जिसका परिणाम ये हुआ कि 18 जून से अजमेर की विद्युत व्यवस्था संभालने और जनता को बेहतर सेवाएं देने का दम भरने वाली टाटा पावर ने अपनी थर्ड पार्टी मुंबइया कंपनी को बेरोज़गार नवयुवको को झांसा देकर भर्ती करने का काम सौंप दिया ।
सूत्रों के अनुसार टाटा कम्पनी की सबलेट कम्पनी ने विद्युत रखरखाव कार्य एवं विद्युत शिकायत निवारण कार्य के लिए अप्रशिक्षित बेरोज़गार युवाओ को भर्ती किया है । इन युवाओ को थर्ड पार्टी मुंबइया कंपनी ने इंटरव्यू के समय मौखिक तौर पर 12 हज़ार वेतन देने का आश्वासन देकर भर्ती कर लिया । इसके अलावा खाली कागज़ पर हर आवेदनकर्ता से हस्ताक्षर भी कराए गए जिसके की बाद में दुर्घटना होने की स्थिति में कुछ भी लिखा जा सके । इन युवाओं से कंपनी को 3 महीने का नोटिस दिए बिना देकर नौकरी छोड़ने पर 3 महीने का अग्रिम वेतन भी जमा कराने को कहा गया है । इन युवाओ को भर्ती करते वक्त कोई भी नियुक्ति पत्र नही दिया गया है व केवल मौखिक आश्वासन पर टाटा पावर के नाम पर धोखा देकर भर्ती किया गया है ।
अब लगभग 15 दिन के प्रशिक्षण के बाद भी ये बेरोज़गार युवा कुछ भी संतोषजनक कार्य सीख नही पाये है व कार्य सीखने के लिए निगमकर्मियों के हाथ पांव जोड़ रहे है । जानकारी में आया है कि लगभग 250 भर्ती युवाओ में से करीब 80 युवक नौकरी छोड़कर जा चुके है और बाकी बचे युवक समझदारी से नौकरी छोड़ने का विचार कर रहे है । शुरआत होने से पहले ही धोखा होने से युवक डरे हुए है और अपने भविष्य को लेकर आशंकित है ।
इन सभी बेरोजगारों को टाटा पावर में परमानेंट होने का प्रलोभन देकर थर्ड पार्टी मुंबइया कम्पनी गुमराह कर रही है । ऐसे में यदि कोई दुर्घटना हो गयी तो जिम्मेदार कौन होगा यह बता पाना मुश्किल है ।
अब देखना ये है कि बचे हुए अप्रशिक्षित बेरोज़गार युवा टाटा पावर के नाम पर अपना भविष्य बना पाते है या अपने ऊपर आश्रित अपने परिजनो के लिए चिंताजनक और असहज स्थिति पैदा करते है ?
