महिला एवं बाल विकास विभाग तथा म.द.स.विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित फैशन डिजाइनिंग एवं सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रमों का समापन
अजमेर, 09 जुलाई। महिला एवं बाल विकास मंत्राी श्रीमती अनिता भदेल ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की महिलाओं को स्वावलंबी एवं आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए कृतसंकल्प है। विभाग द्वारा प्रदेश में चलाए जा रहे विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के तहत महिलाओं को विभिन्न हुनर में पारंगत किया जा रहा है। सरकार महिलाओं को विभिन्न व्यवसायों में दक्ष बनाकर उन्हें अपना कार्य प्रारम्भ करने के लिए आर्थिक मदद भी उपलब्ध करा रही है।
महिला एवं बाल विकास मंत्राी श्रीमती भदेल ने यह बात गुरूवार को अजमेर शहर में विभाग एवं महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय प्रबंधन केन्द्र के तत्वावधान में जारी फैशन डिजाइनिंग एवं सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रमों के समापन के अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुंधरा राजे की सोच है प्रदेश की महिलाएं स्वावलंबी एवं आर्थिक रूप से सक्षम बनें एवं विभिन्न क्षेत्रों में तरक्की करें। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए राज्य सरकार द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।
श्रीमती भदेल ने कहा कि विभाग ने महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के साथ मिलकर महिलाओं को उनके घर के आसपास ही रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है। फैशन डिजाइनिंग, सिलाई, कम्प्यूटर एवं अन्य प्रशिक्षण महिलाओं को दिए जा रहे हैं ताकि वे आर्थिक रूप से सक्षम एवं सशक्त हो सकें। यह कार्यक्रम महिलाओं में काफी लोकप्रिय है तथा इन्हें व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुरूप करवाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। विभाग के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाओं एवं अमृता सोसायटी से जुड़ी महिलाओं के लिए जयपुर व दिल्ली में आयोजित किए जाने वाले व्यापार मेले अब संभाग मुख्यालयों पर भी आयोजित करवाए जाएंगे। इनमें प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाओं को निशुल्क स्टाॅल उपलब्ध करायी जाएगी।
श्रीमती भदेल ने महिलाओं से आग्रह किया कि वे जिस व्यवसाय का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है। वे उस व्यवसाय की तमाम बारीकियां भी पूरी गम्भीरता से सीखें ताकि प्रतिस्पर्धा के इस दौर में उन्हें पिछड़ना नहीं पड़े। महिलाएं अपने आप को प्रशिक्षण तक ही सीमित नहीं रखें बल्कि यहां सीखे हुए हुनर का व्यावसायिक उपयोग भी करे। राज्य सरकार द्वारा विभिन्न बैंको के माध्यम से उन्हें आर्थिक मदद भी उपलब्ध करायी जाएगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला कलक्टर डाॅ. आरूषी मलिक ने कहा कि महिलाओं को स्वावलंबी एवं सक्षम तभी माना जा सकता है जब वे आर्थिक रूप से सक्षम हो। महिलाएं अपनी स्थिति को बदलने के लिए स्वयं आगे आए। महिलाएं विभिन्न व्यवसायों के जो गुर सीख रही है वे उसमें पूरी तरह से गम्भीरता के साथ प्रशिक्षण प्राप्त करे एवं व्यावसायिक जरूरतों के मुताबिक अपनी कार्यशैली को निखारे।
डाॅ. मलिक ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग सहित विभिन्न विभागों के माध्यम से महिलाओं एवं पुरूषों को हुनर सिखाने के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इन योजनाओं का लाभ उठाएं एवं तरक्की करें। कई प्रशिक्षण कार्यक्रम तो ऐसे है जिनमें प्रशिक्षण के पश्चात रोजगार भी तुरन्त उपलब्ध हो जाता है।
विश्वविद्यालय के उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय प्रबंधन केन्द्र के निदेशक प्रो. बी.पी.सारस्वत ने कहा कि इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य सरकार गरीब एवं वंचित तबकों की महिलाओं को उनके घर के आसपास ही प्रशिक्षित कर रोजगार उपलब्ध करा रही है। महिलाएं पूरी रूचि के साथ इन कार्यक्रमों में प्रशिक्षण लें और आत्मनिर्भर बनें।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के डाॅ. आशीष पारीक, डाॅ. दीपिका उपाध्याय, महिला एवं बाल विकास विभाग के श्री महावीर सिंह सहित विभिन्न अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम में प्रशिक्षण लेने वाली बालिकाओं एवं महिलाओं को उनके प्रशिक्षण से जुड़ा किट भी वितरित किया गया।
महिलाओं ने दिखाया फैशन डिजाइनिंग में हुनर
पुलिस लाईन क्षेत्रा में आयोजित फैशन डिजाइनिंग प्रशिक्षण में बालिकाओं एवं महिलाओं ने अपने हुनर से सभी को चैंका दिया। महिला एवं बाल विकास मंत्राी श्रीमती अनिता भदेल एवं जिला कलक्टर डाॅ. आरूषी मलिक सहित प्रशिक्षण स्थल पर उपस्थित सभी लोगों ने महिलाओं द्वारा डिजाइन किए गए वस्त्रों की प्रशंसा की। श्रीमती भदेल ने तो एक-एक वस्त्रा के बारे में तथा उसे डिजाइन करने वाली प्रशिक्षणार्थी के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि शिविर में कपड़ों की रंगाई से लेकर उनके डिजाइन एवं सिलाई तक का जो कार्य हुआ है। वह बेहतरीन है। यह कार्य बाजार में उपलब्ध आधुनिक एवं महंगे वस्त्रों की तरह ही उम्दा एवं प्रशंसनीय है।