अजमेर। केसरगंज इलाके में इदगाह के अन्दर बने ट्रांसपोर्ट गोदाम में मंगलवार को लगी भीषण आग से लाखों रुपये का नुकसान हो गया। तकरीबन 4 घंटे तक आग का तांडव चला। सेंट एन्स्लम स्कूल के ठीक पीछे लगी आग से कुछ ही देर में अफरा-तफरी मच गई। आग की खबर शहर में जंगल की आग की तरह फैली और स्कूल और मीडिया के फोन घनघनाने लगे। स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के परिजन को छुट्टी की सूचना दे दी गई और स्कूल खाली करा दिया गया। वहीं ईदगाह के चारों तरफ बने संकड़े रास्तों के कारण दमकल वाहनों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा। इस अग्निकाण्ड में प्रारम्भिक तौर पर 80 से 90 लाख के नुकसान का अंदाजा लगाया जा रहा है। आग पर काबू पाने में 20 से अधिक दमकल की गाडियां घटनास्थल पहुंची लेकिन फिर भी आग पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका।
लोगों ने आरोप लगाया है की यदि नगर निगम का अग्निशमन विभाग समय पर पहुंच जाता तो शायद आग इतना विकराल रूप धारण नहीं कर पाती। मंगलवार सुबह केसरगंज स्थित ईदगाह में दरगाह कमेटी की जगह पर बने केमिकल, कपड़ों के ट्रांसपोर्ट गोदाम में लगी आग से इलाके में अफरातफरी मच गई। आस पास रहने वाले लोगों ने आग पर काबू पाने का काफी प्रयास किया। फायर ब्रिगेड को भी तुरंत ही सूचना दी गई लेकिन देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। लगभग आधा घंटा देर से पहुंची दमकल की गाडियों ने आग पर काबू पाने की कोशिश जारी रखी।
बताया जा रहा है कि गोदाम में केमिकल के ड्रम थे, जिनमें एक के बाद एक विस्फोट होते रहे और आग विकराल रूप धारण करती रही। इस हादसे में एक मोटर साइकल, टैंपू सहित कई अन्य वाहन भी आग की भेंट चढ़ गए। सुचना के बाद नगर निगम मेयर कमल बाकोलिया, विधायक अनिता भदेल, यूआईटी चेयरमेन नरेन शाहनी, प्रतिपक्ष नेता नरेश सत्यावना, एडीएम सिटी जगदीश पुरोहित, एसडीएम निशु अग्निहोत्री ने मौके पर पहुंच कर हालातों का जायजा लिया। वहीं जादूगर के युवा स्वयं सेवक मनोज उर्फ टोपी, कमलेश, त्रिलोकी नाथ आदि युवाओं ने पहुंच कर काफी हद तक आग को बढऩे से रोका और आग बुझाने में सहयोग दिया।
हादसा स्थल के पास ही शहर का सब से प्रतिष्ठित सेंट एन्सलम स्कूल भी है। हादसे और लगातार होते विस्फोटों के चलते स्कूल प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए स्कूल को खाली करवा दिया।
स्थानीय लोगों का आरोप है की इस इलाके में नियमों को ताक में रखकर अवैध गोदाम संचालित किये जा रहे हैं, जिसकी सूचना कई बार प्रशासन को दी गई लेकिन प्रभावशाली लोगों के गोदाम होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की जाती है।