नगर निगम की आम सभा में सदन में एक दिन पूर्व में अधिकारियों के साथ कुछ उन्मादी युवकों की ओर से किए गए अभद्र आचरण के विरोध में, आप सभी के आत्मिक सहयोग से अधिकारियों को विकट परिस्थिति में भी कर्तव्य परायणता हेतु माला पहना कर उनके आत्मसम्मान की रक्षा करने का प्रयास किया गया, आप के अनुसार क्या यह न्यायोचित नहीं है। अगर किसी स्तर पर कोई कार्य गलत हुआ भी है, तो गणतांत्रिक संवैधानिक तरीके से बात रखी जा सकती है, मुंह काला करने जैसा आहत करने जैसा कार्य मुझे व्यक्तिगत, सामाजिक, संस्कारिक स्तर पर आहत करता है। इस प्रकरण पर एवं सर्वहितार्थ मेरे द्वारा भविष्य लिए जाने वाले निर्णयों हेतु आप मार्गद करें।
समीर षर्मा, कांग्रेस काउसंलर

I agree . It can be putup under constitutional ways . Nonbody hv such right.