजता था।
17 वर्षीय एक लड़की ने पुलिस को बताया कि जैकब उसके साथ लम्बे समय से बलात्कार कर रहा था,इसके अलावा दो अन्य लड़कियों ने भी यौन दुर्व्यवहार की बात कही है। लड़कियों का मेडिकल और ग्यनोलोजिकल टेस्ट करवा दिया गया है,जिसकी रिपोर्ट सोमवार को आएगी। इस मामले में बलात्कार का आरोप लगाने वाली लड़की को जयपुर की जिला अदालत में पेश किया गया,अदलात सोमवार को उसके बयान दर्ज करेगी। इधर मणिपुर के सरकारी अधिकारी के.आर.रवि आज जयपुर पहुंचे और उन्होने बताया कि जैकब इस समय हूमन ट्रैफिकिंग के आरोप में न्यायिक हिरासत में है।
उल्लेखनीय है कि राज्य पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने जयपुर सहित प्रदेश के अन्य हिस्सों में मजदूरी के लिए यूपी, बिहार, प. बंगाल, मणिपुर, मिजोरम से लाए गए करीब तीन सौ बच्चों को भरतपुर रेलवे स्टेशन पर मुक्त कराया गया था।