अमृता हाट मेलों का आयोजन पहली बार संभाग स्तर पर

a1जयपुर, 11 सितम्बर। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने बताया कि अमृता हाट मेलों का आयोजन पहली बार संभाग स्तर पर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की महिलाओं को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सभी संभागों में मेलों का आयोजन किए जाने का निर्णय लिया गया है। इस कड़ी में 18 से 22 सितम्बर को जोधपुर में पहली बार अमृता हाट मेले लगेंगे।
श्रीमती भदेल ने कहा कि महिलाओं को खुद के पैरों पर खड़ा करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए स्वयं सहायता समूहों द्वारा अमृता हाट मेलों का आयोजन किया जाता रहा है। इन मेलों में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा बनाए उत्पादों का प्रदर्शन और विपणन किया जाता है। अब तक ये मेले केवल दिल्ली और जयपुर में ही लगते थे लेकिन अब संभागीय स्तर पर भी इन्हें लगाने का निर्णय लिया गया है।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी संभागों में मेलों का आयोजन किया जाएगा। भरतपुर में 22 से 26 सितम्बर 2015, उदयपुर में 30 अक्टूबर से 3 नवंबर, बीकानेर में 18 से 22 दिसंबर, कोटा में 4 से 8 दिसंबर और अजमेर में अगले वर्ष 26 जनवरी से 3 फरवरी 2016 तक अमृता हाट मेले लगाए जाएंगे।
गौरतलब है कि अमृता सोसायटी से पंजीबद्ध महिला स्वयं सहायता समूहों को इन हाटों में दुकान व आवास सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराई जाती है और ऎसे आयोजन को सफल बनाने के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी किया जाता है।

योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने ली विभागीय कार्यों की समीक्षात्मक बैठक
जयपुर, 11 सितम्बर। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने गुरुवार को विभागीय कार्यों की समीक्षात्मक बैठक ली और विभागीय योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने पर जोर दिया।
महिला निदेशालय में हुई बैठक में श्रीमती भदेल ने कहा कि धनलक्ष्मी केंद्रों के निर्माण के लिए अधिकारी जिला परिषद से समन्वय कर भूमि आवंटन व निर्माण सुनिश्चित करें। बैठक में महिला अधिकारिता विभाग सेवा नियमों पर निर्णय लिए गए। प्रारूप के अनुसार परियोजना महिला सशक्तिकरण अधिकारी विभाग का न्यूनतम पद होगा। इसके बाद क्रमशः महिला संरक्षण अधिकारी, कार्यक्रम अधिकारी, उपनिदेशक, संयुक्त निदेशक के पदों पर पदोन्नति देने का प्रस्ताव तैयार किया गया।
बैठक में सामूहिक विवाह नियमों को भी सरलीकृत करने का प्रस्ताव तैयार किया गया। नए प्रस्ताव के अनुसार अब आयकर अधिनियम के तहत छूट पाने वाली संस्था या ट्रस्ट भी सामूहिक विवाह करवाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राकेश श्रीवास्तव, महिला अधिकारिता आयुक्त श्रीमती ऋचा खोड़ा, अतिरिक्त निदेशक श्री जगदीश प्रसाद बुनकर, स्वयं सहायता समूह की अतिरिक्त निदेशक श्रीमती मुक्ता अरोड़ा, जेण्डर प्रकोष्ठ की परियोजना समन्वयक श्रीमती कमला, संरक्षण प्रकोष्ठ की उपनिदेशक श्रीमती रेणु खण्डेलवाल, उपनिदेशक मुख्यालय श्रीमती निशा मीणा, कार्यक्रम निदेशक (मॉनिटरिंग) श्रीमती चित्र राठौड, कार्यक्रम निदेशक (मुख्यालय) श्रीमती कमलिनी द्रविड सहित कई अधिकारी उपस्थित थे।

error: Content is protected !!