गर मिले गूगल पर

बाप की डांट तथा झिड़की,
मां की ममता, प्यार-दुलार गर गूगल पर मिले तो मुझे बताना यार
दोस्त की सलाह- स्नेह और उनके साथ लगाए ठहाके-कहकहे
गर गूगल पर मिले तो बताना यार
बड़े-बुजुर्गों के दिल से निकली दुआ, आशीर्वाद उनके बेशकीमती तजुरबात और नि:स्वार्थ बेइंतहा मोहब्बत गर मिले गूगल पर
तो जरूर बताना यार
मशीन आखिर मशीन ही होती है
दिलों के जज्बात औरअहसासात किस एप से डाउनलोड होंगे और किस प्लेस्टोर से डाउनलोड किए जाएंगे
गर मालूम हो तुम्हें तो जरूर
बताना यार,
गूगल हो, फेसबुक हो या इंस्टाग्राम ये सब नए जमाने के चोंचले है
ये सब जीवन के लिए तो हो सकते हैं पर ये सब जीवन नहीं हैं
न ही हो सकते हैं मुझे  बस यही कहना था यार…
कि गूगल पर बहुत कुछ भले ही मिलता हो
पर सब कुछ नही मिलता,
जिंदगी तो कतई भी नही…..
गुगल पर जिंदगी तो हरगिज नहीं मिलेगी यार। 00
श्याम कुमार राई ‘सलुवावाला’

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