जयपुर। उदयपुर में उच्च न्यायालय की पीठ स्थापित करने के लिए राज्य सरकार ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं विधायक किरण माहेश्वरी के तारांकित प्रश्न से यह स्थिति स्पष्ट हुई है।
किरण के प्रश्न का जानबूझकर आधा अधुरा एवं भ्रमपूर्ण उत्तर दिया गयाहै। उच्च न्यायालय की स्थापना के लिए राज्य सरकार को अभी तक सैंकड़ों ज्ञापन विभिन्न संगठनों द्वारा दिए जा चुके है। किन्तु विधि मंत्री कह रहे है कि उन्हे केवल 13 अगस्त 2013 को ही मेवाड़ वागड़ उच्च न्यायालय खण्डपीठ संघर्ष समिति का ज्ञापन मिला है। खण्डपीठ की स्थापना उच्च न्यायालय का प्रस्ताव राज्यपाल को भेजने पर ही संभव है। राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय से ऐसी किसी भी अभिशंषा के लिए अनुरोध नहीं किया है।
प्रश्न में उदयपुर संभाग के सभी जिलों एवं भीलवाड़ा जिले से जोधपुर की अधिकतम एवं न्यूनतम दूरी की जानकारी मांगी गई थी। वह भी नहीं दी गई। नहीं जयपुर में खण्डपीठ स्थापना के आधारों एवं कारणों की सूचना दी गई।
किरण ने भ्रामक एवं अपूर्ण उत्तर देने पर गहरा रोष व्यक्त किया एवं विशेषाधिकार हनन की सूचना देने का भंवत्य बताया है। किरण नें कहा कि मेवाड़ वागड़ की जनता को न्याय पृथक राज्य बनाने से ही मिलेगा।