जय प्रकाश नारायण का जन्मदिन लोकतंत्र रक्षा दिवस के रूप में मनाया

20151011_175710भैंसा काम्प्लेक्स स्तिथ होटल कनक सागर में भारतीय जनता पार्टी शहर जिला अजमेर ने लोकनायक जय प्रकाश नारायण के 113 वे जन्मदिवस को लोकतंत्र रक्षा दिवस के रूप में बनाया
जिला मीडिया संयोजक अनीष मोयल ने बताया कि शहर जिला अध्यक्ष अरविन्द यादव ने जय प्रकाश नारायण के चरित्र पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया की जयप्रकाश नारायण (11 अक्टूबर, 1902 – 8 अक्टूबर, 1979) (संक्षेप में जेपी) भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे। उन्हें 1970 में इंदिरा गांधी के विरुद्ध विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता है। इन्दिरा गांधी को पदच्युत करने के लिये उन्होने ‘सम्पूर्ण क्रांति’ नामक आन्दोलन चलाया। वे समाज-सेवक थे, जिन्हें ‘लोकनायक’ के नाम से भी जाना जाता है। 1999 में उन्हें मरणोपरान्त भारत रत्न से सम्मनित किया गया। इसके अतिरिक्त उन्हें समाजसेवा के लिये १९६५ में मैगससे पुरस्कार भी प्रदान किया गया था पटना के हवाई अड्डे का नाम उनके नाम पर रखा गया है। दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा अस्पताल ‘लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल’ भी उनके नाम पर है।
पूर्व नगर सुधार न्यास अध्यक्ष श्री धर्मेश जैन ने कहा की जय प्रकाश नारायण व्यास ने लोकतान्त्रिक गठबंधन का गठन किया था और उन्होंने समग्र क्रांति का आगाज़ किया था
पूर्व सांसद श्री रासासिंह रावत ने जय प्रकाश नारायण के बारे में बताया की की 1939 मे उन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज सरकार के खिलाफ लोक आंदोलन का नेतृत्व किया। उन्होंने सरकार को किराया और राजस्व रोकने के अभियान चलाए। टाटा स्टील कंपनी में हड़ताल करा के यह प्रयास किया कि अंग्रेज़ों को इस्पात न पहुंचे। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और 9 महीने की कैद की सज़ा सुनाई गई। जेल से छूटने के बाद उन्होने गांधी और सुभाष चंद्र बोस के बीच सुलह का प्रयास किया। उन्हे बंदी बना कर मुंबई की आर्थर जेल और दिल्ली की कैंप जेल मे रखा गया। 1942 भारत छोडो आंदोलन के दौरान वे आर्थर जेल से फरार हो गए। 25 जून 1975 को आपातकाल लागु हुआ हम लोकतंत्र के प्रहरी है हम लोकतंत्र की रक्षा करेंगे!
पूर्व विधायक एवं मीसा बंदी श्री नवलराय जी बच्चानी ने कहा की जय प्रकाश नारायण जिनकी हुंकार पर नौजवानों का जत्था सड़कों पर निकल पड़ता था। बिहार से उठी सम्पूर्ण क्रांति की चिंगारी देश के कोने-कोने में आग बनकर भड़क उठी थी। जेपी के नाम से मशहूर जयप्रकाश नारायण घर-घर में क्रांति का पर्याय बन चुके थे। जय प्रकाश नारायण गांधीवादी थे और विनोबा भावे भी उनके साथी थे | जब बंदी थे तब किसी को मिलने भी नहीं देते थे श्री नवलराय बच्चानी ने जेल के अपने अनुभव साँझा किये
पार्षद श्री नीरज जैन के विशेष आग्रह पर श्री बच्चानी जी ने नानाजी देशमुख के जीवन पर प्रकाश डाला
सभी मंचासीन अतिथियों एवं कार्यकर्ताओ ने लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प लिया एवं अंत में प्रदेश अध्यक्ष श्री अशोक परनामी जी की धर्मपत्नी Lo- श्रीमती नीलम परनामी के निधन 2 मिनट का मोन रखकर श्रधांजलि अर्पित की
शहर जिला महामंत्री श्री रमेश सोनी ने कार्यक्रम का संचालन किया एवं शहर जिला महामंत्री श्री जय किशन पारवानी ने धन्यवाद ज्ञापित किया
महापौर धमेन्द्र गहलोत, रमेश सोनी, जे.के शर्मा, नीरज जैन, अनीष मोयल, महेन्द्र जादम, वीरेन्द्र वालिया, दीपेन्द्र लालवानी, योगेष शर्मा, धमेन्द्र शर्मा, रष्मि शर्मा, तारा रावत, घीसू गढ़वाल, देवेन्द्र सिंह शेखावत, शरद गोयल, विकास सोनगरा, ललित केसवानी, महेन्द्र मित्तल आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहें।

अनीश मोयल
जिला मीडिया संयोजक
भारतीय जनता पार्टी, अजमेर

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