शोर्य उत्सव में छाया राणा का प्रताप

302291292297अजमेर। मातृभूमि और धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप की गाथा अजमेर की धरा पर गूंजी। यह पहला मौका था जब महाराणा प्रताप की जयंती के रूप में तीन दिन तक शोर्य का उत्सव मनाया गया। विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों ने अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त किया। कार्यक्रमों में हर उम्र की उपस्थिति ने इसे ऊचाईयाँ दी। अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिव शंकर हेडा की पहल पर हुए इन सभी कार्यक्रमों में अजमेर विकास प्राधिकरण के स्लोगन ‘‘अजमेर का विकास सबके साथ’’ की भावना के साथ कई संगठनों व नागरिकों की सहभागिता रही।
चेतक रैली ने बनाई अलग पहचान
राणा प्रताप के शोर्य उत्सव की शुरूआत चेतक रैली से हुई। सम्राट पृथ्वीराज चौहान महाविद्यालय में स्थित महाराणा प्रताप स्मारक से रैली की शुरूआत अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा के नेतृत्व में हुई। शहर के विभिन्न मार्गों से निकली इस रैली का जगह-जगह लोगों ने उत्साह के साथ स्वागत किया। ‘‘जय शिवा सरदार की, जय राणा प्रताप की’’ नारों से रैली मार्ग गूंज उठा। रैली में चल रहे एडीए अध्यक्ष शिव शंकर हेडा सहित अन्य का विभिन्न स्थानों पर गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। लोगांें ने कहीं साफा बांधा तो कहीं तलवार भंेट कर शोर्य उत्सव की सराहना की। चेतक रैली को आकर्षक बनाने के लिए विशेष तैयारियां की गई थी। इसमें शामिल हुए युवाओं ने हाथों में भगवा ध्वज और महाराणा प्रताप के चित्र से सजी टी-शर्ट पहन रखी थी। विभिन्न स्थानों पर हुई आतिशबाजी ने लोगों का मन मोह लिया। चेतक रैली में शामिल लोगों के लिए व्यापारियों व आमजन ने विभिन्न स्थानों पर जलपान की भी व्यवस्था की थी।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में बिखरी राजस्थानी छठा
तीन दिन चले कार्यक्रमों में महाराणा प्रताप स्मारक पर हुई सांस्कृतिक संध्या में राजस्थानी छठा बिखरी। सप्तक संस्था की अगुवाई में विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों ने एक से बढ़कर एक संास्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी। कार्यक्रम में कालबेलिया और घूमर नृत्य विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। इसके अलावा ‘‘भारत म्हारो देश’’, ‘‘मेरा रंग दे बसंती’’ और ‘‘मायड थारो पूत कठे’’ गीतों पर दी गई प्रस्तुतियों ने समा बांध दिया।
दुशमन के आगे झुकी नहीं, राणा प्रताप की धरती
शोर्य उत्सव का समापन राष्टृीय स्तर के कवि सम्मेलन के साथ हुआ। देश के ख्यातनाम ओज के कवि हरिओम पवंार सहित अन्य कवियों को सुनने के लिए सैंकडों की संख्या में लोग महाराणा प्रताप स्मारक पहुंचे। कवियों ने महारणा प्रताप की शोर्य गाथा गाने के साथ-साथ पाकिस्तान और कश्मीर के वर्तमान हालातों पर भी देशभक्ति से परिपूर्ण कविाताएं सुनाकर तालियां बटोरी। कवि सम्मेलन में जाने माने कवि देवास से शशिकांत यादव, जयपुर से अशोक चारण, रासबिहारी गौड, नीमच से प्रेरणा ठाकरे और भरतपुर से आए गौरव दुबे ने ओजपूर्ण काव्य पाठ कर कवि सम्मेलन को सफलता के शिखर तक पहुंचाया।
विचार गोष्ठी से दिया राष्टृभक्ति का संदेश
शोर्य उत्सव के दौरान हुई विचार गोष्ठी से राष्ट्रभक्ति के विचार से युवाओं को जोडा गया। विधानसभा के उपाध्यक्ष राव राजेंद्रसिंह ने महाराणा प्रताप के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सत्ता से बडी मातृभूमि है। महाराणा प्रताप के जीवन का सबसे बडा संदेश ही यहीं था। राणा प्रताप चाहते तो वो भी अन्य की तरह मुस्लिम शासक अकबर की अधीनता स्वीकार कर लेता, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं कर मातृभूमि की रक्षा के लिए जंगलों में रहकर अनेक कष्ट सहे। विचार गोष्ठी में इतिहासविद नवलकिशोर उपाध्याय ने अपने विचार रखें।
ये रहे शोर्य उत्सव के सहयोगी
अजमेर विकास प्राधिकरण, मां भारती ग्रुप, सरदार पटेल नवयुवक मंडल, श्री माहेश्वरी प्रगति संस्थान, शिव सेना कई संस्थाओं ने भूमिका निभाई। कार्यक्रम में अजमेर विकास प्राधिकरण के उपायुक्त कृष्णा अवतार त्रिवेदी, वित्तीय निदेशक रश्मी बिस्सा, अधिशाषी अभियंता अनुप टंडन, सहायक अभियंता ओम प्रकाश सोलंकी, कनिष्ठ अभियंता अमित बजाज, आनन्द सिंह राजावत, विजय दिवाकर, डॉ. अरविन्द शर्मा, राजेंद्रसिंह पंवार, संदीप भार्गव, सोमरत्न आर्य, नरेन्द्र सिंह शेखावत, कंवल प्रकाश किशनानी, भगवती सिंह बारहठ, रमेश शर्मा, संजीव नागर, रामकिशन प्रजापति, सी.पी. गुप्ता, अशोक राठी, रविन्द्र जसोरिया, देवेन्द्र सिंह शेखावत, डॉ. प्रियशील हाड़ा सहित अन्य का भी सहयोग रहा।
जनप्रतिनिधियों और अधिकारी रहे उपस्थित
राणा प्रताप के शोर्य उत्सव को सफल बनाने के लिए अधिकारियों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर इसे यादगार बनाया। इनमें संभागीय आयुक्त हनुमान प्रसाद मीणा, कलेक्टर गौरव गोयल, आई.जी. मालिनी अग्रवाल, केंद्रीय राज्यमंत्री सी.आर. चौधरी, विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेंद्रसिंह, शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी, महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल, संसदीय सचिव सुरेश रावत, शत्रुधन गौतम, महापौर धर्मेंद्र गहलोत, जिला प्रमुख वंदना नोगिया, उपमहापौर सम्पत सांखला, डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष अरविंद यादव, जिलाध्यक्ष प्रो. बी.पी. सारस्वत सहित अन्य ने भाग लिया।

स्मारक पर जलपान गृह का हुआ शुभारंभ

महाराणा प्रताप स्मारक पर पर्यटकों के लिए जलपान गृह का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम में उपस्थिति अतिथियों ने 40 लाख की लागत से बनी का फीत काट कर शुभारम्भ किया। एडीए की ओर से पीने के पानी और जनसुविधा की व्यवस्था की गयी। शीघ्र ही जलपान गृह प्रारम्भ किया जायेगा।
मातृभूमि की सेवा ही संदेश – हेडा
तीन महीने के अल्प समय में महाराणा प्रताप स्मारक बनवाने वाले एडीए के अध्यक्ष शिव शंकर ने कहा कि स्वाभिमान के लिये कष्टो को स्वीकार करने वाले महाराणा प्रताप जन-जन के लिए आदर्श हैं। महाराणा प्रताप के जीवन का सबसे बडा संदेश मातृभूमि की सेवा करना है। अजमेर में महाराणा प्रताप स्मारक पर्यटन स्थल के साथ-साथ युवा पीढी के लिए बडी प्रेरणा का स्त्रोत है। महापुरूषों का जीवन लोगांें के लिए मार्ग प्रशस्त करता है। राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस स्मारक का उदघाटन कर लोगों को सुपुर्द किया। इस तरह के स्मारक सिर्फ पूर्वजों का स्मरण करना ही नहीं है बल्कि पीढियों को गौरवशाली इतिहास से जोडना भी है। उनके शोर्य की गाथा लोगों तक पहुंचाने के लिए हर साल इस तरह का उत्सव मनाया जाएगा। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिस तरह अजमेर की विभिन्न संस्थाओं से जुडे पदाधिकारियों ने एक टीम की तरह काम करके यह दर्शा दिया है कि राजस्थान की धरती पर मातृभूिम की रक्षा करने वाले हर वीर का सम्मान हमेशा किया जाएगा।

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