अजमेर का दौलतभाग बना नशेड़ियों का अड्डा

baradari 3-450अजमेर -नगर निगम, पुरातत्व विभाग और प्रशासन की लापरवाही के चलते ऐतिहासिक दौलत बाग और आनासागर किनारे बनी बारादरी अपनी पहचान को कायम रखने के लिए संघर्ष कर रहा है. यहां पर आज के समय में कई मूलभूत सुविधाएं नहीं है. यहां न तो सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं और न ही साफ-सफाई के.
सुरक्षा और देखभाल के अभाव में यहां कोई बड़ी घटना भी घटित हो सकती है, इस आशंका कतई इंकार नहीं किया जा सकता. आज यह सिर्फ नशेड़ियों और असामाजिक तत्वों का अड्डा बनकर रह गया है.
कोटा में मासूम बच्चे रूद्राक्ष के अपहरण और हत्या कांड को आज भी वहां के लोग याद करते हैं तो सहम जाते हैं. इस जघन्य कांड के बाद भी अजमेर में प्रशासन और नगर निगम की नींद नही खुल रही है. आज यह जगह संदिग्ध और खानाबदोश लोगों की शरण स्थली बन गया है.
यहां देश के विभिन्न कोनों से आने वाले जायरीन कुछ देर आराम के लिए आते हैं. बारादरी से आनासागर की सुंदरता को निखारते हैं. उनके साथ उनके बच्चे भी होते हैं. शहरवासी भी बच्चों के साथ घुमने आते हैं. ऐसे में यहां की सुरक्षा में लापरवाही बड़ी घटना को न्यौता दे रहा है.
सुभाष उद्यान और बारादरी की सुरक्षा के साथ व्यवस्थाएं भी भगवान भरोसे है. यहां रात में लाईटें नहीं जलती. अंधेरे का फायदा असामाजिक तत्वों और नशेड़ियों को मिलता है. पिछले दिनों अजमेर के रेलवे स्टेशन पर एक खानबदोश ने एक युवक की जान ले ली थी. उनके आपस में लड़ने-झगड़ने की घटनाएं तो आम होती जा रही है.
अब सुभाष उद्यान और बारादरी, इन्हीं खानाबदोश और संदिग्ध लोगों का अड्डा बनता जा रहा है. ऐसे में अब भी यदि प्रशासन नगर निगम और पुलिस की नींद नहीं खुलती है तो कुछ दिनों में पर्यटकों का मोह यहां से भंग हो जाएगा
किशोर सिंह सोलंकी

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