नई दिल्ली। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) विनोद राय ने एक बार फिर से केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि सत्ता में बैठे लोग बेहद अड़ियल होते हैं और वह अपनी ही बात पर कायम रहते हैं। राय ने कहा कि बहुत बड़ी संख्या में लोग इनके खिलाफ होते हैं लेकिन फिर भी शांत होते हैं। जिस कारण सत्ता में बैठे लोगों को यह गलतफहमी होती है कि उन्हें जनाधार प्राप्त है और वह जो चाहे सो कर सकते हैं।
विनोद राय ने सरकार के घोटालों का खुलासा कर काफी सुर्खियां बटोरी हैं। सरकार पर अंगुली उठने से खुद उनके ऊपर भी राजनीति में आने का आरोप कई बार लगाया जा चुका है। लेकिन इस बारे में राय कुछ खास नहीं कहते हैं। राजनीति में आने के बारे में उन्होंने शनिवार को सिर्फ इतना ही कहा कि यह वक्त बताएगा कि वह राजनीति में आएंगे या नहीं।
राय इस वर्ष मई में अपने पद से रिटायर हो जाएंगे। उनका कहना है कि मध्यमवर्गीय लोग जो राजनीति का ककहरा नहीं जानते हैं वह भी देश के सवाल पर एकजुट होना शुरू हो गए हैं। उनका मानना है कि यह लोग खामोश होते हैं जिसकी वजह से सत्ता में बैठे लोग गलतफहमी पाल लेते हैं कि वह सही हैं। गौर करने वाली बात यह है कि राय की सरकार की ओर की गई यह बातें कोई नई नहीं हैं। इससे पहले भी अमेरिका में उन्होंने कई ऐसी बातें कही थीं जिसके बाद उन्हें कांग्रेस और केंद्रीय मंत्रियों की नाराजगी झेलनी पड़ी थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने यह तक कह दिया था कि वह शायद देश के प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं लिहाजा इस तरह की बातें कर रहे हैं।