किसान आयोग की रिपोर्ट पर अमल क्यों नहीं-वसुन्धरा

Photo News 003कुचामन सिटी/ डीडवाना/ लाडनू/ नागौर। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि राज्य सरकार को किसान आयोग ने 28 मई, 2012 को ही अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी, लेकिन अब तक उस पर अमल क्यों नहीं किया गया? उसके सुझावों के अनुसार योजनाएं क्यों नहीं बनाई गई? इससे साफ जाहिर है ये सरकार किसानों का भला नहीं चाहती। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए देशभर के मशहूर वैज्ञानिकों से मशवीरा कर किसान आयोग का गठन किया था, इस उद्देश्य को लेकर कि किसानों और सरकार के बीच ये आयोग एक बेहतर सेतु का काम करेगा और बदलती टैक्नोलोजी के जमाने में हमारा किसान पीछे नहीं रहेगा। श्रीमती राजे नागौर जिले के कुचामन, डीडवाना और लाडनू कस्बों में जनसभाओं को सम्बोधित कर रही थी। इन तीन सभाओं के अलावा श्रीमती राजे के सम्मान में करीब 30 स्वागत के कार्यक्रम हुए जिनमें भी उन्होंने अपना सम्बोधन दिया।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार आने पर वे किसानों को स्वावलम्बी बनायेंगी और उन्हें पैदावार के अच्छे अवसर देंगी। किसानों के हालात सुधारने के लिए उनकी सरकार विशेष कदम उठायेगी। किसान आयोग को कागजी खाना पूर्ति तक ही सीमित नहीं रखकर उसे मजबूत बनायेगी। श्रीमती राजे ने कहा कि आज किसान नकली और महंगा खाद बीज लेने पर मजबूर है। उसे उसकी फसल का वाजिब दाम नहीं मिल रहा। न ही उसकी सामाजिक सुरक्षा के कोई इंतजाम हो पा रहे है। उसके पशुधन को बचाने के लिए सरकार की जमीनी स्तर पर कोई मुकम्मल योजना नहीं है। स्थिति यह है कि आज राजस्थान का किसान आत्म हत्याएं कर रहा है। इसका कारण 55 साल का कांग्रेसी कुशासन है। जिसमें किसान ही नहीं हर वर्ग का शोषण का शिकार हुआ है।
मजहबी झगड़ों से घायल है राजस्थान
वसुन्धरा राजे ने कहा कि उनका राजस्थान मजहबी झगड़ों के कारण आज घायल हो गया है। कांग्रेस ने वोटों की खातिर जगह-जगह मजहबी दीवारें खड़ी कर दी है। मजहब को मजहब से लड़ा दिया है, लेकिन किसी भी प्रदेश का विकास तब ही संभव हो सकता है जब 36 की 36 कौमें और सब मजहब एक साथ चले। हमारी सरकार सबको साथ लेकर चलेगी और निश्चित रूप से राजस्थान का नाम एक बार फिर इतिहास के पन्नों में उन्नति के लिए लिखा जायेगा।
राज्य अधिनस्थ चयन आयोग क्यों किया भंग
वसुन्धरा राजे ने कहा कि उन्होंने उनकी सरकार के समय में सरकारी नौकरियों की भर्ती के लिए राज्य अधिनस्थ चयन आयोग (स्टेट सबोर्डिनेट सलेक्शन कमीशन) का गठन किया था। ताकि लोक सेवा आयोग और राज्य अधिनस्थ चयन आयोग मिलकर भर्तियां कर सकें। अब इस सरकार ने राज्य अधिनस्थ चयन आयोग को भंग कर दिया है। भर्तियों के विरुद्ध लोग कोर्ट में जायेंगे और भर्तियों पर स्टे हो जायेगा। जो ये सरकार चाहती भी है।
उन्होंने कहा कि चार संभागों में उनकी यात्रा पूरी होने जा रही है, वे जहां भी गई उन्हें टूटी हुई सड़के मिली। कहीं-कहीं तो आगे-आगे सड़कें बनती जा रही थी और साथ के साथ पीछे-पीछे उखड़ती जा रही है। इस मौसम में सड़कों का यह हाल है तो बारिश में ये सड़कें कहां टिक पायेगी। श्रीमती राजे के साथ नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सतपाल मलिक, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव भूपेन्द्र यादव, पूर्व केन्द्रीय मंत्री कैलाश मेघवाल, सांसद दुष्यंत सिंह, पूर्व मंत्री सांवरलाल जाट, पूर्व मंत्री रामनारायण डूडी, युनूस खान, विधायक ओम बिड़ला, हबीबुरर्हमान, कमसा मेघवाल, अभिषेक मटोरिया, युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक निर्मल कुमावत, अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष अमीन पठान, नागौर जिला प्रमुख बिंदु चौधरी, नागौर जिलाध्यक्ष हरीश कुमावत सहित कई नेता मौजूद थे।

error: Content is protected !!