सुनंदा थरूर की जान ट्विटर ने तो नहीं ली ?

-इक़बाल हिंदुस्तानी- सोशल नेटवर्किंग दोधारी तलवार है, सोच-समझकर चलाना होगा! जिस तरह से चाकू बदमाश के हाथ में हो तो वह किसी की जान ले लेता है और वही चाकू डॉक्टर हाथ में आ जाये तो किसी मरीज़ की जान बचा लेता है, वैसे ही इंटरनेट के भी फायदों के साथ दुरुपयोग के नुक़सान मौजूद हैं लेकिन … Read more

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