अब बाघों का भी बनेगा आधार कार्ड

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जयपुर। देश भर के नागरिकों को आधार परियोजना के तहत विशेष पहचान संख्या वाला कार्ड मुहैया कराने की कवायद फिलहाल भले ही दूर की कौड़ी लग रही हो, लेकिन सरकार देश भर के बाघों का भी आधार कार्ड बनवाने की तैयारी में है। बाघों को भी विशेष पहचान संख्या वाले आधार कार्ड दिए जाएंगे, जिससे उनकी पहचान करने, उनके बारे में अन्य सूचनाएं जुटाने और गणना में आसानी होगी। विशेष पहचान संख्या देने पहले बाघों का पूरा डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इसमें बाघों की पहचान संबंधी जानकारियां होंगी।

गौरतलब है कि अभी तक सभी राज्य अपने-अपने स्तर पर बाघों को एक नंबर या नाम देते हैं। अब राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एक केंद्रीकृत डाटाबेस तैयार करेगा, जिसके बाद हर एक बाघ को स्थायी तौर पर यूनीक टाइगर आइडेंटिफिकेशन (यूटीआइडी) नंबर दिया जाएगा। राजस्थान के वन विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है। सरिस्का एवं रणथंभौर अभयारण्य में वनकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे बाघों की पहचान में कोई गलतफहमी नहीं होगी। बाघों के दूसरे राज्य की सीमा में जाने या शिकार की स्थिति में पहचान आसान हो जाएगी।

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