चारभुजा (राजसमंद)। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष श्रीमती वसुन्धरा राजे ने गुरूवार को मेवाड़ की पवित्र धरा चारभुजा से सुराज संकल्प यात्रा का आगाज किया। दो लाख प्रदेशवासियों और संत-महात्मा, मौलवी, पादरी और ज्ञानी सिंह साहेबान की मौजूदगी में उन्होंने ललकारते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी सवाल कर रही है कि मैं चार से साल कहां थी। उन्हें शायद पता नहीं कि मैं चार साल प्रदेश की जनता के प्यार, आशीर्वाद और दिलों के बीच में थी। मुख्यमंत्री तमाम जांच एजंसियों का दुरूपयोग करके मेरे खिलाफ जांच बिठाने और साजिश रचने में पूरे चार साल व्यस्त थे और मैं जनता के सुख-दुख में शरीक थी। मुख्यमंत्री जी आप मुझ पर झूठे लांछन लगाने में व्यस्त थे और मैं प्रदेश की जनता को सम्बल दे रही थी। इसलिये मैं आपको नजर नहीं आई।
पूरे सम्बोधन में श्रीमती राजे के आक्रामक तेवर थे। उन्होंने कहा कि पूरे चार साल इस सरकार और इसके मुखिया ने मेरे खिलाफ असभ्य भाषा का प्रयोग करने में गुजारे। पूरी सरकार इसी में जुटी रही। आज कहते है नया राजस्थान बनायेंगे। फिर साढे़ चार साल क्या कर रहे थे। पूरे कार्यकाल में इन्होंने राजस्थान का काम कम किया और काम-तमाम ज्यादा किया। अब हमारी नकल में यात्रा निकाल रहे हैं, जनता इनसे पूछ रही है चार साल क्या कर रहे थे। कांग्रेस बताये तो सही कि उनकी संदेश यात्रा का कौनसा संदेश है।
उन्होंने कहा कि इस सरकार ने पूरे कार्यकाल में महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाई है। काम के बदले पैसे लेेने की घटनाएं तो रोज सुनते हैं, लेकिन राजस्थान में रिश्वत के बदले अस्मत मांगे जाने की घटनाएं बढ़ती जा रही है। मासूमों से दुष्कर्म के मामले में हमारा राजस्थान पहले पायदान पर है। बच्चियांे को कूडे़ में फेंकने के मामले में भी हमारा राजस्थान देश में दूसरे नम्बर पर है। चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए ऐसी सरकार को। जो अपनी माता-बहनों की रक्षा भी नहीं कर सकती।
फिर शुरू करेंगे नारी सशक्तिकरण योजना – श्रीमती राजे ने कहा कि उनकी सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भामाशाह नारी सशक्तिकरण योजना शुरू की थी। यह देश की ही नहीं दुनिया की पहली और अनूठी योजना थी। इस योजना में 50 लाख महिलाओं के नाम बैंक खाता खोलकर प्रति महिला 1500 रुपए जमा कराने का प्रावधान था। यह योजना इस सरकार ने बन्द कर दी। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार बनेगी और वे राजस्थान की बहनों के लिए महिला सशक्तिकरण की योजना को फिर से लागू करेंगे। ताकि प्रदेश की महिलाओं का हौसला बुलंद हो। वे अपने पांव पर खड़ी हो सके। श्रीमती राजे ने कहा कि ये सरकार हमारे हर काम की नकल कर रही है। इस योजना की भी नकल कर ली। केन्द्र सरकार ने इस योजना के आधार पर आधार कार्ड योजना बना ली।
सरकार से सिर्फ सरकार ही खुश – बात महिलाओं की ही नहीं है, आज इस शासन में हर शख्स परेशान है। किसान मंहगे और नकली खाद बीज से परेशान है, तो आम आदमी महंगाई से परेशान है। नौजवान रोजगार न मिलने से परेशान है, तो व्यापारी शुद्ध के लिए युद्ध से परेशान है। कर्मचारी उनके साथ हो रहे सौतेले व्यवहार से परेशान है, तो मजदूर हाडतोड़ मेहनत के बावजूद वाजिब मजदूरी नहीं मिलने से परेशान है। इस सरकार में खुश है तो सिर्फ सरकार। बाकी सब परेशान है। इसलिये कांग्रेस के नेता भी कहने लग गये हैं कि कांग्रेस की ये सरकार वापस सत्ता में आने वाली नहीं है।
श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान बदहाल है, उसके बावजूद ये सरकार अपनी केन्द्र सरकार से राजस्थान को विशेष पैकेज नहीं दिलवा पाई। प्रवासी राजस्थानी भाईयों के लिए राजस्थान में निवेश का माहौल पैदा नहीं कर पाई। बिजली उत्पादन नहीं बढ़ा पाई और तो और प्रदेश में सड़के तक नहीं बनवा पाई। बिजली के दाम तो जल्द ही और बढ़ने वाले हैं।
आरक्षण विधयेक 2008 – हमारी सरकार ने गुर्जरों सहित विशेष पिछड़ी जातियों को 5 और आर्थिक पिछड़ों के लिए 14 प्रतिशत आरक्षण का फैसला लिया था। सरकार ने क्यों इसे संविधान की 9वीं अनुसूची में नहीं डलवाया। जबकि केन्द्र में तो इन्हीं की सरकार थी। क्या यही है कड़ी से कड़ी जोड़ने का परिणाम। सच्चाई तो यह है कांग्रेस हमेशा जातियों को लड़ाती है, जबकि भाजपा 36 की 36 कौमों, सब मजहबों और सम्प्रदायों को साथ लेकर चलती है।
राजस्थान को कोई सा भी क्षेत्र ले लीजिये, इस सरकार किसी भी क्षेत्र का विकास नहीं किया। हमने मेवाड़ के विकास का बीड़ा उठाया, लेकिन कांग्रेस सरकार के कुशासन ने हमारी उन तमाम योजनाओं को बंद कर दिया, जो हमने शुरू की थी।
मानगढ़ धाम का विकास – हमने मानगढ़ धाम का विकास करवाया। गोविन्द गुरू के भगत आंदोलन से प्रेरणा लेकर पूरे क्षेत्र में परिवर्तन के पुर्नजागरण के लिए हमारी सरकार ने वहां निर्माण कराया। लेकिन वहां भी यह सरकार राजनीति करने लगी।
रक्त का एक-एक कतरा राजस्थान को समर्पित
चारभुजा (राजसमंद)। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि राजस्थान प्रदेश की जनता के लिए उनके खून की एक-एक बूंद भी काम आ जाये, तो वे इसे अपना सौभाग्य समझेगी। श्रीमती राजे ने सुराज संकल्प यात्रा के आगाज के समय अपने उद्बोधन में कहा कि कांग्रेस और कांग्रेस के नेता उनके बारे में कुछ भी बोले, कितना भी अमर्यादित बोले, कितना ही असभ्य बोले, वे विचलित होने वाली नहीं है। उनकी स्तरहीन बातों का जवाब मैं नहीं प्रदेश की यह जनता देगी। जो मेरा परिवार है। वे तो चाहती है कि उनके खून का एक-एक कतरा भी अगर राजस्थान की जनता के काम आये तो यह उनका सौभाग्य होगा।
वसुन्धरा जननायिका
चारभुजा (राजसमंद)। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा है कि भाजपा की कमान श्रीमती वसुन्धरा राजे को इसलिये सौंपी है क्योंकि वे राजस्थान में जननायिका है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने वसुन्धरा का मुख्यमंत्री वाला कार्यकाल देखा है। जिसमें राजस्थान विकास की दृष्टि से बहुत आगे निकल गया था। और यही कारण है कि वसुन्धरा राजे को भाजपा ने मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट किया। उन्होंने कहा कि राजे के समय में जो बिजली उत्पादन हुआ, वह एक ऐतिहासिक था। जो प्रदेश अंधेरे में डूबा रहता था, वो बिजली में आत्मनिर्भर और स्वावलम्बी हो गया। आज तो जयपुर में कब बिजली आती है और कब बिजली जाती है, पता ही नहीं चलता।
वसुन्धरा जी, आपको 140 सीटे देगा राजस्थान-कटारिया
चारभुजा (राजसमंद)। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मेवाड़ स्वाभिमान के लिए पहचाना जाता है। सरकारें यहीं से बनती है। पिछली बार 2003 में मेवाड़ ने भाजपा को 22 सीटें दी थी। इस बार भी मेवाड़ कमी नहीं छोड़ेगा।
उन्होंने कहा कि मेवाड़ को इस सरकार ने डेढ़ मंत्री दिये हैं। एक केबिनेट और एक राज्य। जबकि मेवाड़ के सात-सात मंत्री हुआ करते थे। आज स्थिति ये है कि राजस्थान की जनता मंत्रियों तक के नाम नहीं जानती। 18 चपरासियों की भर्ती में पचास हजार आवेदन आते हैं, इसी से अंदाजा लगा लो कि इस सरकार में रोजगार की क्या स्थिति है। मुख्यमंत्री झूठी घोषणाएं करते हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वसुन्धरा जी के नेतृत्व में हम नया राजस्थान बनायेंगे और 140 सीटों पर विजय हासिल करेंगे।
वसुन्धरा को पहाड़ियों से भी सुन रहे थे लोग
चारभुजा (राजसमंद)। चारभुजा में आज दिवाली सा माहौल था। सुराज संकल्प यात्रा के आगाज से पहले हुई सभा में लोग इतनी तादाद में पहुंचे कि पाण्डाल छोटा पड़ गया। पाण्डाल ही नहीं पाण्डाल के चारों ओर खाली जमीन भी खचाखच भर गई। लोग पहाड़ियों पर जमा हो गये। उन्होंने पहाड़ियों के ऊपर चढ़कर वसुन्धरा राजे का भाषण सुना। अपेक्षा से अधिक आई भीड़ के कारण लोगों की आठ किलोमीटर लम्बी कतार लग गई। पुलिस को भी व्यवस्था में खूब मशक्कत करनी पड़ी। सभा स्थल पर आई बेतरतीब भीड़ ने आयोजकों के अनुमान गड़बड़ा दिये।
नाचते गाते आये कार्यकर्ता – कार्यक्रम में भाग लेने कार्यकर्ता नाचते हुए और गाते हुए पहुंचे।