अजमेर। जिला कलक्टर श्री वैभव गालरिया ने मिड-डे मील के तहत स्कूलों में विद्यार्थियों को वितरित किये जा रहे दोपहर के भोजन के बारे लगातार आ रही शिकायतों को ध्यान में रखते हुए आगामी 16 अगस्त से नांदी फाउन्डेंशन को किशनगढ़ व अजमेर के शहरी क्षेत्रों के विद्यालयों में ही मिड-डे मील की जिम्मेदारी दी है।
कलेक्ट्रेट में आयोजित एक बैठक में कलक्टर श्री गालरिया ने स्पष्ट कहा कि नांदी फाउन्डेंशन किशनगढ़ द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की स्कूलों में वितरित किये जाने वाले मिड-डे मील की गुणवता में काफी कमी पायी गई है। जिसका मुख्य कारण भोजन का सुबह जल्दी तैयार होना और उसे ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों में पहुंचा देने से दोपहर को बच्चों को वितरित करने पर उसकी गुणवता में गडबड़ी होने लगती है। चपातियां खाने लायक नहीं होती और कई बार सब्जी में बदबू भी आने लगती है। बैठक में निर्णय लिया गया कि नांदी फाउन्डेंशन किशनगढ़ व अजमेर शहर की स्कूलों के छात्र-छात्राओं को ही दोपहर का भोजन समय पर वितरित करे जिससे खाने की गुणवता भी बने रहे और बच्चें उसे चाव से खाये भी।
जिला कलक्टर ने आगामी 16 अगस्त से इस व्यवस्था को अंजाम देने के निर्देश दिए और कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की स्कूलों में पूर्व की भांति स्कूल द्वारा मिड-डे मील तैयार किया जाएगा।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सी.आर. मीना ने बताया कि 700 से अधिक स्कूलों को पूर्व में मिड-डे मील के लिए गैस कनेक्शन दिए हुये है।, जिनके पास नहीं है उन्हें गैस कनेक्शन उपलब्ध करावा दिए जाएंगे। अन्य सामग्री व बर्तन पूर्व से ही उपलब्ध हैं। खाना पकाने के लिए संबंधित व्यक्ति को नियमानुसार भुगतान किया जाता है। स्कूलों में बनने वाले भोजन को छात्र-छात्राओं को चाव से खाते हैं। बैठक में अतिरिक्त कलक्टर शहर श्री किशोर कुमार, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री महेन्द्र शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक व प्राथमिक शिक्षा, नांदी फाउन्डेंशन के अजमेर व किशनगढ़ के प्रतिनिधि तथा जिला परिषद के लेखा अधिकारी श्री के.जी. सोमानी भी मौजूद थे।
बैठक में बताया गया कि गत सप्ताह ही जिला कलक्टर के निर्देश पर 185 स्कूलों में वितरित किए गए मिड-डे मील की जाँच कराई गई थी।
