मयाणी अस्पताल प्रांगण में निःशुल्क योग शिविर जारी

WP_000332WP_000335मनुष्य जीवन के संतुलित विकास का आधार योग है। योग का उद्देश्य केवल मात्र शरीर का लचीलापन या रोगमुक्त होना ही नहीं है अपितु योग एक आदर्श जीवन पद्धति है जिसके माध्यम से मनुष्य अपना सर्वांगीण विकास कर सकता है। योग तपस्वियों के लिए साधना, सद्ग्रहस्थों के लिए जीवन शैली तथा रोगियों के लिए औषधि है। आज दुनिया योग के प्रति लालायित है तथा विभिन्न देशों में योग को लेकर अनुसंधान किए जा रहे हैं तथा विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों को सफल बनाने के लिए योगिक प्रक्रियाओं का उपयोग बड़े उत्साह से किया जा रहा है। उक्त विचार पतंजलि योग समिति के महामंत्री स्वतन्त्र शर्मा ने मयाणी अस्पताल परिसर में आयोजित निःशुल्क योग शिविर के अवसर पर योग का प्रशिक्षण प्रदान करते हुए व्यक्त किए। उक्त शिविर प्रातः 5.15 से 6.45 तक चल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन दो प्रकार का स्नान, एक बार पसीने से और एक बार जल से करने पर मनुष्य का शरीर कभी रोगग्रस्त नहीं हो सकता। उन्होंने स्नान करने के तरीके के बारे में भी बताया कि साबुन से नहाने से त्वचा की सुरक्षात्मक परत का क्षरण हो जाता है। उन्होंने प्राकृतिक स्नान के तरीके भी बताए जिसमें दूध, बेसन, मुल्तानी मिट्टी, सूखे तौलिये से रगड़कर किया जाने वाला स्नान सम्मिलित है। आज के शिविर में युवाओं को सूर्यनमस्कार का महत्व बताया गया तथा सूर्यनमस्कार के अभ्यास भी कराए गए।
योग प्रशिक्षक विष्वास पारीक, सुषांत ओझा तथा भवानी शंकर द्वारा शिविरार्थियों का योगाभ्यास के दौरान मार्गदर्शन किया।
उक्त शिविर का समापन रविवार 16 जून को किया जाएगा।

जिला महामंत्री
पतंजलि योग समिति
दूरभाष 9414259410

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