अजमेर – अपने जीवन में धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष नामक पुरूषार्थों का पालन किया है, उन्हें ही इतिहास में स्थान मिल पाया और उन्हीं शासकों में से एक हैं महाराजा दाहरसेन, जिन्होनें अपने जीवन में चारो पुरूषार्थों का पालन किया । उन्होनें कहा कि संस्कृत भाषा प्राचीनकाल से वर्तमान काल तक आज भी सम्पूर्ण हिन्दुस्तान की मौलिक भाषा है। समस्त पंथो, समुदायों और भाषाओं में किस प्रकार संस्कृत भाषा और संस्कारों का समावेश हुआ है। उक्त विचार सिन्धुपति महाराजा द्ाहरसेन स्मारक पर भारतीय इतिहास संकलन समिति अजमेर के सहयोग से आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता काचरिया पीठाधीश्वर डॉ. जयकिशन ने प्रकट किये।
अध्यक्षता करते हुये राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य डॉ. पी.के. दशोरा ने कहा कि महाराजा द्ाहरसेन के बलिदान से प्रेरणा लें कि कैसे विदेशी आक्रांताओं से राष्ट्र रक्षा के लिए लोहा लिया और आज भी हमें ऐसे प्रेरणादायी प्रसंगों को पढने व समझने की आवश्यकता है।
संगोष्ठी में ’भारतीय स्वाभिमान के प्रतीक सिन्धुपति महाराजा द्ाहरसेन‘ विषय पर इतिहासविज्ञ डॉ. एन.के. उपाध्याय ने अपने विचार प्रकट करते हुये कहा कि महाराजा द्ाहरसेन का बलिदान, महारानी लाडी ब्ाई का जोहर व उनकी सुपुत्रियों का त्याग युवा पीढी के लिए प्रेरणादायी है।
गोष्ठी में श्री बसंत सोलंकी, श्री जितेन्द्र जोशी, डॉ. किशनी फुलवाणी के अलावा उदयपुर के श्री श्याम सुन्दर भट्ट ने अपने विचार अभिव्यक्त करते हुये सिन्ध की संस्कृति, कुशल सैन्य नीति व समाज के साथ सनातन संस्कृति के रक्षक महाराजा द्ाहरसेन पर अपना उद्बोधन किया।
भारतीय सिन्धु सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नवलराय बच्चाणी ने सभी का आभार व्यक्त किया । मंच का संचालन सुश्री विनीता ने किया।
कार्यक्रम में नगर सुधार न्यास के पूर्व अध्यक्ष धर्मेश जैन, नरेन शाहणी भग्त, विधायक अनिता भदेल, पार्षद खेमचन्द नारवाणी, नवीन सोगाणी, कंवल प्रकाश किशनाणी, महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, कमल पंवार विनीत लोहिया, लक्षमण कोटवाणी, सर्वेश्वर अग्रवाल, रंजन शर्मा, धर्मू पारवाणी सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।
महाराजा द्ाहरसेन के 1302वें बलिदान दिवस पर होगें कल कई कार्यक्रम
सिन्धुपति महाराजा द्ाहरसेन राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह कल तैयारियां पूरी
सिन्धुपति महाराजा द्ाहरसेन के 1302वें बलिदान दिवस के अवसर पर कल 16 जून 2014 को सांय 5.30 बजे से पुष्कर रोड स्थित सिन्धुपति महाराजा द्ाहरसेन स्मारक पर देश भक्ति कार्यक्रम में द्वितीय सिन्धुपति महाराजा द्ाहरसेन राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया जायेगा।
सम्मान रायपुर (छतीसगढ) शदाणी दरबार के संत युधिष्ठरलाल को प्रदान किया जायेगा, जिसमें इक्कावन हजार रूपये नकद, प्रशस्ति पत्र, शॉल व स्मृति चिन्ह दिया जायेगा।
समारोह के मुख्य अतिथी राजस्थान सरकार के पंचायतराज मंत्री श्री गुलाबचंद जी कटारिया होंगें। इस अवसर पर जोधपुर के सांसद श्री गजेन्द्र सिंह, धरोहर संरक्षण एवं प्रौन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री ओंकार सिंह जी लखावत भी उपस्थित रहेगें। समारोह में अखिल भारतीय सिन्धी साधू समाज के संरक्षक व हरिशेवा धाम भीलवाडा के महन्त स्वामी हंसराम उदासीन, राजगढ भैरवधाम के मुख्य उपासक श्री चम्पालाल महाराज, बालकधाम किशनगढ के स्वामी श्यामदास जी, ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम के महन्त स्वरूपदास, नृसिंह मन्दिर होलीदडा के तत्वेताचार्य श्यामशरण जी, सहित अनेक संतो के आर्शीवाद प्राप्त होगें।
समारोह में हिंगलाज माता पूजा अर्चना, महाराजा द्ाहरसेन को श्रृद्धासुमन, देशभक्ति पूर्ण कार्यक्रम, सिन्धु संस्कृति की प्रदर्शनी एवं विजेताओं को पुरस्कृत भी किया जायेगा। इस अवसर पर दाहरसेन मेले के साथ सिन्धी व्यंजनों की स्टॉलें भी लगाई जायेगीं।
कार्यक्रम नगर निगम, अजमेर, अजमेर विकास प्राधिकरण, पर्यटन विभाग के सहयोग से किया जा रहा है। समारोह की पूर्ण तैयारियां करते हुये रंग रोगन के अलावा स्मारक पर विशेष लाईट व्यवस्था की गई है।
महाराजा द्ाहरसेन के चित्र पर ड्राइंग शीट पर रंग भरो प्रतियोगिता के विजेताओं को मुख्य कार्यक्रम में स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया जायेगा।