अजमेर। अजमेर विद्युत वितरण निगम लि. के उपभोक्ताअेां को अब अपनी विद्युत संबंधी शिकायतों के समाधान के लिए डिस्काॅम का टोलफ्री नम्बर 18001806565 पर अपनी शिकायत दर्ज करानी होगी जिसका समयबद्धता के साथ निस्तारण किया जाएगा।
यह जानकारी निगम के प्रबंध निदेशक श्री हेमन्त कुमार गेरा ने शनिवार को डिस्काॅम मुख्यालय सभागार में आयोजित वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में दी। उन्होंने बताया कि विद्युत संबंधी शिकायतों के लिए डिस्काॅम का उपभोक्ता सेवा केन्द्र प्रारंभ किया गया हैं। इस केन्द्र पर डिस्काॅम क्षेत्रा के 11 जिलों के विद्युत उपभोक्ता अपनी विद्युत संबंधी पांच प्रकार की समस्या दर्ज करवा सकेगें, जिसमें ट्रांसफार्मर संबंधी, बिजली बंद संबंधी, तार टूटने संबंधी, कर्मचारियों के व्यवहार संबंधी तथा नए कनेक्शन के संबंधी शिकायतें हैं। इस केन्द्र का टोलफ्री नम्बर 1800-180-6565 हैं। उन्होंने इस नम्बर का व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए। इस नम्बर की सील विद्युत बिलो पर भी लगाई जाए। उन्होंने बताया कि केन्द्र पर समस्या/शिकायत दर्ज होगी, जिसका नियत समय में निस्तारण किया जाना होगा। उन्होंने बताया कि नियत समय पर समस्या का निस्तारण नहीं होने पर इसकी सूचना उपभोक्ता सेवा केन्द्र द्वारा संबंधित उच्चाधिकारियांे को प्रेषित की जाएगी।
बकाया शिकायतों का त्वरित निस्तारण हो –
प्रबंध निदेशक ने बताया कि विद्युत संबंधी सभी शिकायतें यथा मुख्यमंत्राी प्रकोष्ठ, ऊर्जा मंत्राी कार्यालय, सरकार आपके द्वार, सम्पर्क समाधान पोर्टल तथा आमजन से प्राप्त शिकायतों के निस्तारण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए तत्काल निस्तारण की कार्यवाही की जाए।
खराब एवं बंद मीटर प्राथमिकता से बदलें-
बैठक में प्रबंध निदेशक ने निर्देशित किया कि अभियंता अपने-अपने क्षेत्रा में उपभोक्ताओं के बंद एवं खराब पड़े मीटरों को प्राथमिकता से बदलने का कार्य संपादित करें। उन्होंने कहा कि मीटर रीडि़ंग लेने के समय मीटर का स्टेटस भी लें तथा एक डाटाबेस तैयार करें कि कितने उपभोक्ता और विद्युत कनेक्शन लेने के इच्छुक हैं।
पीएचईडी के कनेक्शन प्राथमिकता से दें-
बैठक में प्रबंध निदेशक ने निर्देशित किया कि आगामी गर्मीयों को देखते हुए कहीं विद्युत कनेक्शन के कारण पेयजल की कठिनाई न हो इसके लिए पीएचईडी के कनेक्शन प्राथमिकता से जारी करें।
फीड़र की मीटरिंग सुनिश्चित की जाए –
प्रबंध निदेशक ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्रत्येक फीड़र की मीटरिंग किया जाना सुनिश्चित करें तथा निर्धारित समयानुसार विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराएं। उन्होंने गत वित्तीय वर्ष के दौरान सकारात्मक योगदान तथा अच्छी राजस्व वसूली के लिए सभी अभियंताओं को बधाई दी तथा इस वर्ष प्रारंभ से ही पूरे जोश के साथ प्रतिमाह निर्धारित मापदण्ड़ो के अनुसार समयबद्धता के साथ कार्य संपादित करने के निर्देश दिए। उन्हांेने कहा कि सभी फीड़रों पर मीटरिंग का कार्य किया जाना हैं यह कार्य 30 अप्रेल तक पूर्ण किया जाए। फीडर पर मीटरिंग व्यवस्था सही चलें इसके लिए मेजरमैंट एजेंसी भी नियुक्त की गई हैं, जो मीटर के बारे में समय-समय पर टेस्टिंग कर अपनी रिपोर्ट देगी। उन्होंने निर्धारित समयानुसार फीड़र से विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराया जाना भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने समस्त अधीक्षण अभियंता (ओएण्डएम) को निर्देश दिए है कि वे फीडर मेनेजर (ओएण्डएम) द्वारा ली जा रही एमआरआई रिपोर्ट्स की जांच करें तथा जांच में निर्धारित घंटों से अधिक की सप्लाई पाई जाने पर, यदि संबंधित जीएसएस ठेकेदार संचालित कर रहा है तो उससे वसूली करें। यदि जीएसएस का संचालन निगम द्वारा ही किया जा रहा है तो संबंधित अधिकारी/कर्मचारी की जिम्मेदारी तय की जाए।
बकाया कृषि कनेक्शन जारी करें –
प्रबंध निदेशक ने बताया कि जिन कृषि कनेक्शन पत्रावलियों के मांग पत्रा दिनांक 01 अप्रेल, 2013 एवं इसके बाद जारी किए गए एवं किसी कारणवश आवेदक मांग पत्र राशि जमा नहीं करवा सकें तथा पत्रावलियां निरस्त हो गई, उन आवेदकों को मांग पत्रा जमा कराने के लिए एक अवसर और दिया गया है। निरस्त पत्रावलियों को पुर्नजीवित करने के लिए आवेदक से पांच सौ रूपये जमा करवाने के लिए रजिस्टर्ड पत्रा द्वारा सूचित किया जाएगा। यह मांग पत्र की राशि 16 अप्रेल से 15 मई, 2015 तक जमा करानी होगी अन्यथा पत्रावली बिना अन्य किसी सूचना के रद्द मानी जाएगी। उन्होंने बताया कि इन पुर्नजीवित कृषि कनेक्शन पत्रावलियों की प्राथमिकता मांग पत्रा की राशि जमा होने की तिथि से निर्धारित की जाएगी।
इसी प्रकार बूंद-बूंद/फव्वारा सिंचाई योजना में अब 31 मार्च 2015 तक प्राप्त आवेदनों का निस्तारण भी कर दिया जाए।
तकनीकी सहायकों का पदस्थापन –
प्रबंध निदेशक ने बताया कि लगभग 1700 तकनीकी सहायको को सब डिवीजन पर लगाने के लिए सूची अधीक्षण अभियंता को शीघ्र भेज दी जाएगी। अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच का कार्य भी संपादित कराया जाएगा।
सीएलआरसी के कार्य समय पर हों-
प्रबंध निदेशक ने बताया कि डिस्काॅम क्षेत्र में जहां सीएलआरसी के कार्य स्वीकृत है वहां कार्य समय पर प्रारंभ हों तथा आवश्यक पंजीकाओं का संधारण हो यह सुनिश्चित किया जाए। प्रत्येक कार्य की रजिस्टर में प्रविष्टि हों जिसमें क्या-क्या मेटेरियल मिला है उसकी जानकारी दर्ज की जाए। उपयोगिता प्रमाण पत्र के साथ मेटेरियल के उपयोग तथा शेष रहे मेटेरियल की जानकारी दी जाए।
वीसीबी संचालन के लिए प्रशिक्षण –
प्रबंध निदेशक ने बताया कि प्रत्येक जीएसएस पर लगी वीसीबी के संचालन के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाए तथा प्रशिक्षित व्यक्ति से ही संबंधित कार्य करवाया जाए ताकि वे दक्षतापूर्वक कार्य कर सकें।
सतर्कता जांच प्रभावी हो –
प्रबंध निदेशक ने निर्देश दिए कि बिजली चोरी रोकने के लिए की जा रही सतर्कता जांच को प्रभावी बनाया जाए तथा बड़े बिजली चोरांें पर पैनी नजर रखते हुए उन्हें पकड़ें। उन्होंने ऐसे उपभोक्ता जिनके आवासों पर वातानुकूलित संयंत्रा लगे हुए है की सूची भी तैयार करने तथा अधिक लोसेज वाले क्षेत्रों में लोगों को बिजली चोरी नहीं करने के लिए आईईसी कार्यक्रम भी चलाने के निर्देश दिए।
बैठक में निदेशक वित्त श्री नरेन्द्र कुमार माथुर, मुख्य अभियंता श्री बी.एस. रत्नू (अजमेर), श्री आर. पी. सुखवाल (उदयपुर), श्री के. पी. वर्मा (झुंझुनूं), श्री बी. एम. भामू (वाणिज्य), मुख्य अभियंता श्री डी.के. शर्मा (आई.टी.), मुख्य लेखाधिकारी श्री एस.एम. माथुर (एटीबी), श्री एम.के. जैन (राजस्व), टी ए श्री मुकेश बाल्दी सहित समस्त अधीक्षण अभियंता, अधिशाषी अभियंता एवं संबंधित अधिकारी गण उपस्थित थे।
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120 स्थानों पर बिजली चोरी पकड़ी
अजमेर। अजमेर विद्युत वितरण निगम लि. के सतर्कता दलों द्वारा बिजली चोरी रोकने के लिए की गई प्रभावी कार्यवाही के तहत शनिवार को विभिन्न वृत्तांे के 129 स्थानों पर छापामार कार्यवाही की जाकर कुल 120 स्थानों पर बिजली चोरी पकड़ कर कुल 13 लाख 84 हजार रूपए का राजस्व वसूली का निर्धारण किया गया।
निगम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (सतर्कता) श्री राममूर्ति जोशी ने बताया कि बिजली चोरी रोकने के लिए 18 अप्रेल को की गई कार्यवाही के तहत बिजली चोरी के सामने आए मामलों में अजमेर वृत्त में 45 स्थानों पर जांच कर 43 स्थानों पर बिजली चोरी पकड़कर 6 लाख 40 हजार रूपए का राजस्व निर्धारण किया गया। भीलवाड़ा वृत्त में 26 स्थानों पर जांच कर 24 स्थानों पर चोरी पकड़कर 2 लाख 15 हजार रूपए का राजस्व निर्धारण किया गया। जबकि नागौर वृत्त में 10 स्थानों पर जांच कर सभी स्थानों पर चोरी पकड़कर 62 हजार रूपए का राजस्व निर्धारण किया गया। सीकर वृत्त में 14 स्थानों पर जांच कर 13 स्थानों पर बिजली चोरी पकड़ते हुए एक लाख 92 हजार रूपए का राजस्व निर्धारण किया गया।
उन्होंने बताया कि चित्तौड़गढ़ वृत्त में 7 स्थानों पर जांच कर सभी स्थानों पर चोरी पकड़कर 28 हजार रूपए का राजस्व निर्धारण किया गया। वहीं डूंगरपुर वृत्त में 4 स्थानों पर जांच कर 2 स्थानों पर बिजली चोरी पकड़ते हुए 17 हजार रूपए का राजस्व निर्धारण किया गया। साथ ही राजसमंद वृत्त में 19 स्थानों पर जांच कर सभी स्थानों पर चोरी पकड़कर एक लाख 30 हजार रूपए का राजस्व निर्धारण किया गया तथा उदयपुर वृत्त में 4 स्थानों पर जांच कर 2 स्थानों पर बिजली चोरी पकड़ते हुए एक लाख रूपए का राजस्व निर्धारण किया गया।
विद्युत थानों द्वारा की गई कार्यवाही:-
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (सतर्कता) श्री राममूर्ति जोशी ने बताया कि शनिवार को विद्युत चोरी निरोधक पुलिस थानों में विद्युत चोरांे के खिलाफ कार्यवाही कर 23 प्रकरण दर्ज कर कुल 16 प्रकरणों का निस्तारण कर एक लाख 37 हजार 704 रूपए का जुर्माना वसूल किया गया।
उन्होंने बताया कि अजमेर में एक प्रकरण का निस्तारण कर 6 हजार 269 रूपए का जुर्माना वसूल किया गया जबकि किशनगढ़ में 2 प्रकरणों का निस्तारण कर 34 हजार 913 रूपए का जुर्माना वसूल किया गया। वहीं भीलवाड़ा में एक प्रकरण में 13 हजार 658 रूपए, नागौर में एक प्रकरण में 4 हजार 611 रूपए, चित्तौड़गढ़ में 3 प्रकरणों में 9 हजार 541 रूपए तथा उदयपुर में 8 प्रकरणों में 68 हजार 712 रूपए की राशि वसूल की गई।