मदनगंज-किशनगढ़। चांदनी रात में भगवान राम दरबार, राधा-कृष्ण व शेर पर सवार मां दुर्गा की आदमकद मूर्तियों एवं फूलों से सुसज्जित भव्य रविन्द्र रंगमंच पर चन्द्रमा समान शीतल रूपी संत के सानिध्य में आयोजित हुई भजन संध्या में रात की गुलाबी ठण्ड के मध्य श्रोता भजनामृत गंगा में गोते लगा रहेथे। श्री दशहरा मेला कमेटी के तत्वावधान में दशहरे मेले के अंतर्गत आयोजित सात दियसीय साहित्यक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में बुधवार को रात्रि रविन्द्र रंगमंच परिसर में आयोजित विशाल भजनामृत गंगा में प्रख्यात भजन गायको द्वारा एक से बढ़कर एक भजन प्रस्तुत कर भक्ति संगीत का जादू बिखेरा।
काचरिया पीठ के पीठाधीश श्री जय कृष्ण देवाचार्य के सानिध्य मे आयोजित इस भजन संध्या मे हजारों भजन प्रेमी रात्रि तक भावविभोर व मंत्रमुग्ध होकर झूमते रहे। भजनामृत गंगा मे साईनाथ, श्रीराम परिवार व मां दुर्गा का दरबार सजा कर भजन संध्या का शुभारंभ करते हुए संचालनकर्ता डी सी चौहान ने मर्यादा पुरोषोतम श्री राम के जयकारे के साथ मंगल भवन अमंगल हारी राम सीयाराम सीयाराम जय जय राम भजन प्रस्तुत कर भक्ति संगीत की विधिवत शुराआत की। वही कोटा से आयी रजनी शर्मा ने राम भक्त हनुमान का दुनिया मे भक्त हजारो हे बजरंग बली का क्या कहना भजन व भीलवाडा के मा. समीर ने सिरडी वाले साई बाबा आया हे तेरे दर पे सवारी भजनो के द्वारा वातावरण को भक्ति और आस्था के रंग मे भिगो दिया। भजन संध्या मे राधा कृष्ण, भगवान शिव व काली माँ की जीवन्त प्रस्तुति से पांडाल मे बैढे श्रद्धालु भक्ति और आस्था के रंग मे हिलोरे लेते नजर आये। झालावाड की अल्का शर्मा बन्सी वाले श्याम मुरारी क्यो देर लगाये…, माता शेरावाली का नसीबा तेरा जाग जाये गा…, ओह म्हारी झोपडी मे एक बार आजा आजा रे म्हारा सेठ सांवरा… भजनो की प्रस्तुति ने श्रद्धालुओ को भाव विभोर होकर नाचने पर मजबुर कर दिया। स्थानीय भजन गायीका खुशबु सोमानी द्वारा खाटु श्याम बाबा के भजनो की प्रस्तुति से पांडाल मे उपस्थित लोगो को श्याम का दिवाना बना दिया। इससे पुर्व भजन संध्या मे आये अतिथि राजेन्द्र जैन, निर्मल रावका, ओमप्रकाश राठी, राजेश जैन, अनुप वैद, संतोष गर्ग, शुभम जैन व रूकमणी देवी का कमेटी के पदाधिकारीयो द्वारा माल्यार्पण कर स्वागत किया व स्मृति चिन्ह प्रदान किये।
बहाई देशभक्ति की गंगा – भजन संध्या में कोटा की रजनी शर्मा ने श्रद्धालुओ को महाराणा प्रताप का हल्दी घाटी रो समर लडय़ो वो चेतक को असवार कठे वो महाराणा प्रताप कठे भजन के द्वारा प्रताप की विराता को नमन कर देश भक्ति की गंगा बहाई।
-राजकुमार शर्मा
