उदयपुर। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं विधायक किरण माहेश्वरी नें कहा कि राज्य सरकार राजसमंद में मार्बल मण्डी की घोषणा पर छलावा कर रही है। एक तरफ कांग्रेस के नेता एवं मंत्री विगत 4 वर्षों से मार्बल मण्डी के लिए आश्वासन देते रहे हैं। दूसरी तरफ राज्य सरकार के स्तर पर ऐसे किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जा रहा है।
कटौति प्रस्ताव के उत्तर से हुई स्थिति स्पष्ट
किरण नें खनन विभाग की अनुदान मांगो पर कटौति प्रस्ताव के माध्यम से सरकार का ध्यान स्तानीय उद्योग की इस मांग की तरफ आकृष्ट किया था। सरकार नें उत्तर में बताया कि राजसमंद को मार्बल मण्डी घोषित करने के लिए कई संगठनों के ज्ञापन मिले हैं। किन्तु राज्य सरकार इल बारे में किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है।
पंचायतों को मिलेगा अधिशुल्क का 3ः
किरण नें राज्य सरकार से खनन क्षेत्र की पंचायतों को खनन पर हुई अधिशुल्क आय का 5: भाग प्रति वर्ष देने की भी मांग की थी। सरकार नें बताया कि वर्ष 2012-13 से संबधित पंचायतों को अधिशुल्क आय का 3 प्रतिशत भाग देने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। किन्तु अभी तक भी पंचायतों को यहग राशि नहीं मिल पाई है। किरण नें राज्य सरकार से वर्ष 12-13 और 13-14 की राशि अविलम्ब जारी करने की मांग की है।
राजसमंद जिले में नहीं बन रही है खनन सड़कें
किरण नें राजसमंद जिले में खनन सड़को के निर्माण के बारे में भी पुछा था। सरकार के उत्तर से यह स्थिति सामने आई कि वर्ष 2008-09 के बाद से जिले में एक भी सड़क खनन क्षेत्रों में नहीं बनाई गई है। राज्य सरकार को जिले से खनन अधिशुल्क से भारी आय होती है। फिर भी यहां पर विगत 4 वर्षों में एक कि.मी. सड़क भी नहीं बनाना क्षेत्र के प्रति भेदभाव दर्शाता है।
किरण नें मांग की सरकार प्रतिवर्ष खनन क्षेत्रों में 10 कि.मी. सड़क विकास आवश्यक रुप से करवाए।
राजसमंद जिले में पर्यावरण शुल्क का उपयोग नहीं
किरण द्वारा अप्रधान खनिजों पर वसुले जा रहे पर्यावरण शुल्क के उपयोग के बारे में भी सरकार से सूचना मांगी गई थी। सरकार नें बताया कि 10 रु, प्रति टन की दर से पर्यावरण शुल्क वसूल किया जा रहा है। यह राशि उसी क्षेत्र में पर्यावरण सुधार पर व्यय की जानी है। राजसमंद क्षेत्र में अभी तक पर्यावरण सुधार की कोई परियोजना इस संदर्भ में स्वीकृत नहीं की गई है।