सोशल मीडिया पर भाजपा विधायक भवानी सिंह राजावत का एक वीडियो वायरल हुआ है। इसमें राजावत को कहते दिखाया है कि । वे इस व्यवस्था पर भी सवाल खडे करते दिखाई दिए। देखें वीडियो…
https://youtu.be/qSNoEkoyMaY
जनप्रहरी एक्सप्रेस से साभार
जयपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक हजार और पांच सौ रुपए के नोट आनन-फानन में बंद करने के फैसले और इससे हो रही जनता को परेशानी को लेकर अब तक कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के नेता पीएम मोदी की आलोचना करते नहीं थक रहे हैं, वहीं अब राजस्थान भाजपा के एक वरिष्ठ विधायक ने इस फैसले को लेकर केन्द्र सरकार को कठघरे में खड़े कर दिया है। कोटा की लाडपुरा विधानसभा से वरिष्ठ विधायक भवानी सिंह का विवादित बयान का यह वीडियो वायरल हुआ है। जिसमें राजावत कार्यकर्ताओं के साथ बैठ कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आनन-फानन में नोटबंदी के फैसले को गलत बताते हुए इससे किसानों व जनता को हो रही परेशानी का बखान कर रहे हैं। यह भी कह रहे हैं कि अंबानी और अडाणी जैसे बड़े उधोगपतियों को पहले से ही इस नोटबंदी के बारे में पता था। वीडियो में राजावत यह भी कहते दिख रहे हैं कि नोटबंदी के फैसले से गरीबों का भला होना मुशिकल है। इसे किसानों के खिलाफ बताते हुए कहा कि इस समय नोटबंदी के चलते किसान खाद बीज भी नहीं खरीद पा रहे है। विधायक राजावत का यह वीडियो उनकी खुद की सरकार और पार्टी को कठघरे में ला दिया है। फिलहाल राजावत का यह वीडिया मीडिया और सोश्यल मीडिया में भी छाया हुआ है। इस बयान के बाद विपक्ष को भाजपा सरकार को घेरने का मौका मिल गया है। इसे दिखाकर बयान दिए जा रहे हैं कि जो बात विपक्ष कर रहा था, वो उनकी पार्टी के वरिष्ट नेता भी कह रहे हैं। उधर, इस वीडियो के आधार पर राजावत के खिलाफ कार्रवाई होने की संभावना है। कार्यकर्ताओं में जहां इस बयान की दाद दे रहे हैं तो दबे जुबान यह भी कह रहे हैं कि पीएम नरेन्द्र मोदी के इस फैसले पर इस तरह का बयान देकर राजावत ने आफत ले ली है। गौरतलब है कि भवानी सिंह राजावत पूर्व में भी अपने विवादित बयान दे चुके हैं। इससे पार्टी को नुकसान पहुंचा, वहीं उनकी छवि पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। राजावत कोटा में बढ़ते अपराधों के पीछे बिहार के लोगों पर शक जताते हुए कह चुके हैं कि इनकी वजह से कोटा में अपराध बढ़ रहे हैं। इन लोगों को कोटा से बाहर निकालना चाहिए। वहीं वे भारत को हिन्दु देश घोषित करने की कहकर विवाद बढ़ा चुके हैं। इससे पहले लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को वोट नहीं देने पर लोगों को धमकाने के बयान पर भी काफी हंगामा हुआ था। कोटा के ही अन्य विधायक प्रहलाद गुंजल भी ऐसे ही विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं। कोटा सीएमएचओ को धमकाने के मामले में तो पार्टी ने इन्हें कुछ समय के लिए निलंबित भी कर दिया था।
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