रुक्टा राष्ट्रीय के तत्वावधान में नवसम्वतसर के उपलक्ष में संगोष्ठी

DSC03317अजमेर। सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय, अजमेर रुक्टा राष्ट्रीय के तत्वावधान मंे नवसम्वतसर, विक्रम् संवत् 2073, के उपलक्ष मंे एक विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर के अध्यक्ष प्रो. बी. एल. चौधरी थे। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रुक्टा राष्ट्रीय के महामंत्री डॉ. नारायण लाल गुप्ता थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. दीपकराज मेहरोत्रा ने की।
विचार संगोष्ठी का प्रारम्भ भारत माता व माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रवज्ज्लन से हुआ। डॉ. सुशील कुमार बिस्सू ने विषय परिचय देते हुए कहा कि भारतीय काल गणना के अनुसार सृष्टि का निर्माण हुआ है। एवं आज विश्व के वैज्ञानिक इस तथ्य को स्वीकार करने लगे है। अतः नक्षत्रों की गतियों पर आधारित काल गणना वैज्ञानिक एवं अनुकरणीय है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. एन. एल. गुप्ता ने नवसम्वतसर के आधात्मिक, वैज्ञानिक, ऐतीहासिक एवं प्राकृतिक महत्व का उल्लेख करते हुए भारतीय काल गणना की वैज्ञानिकता को स्पष्ट किया। डॉ. गुप्ता ने कहा की अंग्रेजी कलैण्डर की मान्यता के पीछे राजनैतिक कुटनितिक एवं ऐतिहासिक कारण है न कि वैज्ञानिक। दुनिया मंे सबसे पाचीन कलैण्डर भारतीय है, भारतीय काल गणना का आरम्भ सृष्टि के प्रथम दिवस से माना जाता है। डॉ. गुप्ता ने युवाओं से इतिहास को जानने वे भारत को पहचान की बात करते हुए पाश्चात्य नववर्ष की भारतीय नववर्ष से तुलना करते हुए समाज को श्रेष्ठ मार्ग पर ले जाने का संदेश दिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. बी. एल. चौधरी ने कहा की सृष्टि का प्रारम्भ, सम्वतों का प्रारम्भ, राम का राज्यारोहण, नवरात्र प्रारम्भ, झूलेलाल अवतरण आदि घटनाऐं नवसम्वतर को हुई। प्रो. चौधरी ने कहा की हम सभी को नववर्ष की उपयोगिता की व्यक्ति के जीवन में प्रासंगिकता को समझने की आवश्यकता है। कार्यक्रम अध्यक्ष प्राचार्य मेहरोत्रा ने सभी को नवसम्वतसर की सुभकामनाऐं देते हुए उत्साह एवं आनन्द से इसे मनाने की बात कही। कार्यक्रम के अन्त मंे इकाई सचिव डॉ. लीलाधर सोनी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए नववर्ष की बधाई दी।

error: Content is protected !!