भारत के कल्याण में ही विश्व का कल्याण

‘विश्व बंधुत्व दिवस समारोह का हुआ आयोजन‘
swami-vivekananda thumbअजमेर / विश्वधर्म सम्मेलन शिकागो में 11 सितम्बर को स्वामी विवेकानन्द के भाषण में जिन शब्दों से विश्वजगत प्रभावित हुआ था, उनके पीछे भारत की संस्कृति, चरित्र, त्याग और तपस्या का ही प्रभाव था। भारत के प्रति उपजी भ्रांतियों का प्रतिकार करते हुए गाय के लिए प्रथम रोटी, पक्षियों के लिए परिंडे, चींटीयों के आटा और स्त्रियों को देवी समान पूज्य मानने की भारतीय गौरवशाली संस्कृति को विवेकानन्द ने विश्व पटल पर रखा था। वहाँ जिस हिन्दूधर्म की व्याख्या विवेकानन्द ने की थी, वहीं हिन्दुत्व का विचार ही आज विश्व का कल्याण कर सकता है। ये विचार व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय ंस्वयंसेवक संघ के महानगर संघचालक सुनीलदत्त जैन ने कहा कि आज श्रीराम और श्रवण कुमार के देश में बुजुर्ग माता-पिता को बोझ समझने की जो विकृति आ रही है उसे दूर करते हुए परिवार की हमारी परम्परा को जीवित रखना है। युवा पीढ़ी को पाश्चात्य विकृति से बचाते हुए शिक्षा को संस्कार से जोड़ने की जरूरत है। विवेकानन्द एक विचार हैं, चिन्तन हैं हमें उसी विचार को आत्मसात करना है। वे विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी की अजमेर शाखा के तत्वावधान में 11 सितम्बर, 2015 को होटल आराम के सभागार में आयोजित विश्व बंधुत्व दिवस समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जिला प्रमुख वंदना नोंगिया ने विवेकानन्द के संदेशों को प्रासंगिक बताते हुए उन्हें जीवन-व्यवहार में उतारने की बात कही। अध्यक्षता कर रहे केन्द्र के प्रान्त सह संचालक शिवराज शर्मा ने विवेकानन्द केन्द्र की विश्व बंधुत्व दिवस की मूल संकल्पना का विवेचन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर एकनाथ रानडे बाल महोत्सव के तहत आयोजित हुई विविध प्रतियोगिता के विजेता विद्यालयों को पुरस्कृत भी किया गया। केन्द्र परिचय नगर प्रमुख महेश शर्मा ने दिया तथा संचालन क्षितिज तोषनीवाल ने किया। कुसुम गौतम ने आभार अभिव्यक्त किया। कार्यक्रम में अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

श्वेता टाकलकर
नगर संगठक
विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी, अजमेर शाखा
संपर्क-9460438782

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