पुलिस में मामला दर्ज, 19 माह से शर्मा के फार्म हाऊस पर बगीचे की हो रही थी सिंचाई
केकड़ी। अपने आपको ईमानदार व जनता का सच्चा सेवक बताने वाले कांग्रेस सरकार में सरकारी मुख्य सचेतक रहे क्षेत्र के पूर्व विधायक डा. रघु शर्मा के कारनामों की पोल खुलने लगी है। गुरूवार को जलदाय विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व विधायक रघु शर्मा के अजमेर मार्ग पर स्थित रघुवीरा के नाम से फार्म हाऊस पर तथा पंचायत समिति की प्रधान पुष्प कंवर शक्तावत के पुत्र शैलेन्द्र सिंह शक्तावत के यहां गुलगांव के निकट स्थित फार्म हाऊस पर से पानी की सरकारी पाईप लाईन से अवैध कनेक्शन को काटते हुए संबंधित लोगों के खिलाफ सरकारी पाईप लाईन से अवैध कनेक्शन लेकर सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने व पानी की चोरी करने के आरोप में पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया है। शक्तावत के खिलाफ केकडी और शर्मा के खिलाफ सरवाड थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
ज्ञातव्य है कि केकड़ी विधायक शत्रुघ्र गौतम ने गुरूवार को ही जयपुर में रघु के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी कि शर्मा ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए अवैध कनैक्शन लेकर अपने फार्महाउस में सिंचाई कर रहे हैं। गौतम की शिकायत पर ही तुरंत कार्यवाही करते हुए विभाग ने अजमेर रोड़ पर स्थित रघु के फार्महाउस व सावर रोड़ पर ग्राम गुलगांव में रघु के करीबी के फार्महाउस से पानी का कनैक्शन भी काट दिया।





उल्लेखनीय है कि एक ओर जहां क्षेत्र की जनता उनके कार्यकाल में पूरे पांच साल तक बूंद बूंद पानी को तरसती रही वहीं पूर्व विधायक रघु शर्मा ने खुद की सरकार मेें पद का दुरूपयोग कर अजमेर मार्ग पर स्थित अपने फार्म हाऊस पर विभाग के अधिकारियों को दबाव में लेकर तीन दिन मेें तीन इंच मोटी तीन किलो मीटर लम्बी पाईप लाईन बिछवा ली जिसे करीब 19 माह बीत चुके हैं। पिछले 19 माह से वे लगातार पानी की चोरी कर 8 बीघा जमीन पर बनाए गए अपने फार्म हाऊ स पर लगे पेड़ पौधों की सिंचाई कर रहे थे। जलदाय विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह पाईप लाईन केकड़ी के नए अस्पताल भवन के निकट से शुरू होकर अजगरी ग्राम के लिए स्वीकृत हुई थी जिस पर पूर्व विधायक द्वारा तीन इंच मोटी सरकारी पाईप लाईन डालकर अवैध रूप से कनेक्शन कर लिया गया, बताया गया है कि इस पाईप लाईन से 24 घण्टे पेयजल सप्लाई की जा रही है। वहीं जानकारी मिली है कि अजगरी गांव के लोगों के लिए स्वीकृत यह पाईप लाईन 19 माह बाद भी गांव तक नहीं पहुंच पाई है जबकि पूर्व विधायक के फार्म हाऊस से इस गांव की दूरी मात्र पौन किलो मीटर है। इस बारे में जलदाय विभाग के सहायक अभियंता कालूराम मीणा ने बताया कि महकमें के उच्चाधिकारियों के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है दोनों फार्म हाऊसों से अवैध कनेक्शन हटाते हुए पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया गया है। उन्होंने बताया कि माह जून 2012 मेें तीन इंच मोटी यह पाईप लाईन ग्राम अजगरी मेें पेयजल सप्लाई के लिए स्वीकृत हुई थी जो अभी तक भी अजगरी ग्राम तक नहीं बिछ पाई है। इस बारे मेें जब पूर्व विधायक शर्मा से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया तो वे मोबाईल पर उपलब्ध नहीं हो सके। वहीं इस बारे में प्रधान पुत्र शैलेन्द्र सिंह शक्तावत का कहना है कि यह कार्रवाई द्वेषतापूर्वक की गई है जबकि क्षेत्र में सैंकड़ों अवैध कनेक्शन हो रखे हैं।
यह था मामला- पिछले 30 वर्षों से जहां केकड़ी नगर की तीन दर्जन बस्तियों सहित क्षेत्र के कई गांवों के लोग पानी की पाईप लाईन बिछाए जाने के लिए जूझ रहे है, वहीं क्षेत्र के विधायक रहे पूर्व सरकारी मुख्य सचेतक डॉ. रघु शर्मा के यहां अजमेर मार्ग पर स्थित फार्म हाऊस पर पानी पहुंचाने के लिए विभाग द्वारा 19 माह पूर्व जून 2012 मेें मात्र तीन दिन में ही जेसीबी से रात-दिन खुदाई कर 7 लाख रूपये की लागत से तीन किलोमीटर लंबी तीन इंच मोटी पीवीसी पाईप लाईन डाली गई थी यह मामला अब जाकर उजागर हुआ है। आलम ये है कि जो पाईप लाईन बिछाई जा चुकी है उसकी तकनीकि व प्रशासनिक स्वीकृति भी मीडिया में बात उछलने पर बाद में ली गई और वो भी ग्राम अजगरी के नाम से। उस दौरान पूर्व विधायक शर्मा के उंचे रसूख और दबदबे के चलते जलदाय विभाग के अधिकारियों ने आनन-फानन में पाईप लाईन डालने की कवायद को अंजाम दिया था। विभागीय सूत्रों के अनुसार फार्म हाऊस तक बिछाए गए यह पीवीसी पाईप ग्रामीण क्षेत्र के लिए विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए थे लेकिन अधिकारियों ने दबाव में आकर इन्हें केवल फार्म हाऊस तक ही बिछाया। फार्म हाऊस पर पाईप लाईन बिछाने के लिए दिन-रात जेसीबी मशीन द्वारा खुदाई की गई थी। ऐसे में क्षेत्र के विधायक रहे शर्मा द्वारा अपने राजनैतिक कद का बेजा इस्तेमाल कर आनन-फानन में कई किलोमीटर की नई पाईप लाईन बिछाकर अपने फार्म हाऊस तक पानी पहुंचाने का यह कारनामा क्षेत्र के हजारों प्यासे लोगों का हक छीनकर जनप्रतिनिधियों के जनकल्याण के दावों की पोल खोलने का उदाहरण बनकर सामने आया है।
-तिलक माथुर व पीयूष राठी की रिपोर्ट