शिविर प्रभारी श्री जगदीश नारायण बैरवा ने बताया कि केकड़ी में वाद संख्या: 98/2010 के अन्तर्गत सभी वादीगण ने वाद दायर कर रखा था, जिसमें वर्षाे चक्कर लगाने के बावजूद उनको अपनी पैतृक सम्पति में अधिकार प्राप्त नहीं हो पा रहा था, क्योंकि भूप्रबन्ध से प्राप्त रिकाॅर्ड में वादीगण के दादा का नाम दर्ज नहंीं होने के कारण उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा था। उक्त जांच के बाद में शिविर में वादी एवं प्रतिवादीगण के बीच आपसी समझाईश की गई एवं राजीनाम करवाया गया एवं वादीगण को खातेदार घोषित कर रिकार्ड में अंकन करवाकर नकल की प्रति उपलब्ध करवाई गई। इस प्रकार छोटी सहित अन्य वादीगण त्वरित न्याय एवं पैतृक भूमि में हक मिलने से काफी प्रसन्न होकर शिविर से लौटे। –0
